केंद्रीय आर्थिक कार्य मंत्रालय के अधिकारियों ने पहली बार इंदौर मेट्रो का निरीक्षण किया है। इंदौर पहुंचे अधिकारियों ने कहा कि बंगाली चौराहे से पलासिया तक मेट्रो लाइन अंडर ग्राउंड बनाने पर विचार किया जाएगा। जमीन के अंदर मेट्रो लाइन डालने के लिए 1600 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
By Udaypratap Singh
Publish Date: Thu, 19 Dec 2024 08:37:43 AM (IST)
Updated Date: Thu, 19 Dec 2024 08:51:08 AM (IST)
HighLights
- मंत्रालय के अधिकारियों ने देखा मेट्रो प्रोजेक्ट का काम।
- प्रोजेक्ट के पहले चरण में 17 किमी का हिस्सा बनना है।
- एनडीबी 1600 करोड़ रुपये लोन के रूप में दे रहा है।
उदय प्रताप सिंह, नईदुनिया इंदौर। इंदौर मेट्रो का बंगाली चौराहे से पलासिया तक हिस्सा अंडर ग्राउंड करने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए करीब 1600 करोड़ रुपये की जरूरत है। केंद्रीय आर्थिक कार्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार हमें इस संबंध में जो प्रस्ताव देगी, उस पर नियमानुसार विचार किया जाएगा।
मंत्रालय की यह टीम पहली बार निरीक्षण के लिए इंदौर आई। बुधवार को मंत्रालय के अन्य बहुपक्षीय संस्थाएं प्रभाग की अवर सचिव नीलिमा मिंज व सेक्शन ऑफिसर हिमांशु सिंह ने इंदौर मेट्रो डिपो व प्रायोरिटी कॉरिडोर के स्टेशन नंबर पांच व तीन का निरीक्षण किया।
प्रायोरिटी कॉरिडोर के स्टेशनों का निरीक्षण
वे इंदौर मेट्रो निर्माण कार्य की प्रगति से संतुष्ट दिखे। बुधवार को नेशनल डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के सदस्यों ने भी मेट्रो के कास्टिंग यार्ड, सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के सभी स्टेशनों का निरीक्षण किया। गौरतलब है कि मेट्रो के प्रथम चरण में 17 किलोमीटर हिस्से के लिए एनडीबी ने 1600 करोड़ रुपये लोन के रूप में देना तय किया है।
इसमें से एनडीबी अभी तक लगभग 50 फीसद राशि दे चुकी है। ऐसे में एनडीबी के सदस्य यह आकलन कर रहे हैं कि मेट्रो को दी गई राशि का उपयोग किस तरह हुआ है।
एनसीआर, ग्रेटर नोएडा में कुछ नहीं था, मेट्रो बनी तो विकास हुआ, ऐसा यहां भी होगा
केंद्रीय आर्थिक कार्य मंत्रालय की अवर सचिव नीलिमा मिंज ने कहा कि जब एनसीआर में ग्रेटर नोएडा में मेट्रो चलाई गई थी तो उस समय वह क्षेत्र भी इंदौर के आज के सुपर कॉरिडोर की तरह हुआ करता था। मेट्रो बनने के बाद वहां विकास हुआ।
ऐसे में इंदौर में सुपर कॉरिडोर आज भले आउटर एरिया है, लेकिन यहां पर कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान आएंगे। रिक्त जमीन पर माल व अन्य निर्माण होंगे। यह भी भविष्य में रहवासी व व्यवसायिक हब के रूप में विकसित होगा।
मंत्रालय के सेक्शन आफिसर हिमांशु सिंह ने बताया कि मेट्रो के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। इंदौर में मेट्रो का निर्माण कार्य ठीक चल रहा है। हम पहली बार मेट्रो का भौतिक व वित्तीय निरीक्षण करने के लिए आए हैं। अभी तक मेट्रो का कार्य संतोषजनक है।
मेट्रो की रिंग बनने के बाद होगा फायदे का सौदा
सुपर कॉरिडोर पर मेट्रो के 5.9 किमी हिस्से पर फिलहाल कमर्शियल रन शुरू होना है। वहीं इसके बाद रेडिसन चौराहे तक 17 किलोमीटर हिस्से में कमर्शियल रन होगा। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक मेट्रो का अंडर ग्राउंड हिस्सा बनने क बाद जब मेट्रो की रिंग तैयार हो जाएगी तो इस पर काफी ज्यादा संख्या में यात्री सफर करेंगे।
उसके बाद इंदौर मेट्रो फायदे में होगी। शुरुआती स्तर पर मेट्रो स्टेशन पर विज्ञापन व दुकानों की बिक्री कर मेट्रो की आय बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। यात्री किराए से मेट्रो को आय स्तर पर ज्यादा लाभ नहीं होगा।
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