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MP में कांग्रेस-बसपा से आए कई नेताओं से सरकार और संगठन असहज, भाजपा की बढ़ीं मुश्किलें

मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बसपा से आए नेताओं ने भाजपा की छवि को चुनौती दी है। विधायकों की शिकायतें सरकार की कानून-व्यवस्था पर हैं। भाजपा नेताओं ने ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई पर विचार शुरू किया है, जिससे पार्टी में नाराजगी बढ़ रही है।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Sat, 12 Oct 2024 05:24:30 PM (IST)

Updated Date: Sat, 12 Oct 2024 05:24:30 PM (IST)

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सभी नेताओं को चेताया।

HighLights

  1. दूसरे पार्टी से आए नेता बने भाजपा के लिए सिर दर्द
  2. कई विधायकों ने उठाई आवाज, नाराजगी जाहिर की
  3. बयानबाजी करने वाले विधायकों को भोपाल बुलाया गया

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया भोपाल। विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस, बसपा और अन्य दलों से आए नेताओं ने इन दिनों मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार और संगठन की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। बीते दिनों कई विधायकों ने भाजपा संगठन और सरकार की सार्वजनिक घेराबंदी की है और इनमें से अधिकतर अन्य दलों से आने वाले नेता हैं। भाजपा के पुराने नेताओं का मानना है कि इन्हें पार्टी की विचारधारा से कोई खास लेना-देना नहीं है, इसलिए ये सरकार की छवि खराब करने से भी सकुचाते नहीं हैं।

सोशल मीडिया पर हो रहे वायरल

हाल ही में विधानसभा से अपना त्यागपत्र सोशल मीडिया में वायरल करने वाले बृजबिहारी पटैरिया भी कांग्रेस से आए थे और भाजपा के टिकट पर सागर के देवरी से चुनाव जीता था। कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाकर एएसपी के सामने दंडवत होकर वीडियो को सोशल पर वायरल करने वाले मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल भी बसपा से भाजपा में आए थे।

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार के विरुद्ध सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति के विरुद्ध मोर्चा खोलने वाले पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह भी पहले कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे हैं, अब उनके पुत्र कामाख्या प्रताप सिंह छतरपुर जिले की महाराजपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं।

भाजपा कर रही चिन्हिंत

अब भाजपा के वरिष्ठ नेता इस पर विचार कर रहे हैं कि ऐसे नेताओं को चिह्नित कर कार्रवाई के दायरे में लाया जाए, जो सरकार और संगठन दोनों को जानबूझकर परेशान कर रहे हैं। बता दें, प्रदेश के तीन भाजपा विधायकों ने कानून-व्यवस्था और अधिकारियों की मनमानी को लेकर अपना दर्द सार्वजनिक किया है।

विधायकों के नाराजगी की वजह तलाशने की कोशिश

अब राजनीति के जानकार यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि इन विधायकों का दर्द वाजिब है या इसके पीछे कोई एजेंडा है, जिस कारण ये विधायक अपनी ही सरकार की फजीहत करा रहे हैं। मऊगंज से विधायक प्रदीप पटेल तो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुराग पांडे के सामने दंडवत हो गए। वह कानून-व्यवस्था की स्थिति और जिले में शराब व ड्रग्स के अवैध कारोबार से लंबे समय से नाराज बताए जाते हैं।

सोशल मीडिया पर विधायक का फोटो वायरल होने के बाद जबलपुर की पाटन सीट से विधायक व पूर्व मंत्री अजय विश्नोई भी उनके साथ आ गए। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘प्रदीप जी आपने सही मुद्दा उठाया है, लेकिन क्या करें शराब ठेकेदारों के आगे पूरी सरकार ही दंडवत है।’

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कांग्रेस विधायकों को लेने से भी नाराज हैं पार्टी नेता

उधर, आवश्यकता न होने के बाद भी कांग्रेस विधायकों से त्यागपत्र लेकर भाजपा में शामिल करने और टिकट देकर उपचुनाव लड़वाने के निर्णय से भी पार्टी का एक बड़ा वर्ग नाराज है। वर्ष 2023 में मिली अभूतपूर्व विजय के बावजूद अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह को कांग्रेस से भाजपा में लाया गया और उपचुनाव में टिकट भी दिया गया। इससे पार्टी का मूल कार्यकर्ता नाराज है।

इसके बाद विजयपुर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते रामनिवास रावत को भी त्यागपत्र दिलाकर मंत्री बनाया गया। इससे भी स्थानीय स्तर पर नाराजगी है। बयानबाजी करने वालों को भोपाल बुलाया पार्टी ने बयानबाजी करने और संगठन- सरकार के सामने परेशानी खड़ी करने वाले विधायकों को भोपाल बुलाया है। उन सभी को पार्टी की रीति-नीति से अवगत कराया जाएगा।

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