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MP को केंद्र से मिलेंगे 1.60 लाख करोड़ रुपए: इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होंगे 12 हजार करोड़, तीन साल में बनेंगे 12 लाख पीएम आवास – Madhya Pradesh News

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को जो बजट पेश किया है उसमें एमपी को केंद्रीय कर की हिस्सेदारी के रूप में 15 हजार 908 करोड़ रु. ज्यादा मिलेंगे। 2024-25 वित्तीय वर्ष में एमपी को केंद्रीय कर की हिस्सेदारी के रूप में 95 हजार 753 रुपए मिले थे, जो

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साथ ही 2024-25 के पुनरीक्षित अनुमान के अनुसार केंद्रीय कर के रूप में भी 5,247 करोड़ रुपए अतिरिक्त मिलेंगे। केंद्रीय योजनाओं के अनुदान के रूप में करीब 45 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे। इस तरह एमपी को 1.60 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि मिलेगी। इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 12 हजार करोड़ और मिलेंगे।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी फ्री इंटरनेट कनेक्टिविटी और एमबीबीएस की सीटें बढ़ाने का भी ऐलान किया है। साथ ही तीन साल में पीएम आवास ग्रामीण योजना के तहत 12 लाख मकान बनाने का भी ऐलान हुआ है। इसका फायदा मप्र को किस तरह मिलेगा? पढ़िए रिपोर्ट….

6 पॉइंट्स में जानिए एमपी को केंद्रीय बजट में क्या मिला

1.इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए मिलेंगे 12 हजार करोड़ रुपए वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने अधोसंरचना विकास (इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट) को गति देने के लिए विशेष पूंजीगत सहायता योजना को निरंतर रखने का निर्णय लिया है। प्रदेश में पूंजीगत व्यय लगातार बढ़ाया जा रहा है। इस योजना के तहत प्रदेश को आगामी वित्तीय वर्ष में 12 हजार करोड़ रुपए मिल जाएंगे।

राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में 15 हजार करोड़ रुपए प्राप्त करने का लक्ष्य रखा था। इसमें से अब तक 6,187 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। राज्य सरकार ने सात हजार करोड़ रुपए के प्रस्ताव और भेजे हैं। यह राशि भी केंद्र से मिलेगी। बता दें कि प्रदेश सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 64,738 करोड़ रुपए पूंजीगत निवेश का लक्ष्य रखा है।

2. 12 नए कॉलेज खुलेंगे MBBS की 2 हजार सीटें बढ़ेंगी

केंद्रीय बजट में अगले 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ाने की घोषणा की गई है। इसमें 2025-26 के सत्र में 10 हजार सीटें बढ़ेंगी। मध्य प्रदेश में अगले 3 साल में 12 नए कॉलेज शुरू होंगे। जिनमें एमबीबीएस की 2 हजार सीटें बढ़ जाएंगी। वर्तमान में प्रदेश में 13 ऑटोनॉमस मेडिकल कॉलेज है। जहां एमबीबीएस की 2275 और पीजी की 1262 सीटें है।

3.सरकारी स्कूलों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट फ्री- 20 लाख स्टूडेंट्स को सुविधा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्कूलों और शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने घोषणा की है कि भारत नेट परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।

माध्यमिक शिक्षा मंडल के एक अधिकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के मिडिल और हाय सेकेंडरी स्कूलों में 20 लाख से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं। केंद्र की इस योजना से स्कूलों में छात्रों तक इंटरनेट की पहुंच बढ़ेगी और पढ़ाई का तरीका बदलेगा। इस योजना का फायदा प्रदेश के 1,442 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी मिलेगा।

4.जल जीवन मिशन को एक्सटेंशन, 37 लाख परिवारों को फायदा जल जीवन मिशन को अब 2028 तक निरंतर रखने की घोषणा की गई है। इससे मध्य प्रदेश के 37 लाख परिवारों को फायदा होगा। एमपी में 1.11 करोड़ मकानों में घर-घर पानी पहुंचाने का टारगेट तय किया गया था। इसमें जनवरी 2025 तक 75 लाख 25 हजार घरों में नलों से पानी पहुंच सका है। यानी योजना का केवल 67 फीसदी काम पूरा हुआ है।

यह योजना 15 अगस्त 2019‎ को शुरू की गई थी। इसका पहला चरण 2024 में पूरा हो चुका है। पीएचई डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव पी नरहरि ने बताया कि योजना की डेडलाइन बढ़ने मध्य प्रदेश को फायदा मिलेगा। नरहरि के मुताबिक मध्य प्रदेश के लिए वर्ष 2023 में 30 हजार करोड़ की 40 योजनाएं स्वीकृत हुई हैं।

जिसे पूरा होने में 2 साल और लगेंगे। इसमें से केंद्र ने 16 हजार करोड़ रुपए दे दिए हैं। केंद्र से 2028 तक 20 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे।

5.ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए आधा प्रतिशत अधिक लोन मिलेगा राज्य सरकार जीएसडीपी के अनुपात में भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से तीन प्रतिशत तक ही बाजार से लोन ले सकती है। मगर, आधा प्रतिशत ऋण ऊर्जा के क्षेत्र में सुधार के लिए निर्धारित कदम उठाने के लिए लिया जा सकता है।

राज्य के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 20 दिसंबर को बजट पूर्व बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के अनुपात में चार प्रतिशत तक ऋण लेने की अनुमति देने की मांग रखी थी, लेकिन इसे नहीं माना गया। मार्च के पहले हफ्ते में जब 16वां वित्त आयोग आएगा तो एक बार फिर इस मुद्दे को बेहतर वित्तीय प्रबंधन का हवाला देकर उठाया जाएगा।

6.सीआरआईएफ फंड से फ्लाईओवर-सड़कों के लिए मिलेंगे 2800 करोड़ लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने सेंट्रल रोड एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (सीआरआईएफ) से सड़क व पुल बनाने के लिए 2,787.71 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं। इस राशि का प्रावधान केंद्रीय बजट में किया गया है। इस बजट से भोपाल, जबलपुर और उज्जैन में फ्लाईओवर और सड़कों का निर्माण किया जाएगा।

भोपाल में 559 करोड़ रुपए की लागत से 4 सड़कें और तीन फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। इसी तरह उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ को देखते हुए 647 करोड़ की लागत से 11 सड़कें बनाई जाएंगी। जबलपुर में 1113 करोड़ की लागत से दो फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव है। इसी तरह नरसिंहपुर, शाजापुर, आगर, देवास, मंदसौर और खरगोन में भी सड़कों का चौड़ीकरण किया जाएगा।

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दहलन मिशन का ऐलान, मालवा निमाड़ के किसानों को लाभ बजट में दलहन उत्पादक किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार द्वारा घोषित मिशन का लाभ मालवा और निमाड़ के किसानों को मिलेगा। इसका क्षेत्र लगभग 6.50 लाख हजार हेक्टेयर और उत्पादन 9.17 लाख टन हो गया है।

इसी तरह सब्जियों और फलों की खेती को बढ़ावा देने के साथ प्रसंस्करण, कोल्ड स्टोरेज और लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए कार्यक्रम चलाया जाएगा। प्रदेश में सब्जियों का रकबा 12.19 लाख हेक्टेयर हो चुका है। जबकि उत्पादन 242 लाख टन से ज्यादा हो गया है। इसी तरह फलों की खेती को देखा जाए तो यह 4.50 लाख हेक्टेयर है और उत्पादन लगभग 1 करोड़ टन हो गया है।

तुअर, उड़द, मसूर पूरा MSP पर खरीदेगी सरकार केंद्र सरकार अब तुअर, उड़द, मसूर पूरा MSP पर खरीदेगी। वर्तमान में इन दालों की सरकारी खरीदी पर हर साल लिमिट तय की जाती है। सरकार के फैसले से मप्र के किसानों को ज्यादा फायदा होगा।

जानकार कहते हैं कि मध्य प्रदेश प्रमुख दलहन उत्पादक राज्य है, लेकिन तुअर और उड़द का रकबा लगातार घट रहा है। लागत अधिक होने और अन्य उपज की तुलना में उचित मूल्य न मिलने के कारण किसान दलहन फसलों से दूर हो रहे हैं।

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, तुअर की बात करें तो वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 में 6.63% की कमी देखने को मिली थी। यही स्थिति उड़द की भी रही। इसका क्षेत्र 34% घटा, जबकि, मसूर के क्षेत्र 5.80% की वृद्धि हुई।

PM आवास ग्रामीण योजना में बनेंगे 12 लाख मकान ग्रामीण क्षेत्र में पीएम आवास योजना के लिए बजट में 54 हजार 832 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसमें से मध्यप्रदेश के खाते में 12 लाख मकान आए हैं। जो अगले तीन साल में बनेंगे यानी हर साल 4-4 लाख आवास मध्यप्रदेश में बनेंगे।

हालांकि, मध्यप्रदेश सरकार ने बीस लाख मकान स्वीकृत करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। इसमें से 12 लाख मकान बनाने की सैद्धांतिक सहमति ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दी थी। इस योजना के तहत अब तक 38 लाख मकान बन चुके हैं।

केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल के लिए 2400 करोड़ मिलेंगे

मप्र की केन-बेतवा और पार्वती कालीसिंध- चंबल नदी जोड़ परियोजना के लिए इस बार 2400 करोड़ मिल सकते हैं। केंद्र ने इसका बजट 400 करोड़ रु. बढ़ा दिया है। पिछले साल 4 हजार करोड़ का बजट प्रावधान किया था। बाद में रिवाइज बजट 2 हजार करोड़ कर दिया। इस बार रिवाइज बजट की तुलना में 400 करोड़ रु. बढ़ाए गए हैं।

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केंद्र सरकार ने बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के लोन की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान किया है। इससे मध्यप्रदेश के 72 लाख से अधिक किसानों को फायदा होगा। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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