यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने एनएसयूआई (NSUI) की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मध्यप्रदेश में संचालित फर्जी प्राइवेट यूनिवर्सिटीज के खिलाफ कार्रवाई के लिए पीएस हायर एजुकेशन को पत्र लिखा है। पत्र में UGC ने स्पष्ट किया है कि फर्जी प्राइवेट यूनिवर्सिट
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शिकायत में इन बिन्दुओं को उठाया
- राज्य की 70% से अधिक प्राइवेट यूनिवर्सिटीज केवल कागजों पर संचालित हो रही हैं। इनके पास ना तो स्टाफ है और न ही मानक भवन।
- एमपी प्राइवेट यूनिवर्सिटी विनियामक आयोग ने 32 यूनिवर्सिटीज को नोटिस जारी कर 15 दिनों में योग्य कुलपति नियुक्त करने के निर्देश दिए थे।
- कई यूनिवर्सिटीज फर्जी पते पर संचालित हो रही हैं। छात्रों का प्रवेश भोपाल के नाम पर लिया जाता है, लेकिन कॉलेज रायसेन, विदिशा या सीहोर में चलता है।
- कुछ यूनिवर्सिटी डिग्री बेचने का गोरखधंधा भी कर रही हैं। छात्रों के प्रवेश का कोई समय निर्धारित नहीं है, और सत्र में सालभर एडमिशन दिए जा रहे हैं।
- स्टूडेंट्स से प्राइवेट यूनिवर्सिटीज द्वारा कम अटैंडेंस और लेट फीस पर जुर्माने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही हैं।
प्रमुख सचिव, हायर एजुकेशन को यूजीसी का पत्र।
एनएसयूआई बोला रवि परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश में संचालित सभी प्राइवेट यूनिवर्सिटी की गहन जांच की जाए और फर्जी प्राइवेट यूनिवर्सिटी को बंद कर दोषी संस्थानों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। यह कदम छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने और शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए आवश्यक है। रवि परमार ने कहा, “फर्जी प्राइवेट यूनिवर्सिटीज छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही हैं। हम राज्य सरकार और UGC से आग्रह करते हैं कि इस मामले में सख्त कदम उठाए जाएं और दोषी संस्थानों को बंद किया जाए।”
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