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Kaal Bhairav Ujjain: भेंट से भर गया कालभैरव का खजाना, दो महीने में 25 लाख रुपये चढ़ावा आया

उज्जैन में महाकाल मंदिर के बाद काल भैरव मंदिर ऐसा दूसरा है मंदिर हैं, जहां सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां भगवान काल भैरव को मदिरा का भोग लगाया जाता। इन्हें मदिरापान करते हुए देखने की भक्तों में ललक रहती है। उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद काल भैरव मंदिर में बढ़ है दर्शनार्थियों की संख्या।

By Prashant Pandey

Publish Date: Sat, 07 Dec 2024 11:11:38 AM (IST)

Updated Date: Sat, 07 Dec 2024 11:26:55 AM (IST)

भगवान काल भैरव उज्जैन।

नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन(Kaal Bhairav Ujjain)। देशभर से आए भक्तों की भेंट से भगवान कालभैरव का खजाना भर गया है। मंदिर समिति ने दो माह बाद मंदिर की आठ भेंट पेटी खोली है। मंदिर कार्यालय में कैमरों की निगरानी में दो दिन चली दान राशि की गणना में मंदिर समिति को करीब 25 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई है।

मंदिर प्रशासक संध्या मार्कण्डेय ने बताया कि कालभैरव मंदिर में अलग-अलग स्थानों पर करीब 8 भेंट पेटिंया लगी हुई है। दो से तीन माह में अथवा पेटी भरने पर इनकी गणना की जाती है। इस बार दो माह बाद पेटियां खोली गई थी।

दो दिन में 8 भेंट पेटियों खोली गईं

गुरुवार को पांच बड़ी पेटी खोली गई थी, इन पेटियों से 16 लाख 48 हजार 970 रुपये प्राप्त हुए हैं। शुक्रवार को तीन छोटी भेंट पेटियां खेली गई, इनसे 8 लाख 48 हजार 855 रुपये प्राप्त हुए। ऐसे दो दिन में 8 भेंट पेटी से कुल 24 लाख 97 हजार 825 रुपये प्राप्त हुए हैं।

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महाकाल के बाद कालभैरव मंदिर में आते हैं भक्त

दान राशि की गणना बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों द्वारा की गई। प्राप्त राशि को बैंक में जमा किया गया है। देशभर से दर्शन करने 
आने आते हैं भक्त ज्योतिर्लिंग महाकाल के बाद कालभैरव शहर का एक मात्र मंदिर है, जहां भक्तों की संख्या सर्वाधिक रहती है।

कालभैरव को लगाया जाता है मदिरा का भोग

देशभर से भक्त यहां दर्शन पूजन के लिए आते हैं। भगवान कालभैरव को मदिरा का भोग लगाया जाता है। भगवान के मदिरा पान करते हुए दर्शन की हर भक्त को लालसा रहती है, इसलिए श्रद्धालु यहां खिंचे चले आते हैं। महाकाल महालोक का निर्माण होने के बाद से कालभैरव मंदिर में दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ रही है।

वैदिक रीति से संपन्न हुआ श्रीराम-जानकी का विवाह

अगहन शुक्ल पंचमी पर श्री रामजनार्दन मंदिर में श्रीराम विवाह का आयोजन हुआ। शाम को गोधूलि बेला में पंडितों ने वैदिक रीति से भगवान श्रीराम जानकी का विवाह कराया। विवाह समारोह में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल भी विवाहोत्सव में शामिल होने पहुंचे।

उन्होंने दर्शन पूजन कर प्रसादी ग्रहण की और कहा कि इस धार्मिक,पुरौणिक व ऐतिहासिक स्थान पर आकर दिव्य अनुभूति हो रही है। अगहन मास के शुक्ल पक्ष की विवाह पंचमी पर प्रभुश्रीराम व सीताजी के विवाह की मान्यता है। इसी मान्यता के अनुसार युवा शक्ति सांस्कृतिक समिति द्वारा श्री रामजनार्दन मंदिर में प्रतिवर्ष राम विवाह का आयोजन किया जाता है।

अभिषेक शर्मा ने बताया शुक्रवार को सुबह भगवान श्रीराम, सीता माता व लक्ष्मणजी का पंचामृत अभिषेक कर पूजा अर्चना की गई। इसके बाद भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराकर विशेष शृंगार हुआ। दिनभर विवाह की रस्में हुई, महिलाओं ने मंगल गान किया।

शाम को गोधूलि बेला में वैदिक रीति से विवाह संपन्न हुआ। प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने आरती की। श्रीराम विवाह के अवसर पर मंदिर में आकर्षक दीपमालिका सजाई गई थी। भक्तों को महाप्रसादी का वितरण किया गया। यशोधरा शर्मा, सुरेंद्र चतुर्वेदी, राकेश तिवारी, अभिषेक शर्मा सहित सैकड़ों भक्त मौजूद थे।

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