{“_id”:”671266d734074b086a01b1ed”,”slug”:”indore-news-lokayukta-action-shiksha-vibhag-education-department-2024-10-18″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Indore News: एक लाख की रिश्वत ले रही थी शिक्षा विभाग की समन्वयक, लोकायुक्त ने पकड़ा”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
आरटीआई एक्टिविस्ट भी कर रहा था ब्लैकमेल, उसी की शिकायतें वापस करवाने के लिए मांग रही थी रिश्वत। दस लाख रुपए की मांग की थी, पहली किश्त में ही पकड़ा गई।
इंदौर लोकायुक्त ने जिला परियोजना समन्वयक शीला मेरावी को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ लिया। ट्रेजर टाउन बीजलपुर के दिलीप बुधानी की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई। दिलीप ने बताया कि वह MP पब्लिक स्कूल अशोक नगर एवं MP किड्स स्कूल अंजली नगर इंदौर के संचालक हैं। इनके दोनों ही स्कूल शासन से विधिक मान्यता प्राप्त होकर संचालित हैं। वर्ष 19-20 से 23-24 तक विधिक मान्यता के साथ इनके द्वारा छात्र /छात्राओं को 5वी एवं 8 वी बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित कराया गया था। इसके उपरांत भी आरटीआई एक्टिविस्ट संजय मिश्रा द्वारा उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था। जिला शिक्षा केंद्र इंदौर की जिला परियोजना समन्वयक सुशीला मेरावी के कार्यालय से सूचना के अधिकार अंतर्गत उनके दोनों स्कूलों के छात्र / छात्राओं की पांचवी एवं आठवीं की परीक्षा में सम्मिलित होने के संबंध में जानकारी मांगी जा रही थी।
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आरटीआई एक्टिविस्ट कर रहा था ब्लैकमेल
इस पर संचालक आवेदक दिलीप बुधानी को आरटीआई एक्टिविस्ट संजय मिश्रा ब्लैकमेल कर रहा था और शीला मेरावी के द्वारा कहा जा रहा था कि संजय मिश्रा उनके दोनों स्कूलों की मान्यता समाप्त करा देगा। शीला मेरावी जांच को समाप्त करवाने और संजय मिश्रा की शिकायतें वापस करवाने के लिए 10 लाख रुपए रिश्वत मांग रही थी। आवेदक दिलीप ने परेशान होने पर इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त राजेश सहाय को की। शिकायत सत्यापन उपरांत सही पाई गई और बातचीत के दौरान 4 लाख रुपए देने की बात तय हुई। आवेदक दिलीप शीला मेरावी को प्रथम किश्त के रूप में एक लाख रुपए रिश्वत देने गया उसी वक्त लोकायुक्त ने उसे पकड़ लिया। शीला मेरावी के खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। उन्हें कार्यालय में ही रिश्वत लेते पकड़ा गया।