बालाघाट के कावेली गांव में नल जल योजना के तहत बनी पानी की टंकी से ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा, लेकिन वे इसे मोबाइल नेटवर्क के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। यह स्थिति प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाती है। पीएचई विभाग जल्द टंकी चालू करने का वादा किया है।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Mon, 16 Dec 2024 06:44:00 PM (IST)
Updated Date: Mon, 16 Dec 2024 06:44:00 PM (IST)
HighLights
- कावेली गांव में पानी की टंकी से नहीं हो रहा पानी सप्लाई
- ग्रामीण मोबाइल नेटवर्क के लिए टंकी का उपयोग कर रहे
- नक्सल प्रभावित गांव में टंकी बनी तो नेटवर्क समस्या सुलझी
नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट: जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर परसवाड़ा जनपद का नक्सल प्रभावित कावेली गांव इन दोनों चर्चाओं में है। यहां डेढ़ साल पहले नल जल योजना के तहत पानी की टंकी तो बना दी गई, लेकिन इस टंकी से आज तक ग्रामीणों को जलापूर्ति नहीं हो सकी है। अब इस टंकी का उपयोग ग्रामीण मोबाइल नेटवर्क की समस्या दूर करने के लिए कर रहे हैं।
बिना पानी उपयोगी बनी टंकी
कावेली गांव में मोबाइल नेटवर्क की समस्या है, जिसे देखते हुए ग्रामीण इस बेकाम टंकी पर चढ़कर नेटवर्क ले रहे हैं। जिस मकसद से लाखों रुपए खर्च कर बनाई गई पानी की टंकी को ग्रामीणों द्वारा अन्य उपयोग में लेना कहीं ना कहीं प्रशासन और विभागीय उदासीनता को उजागर करता है।
पानी नहीं पर मिल रहा नेटवर्क
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें 40 फीट ऊंची इस टंकी से पानी तो नहीं मिला, लेकिन यह मोबाइल नेटवर्क की समस्या दूर करने के लिए उपयोगी साबित हो रही है। भले ही टंकी से उन्हें पानी न मिल रहा हो लेकिन यहां चढ़कर उन्हें नेटवर्क जरूर मिलता है।
पानी की टंकी से नेटवर्क की समस्या सुलझी
जानकारी के अनुसार, नक्सल प्रभावित कावेली गांव में नेटवर्क की समस्या सालों पुरानी है। यहां लोगों को फोन पर बात करने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। कई बार ऊंचाई वाले स्थान पर जाकर लोग फोन पर बात या नेटवर्क का इस्तेमाल कर पाते हैं, लेकिन यह टंकी ग्रामीणों की समस्या सुलझाने में कारगर साबित हो रही है।
नेटवर्क के साथ अब टंकी में पानी भी आएगा
हालांकि, 40 फीट ऊंचाई पर चढ़कर मोबाइल पर बात करना जान को जोखिम में डालने वाला भी साबित हो रहा है। इस संबंध में पीएचइ विभाग के मुख्य कार्यपालन यंत्री ने बीएल उइके ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। पानी की टंकी जल्द से जल्द शुरू करने के लिए ठेकेदार को कहा जाएगा।
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