0

Indore Master Plan: इंदौर शहर में टूटेंगे 650 मकान, मगर विस्थापन की कोई योजना नहीं

इंदौर में मास्टर प्लान की 23 सड़कों के निर्माण के लिए 2875 मकानों को तोड़ना पड़ेगा। इनमें से 650 मकान पूरी तरह से तोड़े जाएंगे, लेकिन नगर निगम के पास इन मकानों में रहने वाले लोगों के पुनर्वास की कोई योजना नहीं है।

By Kuldeep Bhawsar

Publish Date: Fri, 07 Feb 2025 02:01:04 PM (IST)

Updated Date: Fri, 07 Feb 2025 02:04:35 PM (IST)

इंदौर नगर निगम का दफ्तर।

HighLights

  1. इंदौर शहर में मास्टर प्लान की सड़कों के निर्माण के लिए मकान तोड़े जाएंगे।
  2. नगर निगम के पास पुनर्वास की कोई योजना नहीं है, लोगों को क्या मिलेगा?
  3. चौड़ीकरण में दुकानें भी जाएंगी, दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का संकट।

कुलदीप भावसार, नईदुनिया, इंदौर। इंदौर नगर निगम भले ही दावा करे कि उसने मास्टर प्लान की 23 सड़कों का काम शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है, लेकिन वास्तविकता यह है कि अब तक विस्थापन को लेकर कोई नीति तय ही नहीं हुई है।

मास्टर प्लान की 23 सड़कों के निर्माण में 2875 मकान बाधक हैं। इनमें से करीब 650 ऐसे हैं, जो पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे यानी इन मकानों में रह रहे लोगों को वैकल्पिक स्थान देने के अलावा नगर निगम के पास कोई चारा नहीं है।

चौड़ीकरण में जा रहा मकान

नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मास्टर प्लान की सड़कों को लेकर हुई विभागों की बैठक में कहा था कि जो लोग पीढ़ियों से रह रहे हैं और जिनका पूरा मकान चौड़ीकरण में जा रहा है, उन्हें वन बीएचके नहीं, कम से कम टू या थ्री बीएचके फ्लैट दिए जाएं।

naidunia_image

फ्लैट नहीं हैं

समस्या यह है कि नगर निगम के पास शहरी क्षेत्र में कहीं भी टू या थ्री बीएचके फ्लैट नहीं हैं। ऐसे में सवाल यह है कि जब निगम के पास टू और थ्री बीएचके फ्लैट उपलब्ध ही नहीं हैं तो विस्थापितों को देंगे कैसे। अब तक निगम ने यह भी तय नहीं किया है कि किस व्यक्ति को कहां विस्थापित किया जाएगा।

किसे क्या मिलेगा, यह अब तक तय नहीं

सड़क चौड़ीकरण में जिन लोगों के मकान शत प्रतिशत जाते हैं, उन्हें नीति के तहत नगर निगम प्रधानमंत्री आवास योजना में तैयार किए गए वन बीएचके फ्लैट देता रहा है। शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 12 हजार आवास तैयार किए गए थे, जिनमें से करीब चार हजार अब भी खाली हैं, लेकिन ये सभी शहर के बाहरी इलाकों में हैं।

समस्या यह भी है कि नगर निगम ने अब तक ऐसी कोई सूची तैयार नहीं की है, जिससे यह पता चल सके कि किस व्यक्ति को कहां फ्लैट दिया जाएगा। अब तक चली आ रही नीति में एक समस्या यह भी है कि सड़क चौड़ीकरण के लिए एक हजार वर्गफीट का मकान देने वाले और 200 वर्गफीट का मकान देने वालों को एक ही चश्मे से देखा जाता है।

naidunia_image

जिनकी पूरी दुकानें जा रही, उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं

मास्टर प्लान की 23 सड़कों का एक बड़ा हिस्सा व्यावसायिक क्षेत्र से गुजरेगा। इन क्षेत्रों में ज्यादातर मकानों की तल मंजिल में दुकानें संचालित हो रही हैं। कई जगह मकान मालिक ने दुकानें बेच भी दी हैं। सड़क चौड़ीकरण में ये मकान पूरे जाने की स्थिति में मकान मालिक को तो फ्लैट मिल जाएगा, लेकिन दुकान मालिकों के कुछ हाथ नहीं आएगा, क्योंकि दुकानों के विस्थापन की कोई व्यवस्था ही नहीं है।

एक अनुमान के मुताबिक मास्टर प्लान की 23 सड़कों में कम से कम 300 दुकानें चौड़ीकरण की जद में शत प्रतिशत आ रही हैं। चौड़ीकरण की वजह से इन दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।

अब तक तैयार नहीं हुई है सूची

यह बात सही है कि अब तक यह सूची तैयार नहीं हुई है कि किस व्यक्ति को कहां फ्लैट दिया जाएगा। अब तक लागू नीति के तहत जिन लोगों का मकान शत प्रतिशत जा रहा है उन्हें वन बीएचके देने का प्रविधान है। कैबिनेट मंत्री ने टू-थ्री बीएचके फ्लैट देने की बात कही थी। कलेक्टर इस संबंध में नीति बनाएंगे। यह बात सही है कि हमारे पास शहरी क्षेत्र में फ्लैट उपलब्ध नहीं हैं। हम आपसी समन्वय से काम करेंगे। जल्दी ही इस बारे में नीति बनेगी। – राजेंद्र राठौर, महापौर परिषद सदस्य

शहर के बाहरी क्षेत्र में मकान

हमारे पास शहर में टू-थ्री बीएचके फ्लैट नहीं हैं। वर्तमान में शिप्रा और भूरी टेकरी क्षेत्र में टू और थ्री बीएचके फ्लैट बन रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तैयार वन बीएचके के फ्लैट भी शहर के बाहरी क्षेत्र में हैं। शहर में नगर निगम के पास कोई फ्लैट नहीं हैं। – डीआर लोधी, नगर निगम इंजीनियर

Source link
#Indore #Master #Plan #इदर #शहर #म #टटग #मकन #मगर #वसथपन #क #कई #यजन #नह
https://www.naidunia.com/madhya-pradesh/indore-indore-master-plan-650-houses-to-be-demolished-but-no-rehabilitation-plan-in-place-8379391