इंदौर में होटल शेरेटन ग्रैंड पैलेस के डायरेक्टर मनीष तिवारी की कार दुर्घटना में मौत हो गई। तेज रफ्तार में कार अनियंत्रित होकर दो घरों की दीवार से टकराई और फिर बिजली के खंभे को तोड़ते हुए पेड़ पर अटक गई। हादसे के पौन घंटे बाद एंबुलेंस आई, मनीष को अस्पताल ले गए तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
By Prashant Pandey
Publish Date: Sun, 24 Nov 2024 02:12:02 PM (IST)
Updated Date: Sun, 24 Nov 2024 02:12:02 PM (IST)
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Indore MR 11 Accident)। होटल शेरेटन ग्रैंड पैलेस के डायरेक्टर (फूड एंड बेवरेजेस) मनीष तिवारी की शुक्रवार देर रात सड़क हादसे में मौत हो गई। मनीष कार से घर लौट रहे थे तभी एमआर-11 पर उनकी तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर दो घरों की दीवार तोड़ते हुए बिजली के खंभों से टकराई और फिर एक घर की दीवार और पेड़ के बीच में जाकर अटक गई।
सिर, सीने और चेहरे पर गंभीर चोट लगने के कारण मनीष की मौके पर ही मौत हो गई। लसूड़िया टीआइ तारेश सोनी के मुताबिक घटना शुक्रवार रात तीन बजे की है। होटल में इवेंट समाप्त होने के बाद मनीष कार केए 53एमजे 1297 से अपने घर प्लाजा रेसिडेंसी जा रहे थे।
निपानिया कांकड़ क्षेत्र में एमआर-11 पर उनकी कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बने प्रेमचंद बकौलिया के घर से टकरा गई। गाड़ी की रफ्तार इतनी अधिक थी कि सबसे पहले बिजली के खंभों से टकराई जिससे दोनों खंभे मुड़कर झुक गए।
कार के एयरबैग भी फट गए थे
इसके बाद भी कार नहीं रुकी और खंभों पर चढ़ते हुए बकौलिया के घर की दीवार तोड़ते हुए 90 डिग्री घूम गई। इसके बाद घर के बाहर लगे पेड़, दीवार और बिजली के खंभों में जाकर अटक गई। कार के सभी एयरबैग खुल गए लेकिन टक्कर के कारण एयरबैग भी फट गए और मनीष उसी में फंसे रह गए।
प्रत्यक्षदर्शी अमर त्रिपाठी के मुताबिक पुलिस और लोगों की मदद से दरवाजे तोड़कर मनीष को बाहर निकाला और एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया। डॉक्टर ने उन्हें देखते ही मृत घोषित कर दिया। मूलत: मोनाबोली छपरा (बिहार) निवासी 36 वर्षीय मनीष पुत्र रवींद्रनाथ तिवारी ने छह महीने पूर्व ही होटल में नौकरी शुरू की थी।
पौन घंटे बाद पहुंची एंबुलेंस, अटेंडर मृत बताकर जाने लगा
प्रत्यक्षदर्शी अमर त्रिपाठी के मुताबिक कार में तेज आवाज में गाने बज रहे थे। चालक सीट बेल्ट लगाए हुए था। टकराने की तेज आवाज सुनकर बाहर निकले तो कार चालक फंसा हुआ था। बिजली के खंभे मुड़ने के कारण लाइट बंद हो गई थी।
सुरक्षा के लिहाज से बकौलिया के बच्चों को घर से बाहर निकाला। रहवासियों ने तुरंत पुलिस को काल लगाया। बीट में भ्रमण कर रहे पुलिसकर्मी तत्काल मौके पर आ गए लेकिन एंबुलेंस-108 ने आने में देर लगा दी। करीब पौन घंटे बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची।
ऑपरेटर ने पहले तो फोन होल्ड पर रखा। काफी देर बाद बात हुई तो ऑपरेटर खुद अपनी तबीयत खराब बताकर आने में आनाकानी करने लगा। पौन घंटे बाद एंबुलेंस मौके पर आई लेकिन अटेंडर ने कहा कार चालक की मौत हो गई है। शव ले जाने की अनुमति नहीं है। इतना कहकर वह जाने लगा तो उसे पुलिसवालों ने पकड़ा।
200 मीटर दूर लहराई, बैरिकेड से टकराई
पुलिस के मुताबिक मनीष की कार बहुत तेज रफ्तार में थी। मनीष बायपास से होटल गोल्डन लिव्स के पास वाले रास्ते से एमआर-11 की ओर आए थे। प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक करीब 200 मीटर दूर से कार असंतुलित हुई थी। उसने सबसे पहले सड़क किनारे रखे बैरिकेड को उड़ाया।
मनीष ने कार संभाली और एक बिजली के खंभे से बचा ली लेकिन पुन: संतुलन बिगड़ा और अंकिता के घर की दीवार तोड़ते हुए प्रेमचंद के घर में घुस गई। बकोलिया के बेटे रवि और योगेश चंचल किराना के नाम से दुकान चलाते हैं। कार ने दुकान को चपेट में ले लिया था।
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