एमपी के नया गांव चेक पोस्ट पर भास्कर रिपोर्टर जिस ट्रक में क्लीनर बनकर बैठा उससे आरटीओ कर्मचारियों ने एक हजार रुपए वसूले।
मध्यप्रदेश सरकार ने अवैध वसूली की शिकायतों के बाद परिवहन विभाग के चेक पोस्ट तो बंद कर दिए, लेकिन मैदानी अमले ने वसूली बंद नहीं की है। राजस्थान-मध्यप्रदेश की सीमा पर नीमच जिले में नयागांव के बंद चेक पोस्ट के पास ही परिवहन विभाग के कर्मचारी चेकिंग के न
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सरकार ने प्रदेश के सभी चेक पोस्ट इसी साल 1 जुलाई को बंद कर दिए थे। इनकी जगह सामान्य जांच के लिए चेक पॉइंट बनाए। इन चेक पॉइंट की हकीकत जानने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने मध्यप्रदेश में राजस्थान और महाराष्ट्र की सीमा पर चेक पॉइंट की पड़ताल की।
नयागांव चेक पॉइंट पर परिवहन विभाग का अमला राजस्थान की ओर से आने वाले हर दूसरे ट्रक को रोककर वसूली करते मिला। हर ट्रक से कम से कम एक हजार रुपए लिए जा रहे हैं। जब चेक पोस्ट चालू थे, तब भी ऐसे ही हालात थे।
इसी चेक पोस्ट पर चेक पॉइंट है।
वसूली का नया सिस्टम… कागज देखकर बोले- वहां जाकर मिलिए तारीख – 19 दिसंबर। समय – सुबह 11 बजे। दृश्य – नयागांव चेक पोस्ट के पास नीमच आरटीओ केपी अग्निहोत्री गाड़ी के पास कुर्सी लगाकर बैठे हैं। इधर, फोरलेन पर परिवहन विभाग की ही एक अन्य गाड़ी खड़ी है। यहां तीन-चार कर्मचारी राजस्थान की ओर से आने वाले ट्रक को रोक रहे हैं। ट्रक को साइड में खड़ा करवाकर ड्राइवर या क्लीनर में से किसी एक को डॉक्यूमेंट लेकर अधिकारी के पास जाने को कह रहे हैं।
गाड़ी में बैठा अधिकारी कागज चेक कर लोडिंग माल की हाइट ज्यादा बताकर चालान की रसीद कटवाने का कहता हैं। ड्राइवर आग्रह करता है तो अधिकारी के पास खड़ा एक व्यक्ति दूर खड़े साथी से मिलने को कहता है।
ड्राइवर उस व्यक्ति के पास जाता है तो वह सीधे रुपए की डिमांड करता है। उसके पास एक डायरी है, जिसमें गाड़ी नंबर के उसके आगे रुपए लिखे हुए हैं।
ऐस हुई डील… ट्रक की हाइट ज्यादा है, नपती होगी तो चालान बनेगा, क्या करना है भास्कर रिपोर्टर चेक पोस्ट से दो किलोमीटर पहले राजस्थान की सीमा में ट्रक ड्राइवर कालूराम जाट से संपर्क कर उनके ट्रक में सवार हुआ। कालूराम के 22 पहिए के ट्रक की क्षमता 57.7 टन सामान ले जाने की है। रिपोर्टर ने कालूराम के कागज देखे तो उनमें 56.4 टन माल भरा होने का जिक्र मिला। यानी गाड़ी ओवर लोड नहीं थी।
गाड़ी की हाइट भी 13.2 फीट से 3 इंच कम थी। यानी सब कुछ चाक चौबंद। कालूराम का ट्रक जैसे ही नयागांव चेक पोस्ट के करीब पहुंचा उससे पहले आरटीओ के कर्मचारियों ने रोका। कालूराम के साथ भास्कर रिपोर्टर भी गया।
ट्रक ड्राइवरों से हो रही वसूली को कैमरे में कैद करने के लिए भास्कर रिपोर्टर क्लीनर बनकर ट्रक में सवार हुआ।
आरटीओ कर्मचारी : ड्राइवर कौन है? सिर्फ ड्राइवर आ जाओ।
रिपोर्टर : गाड़ी का मालिक तो मैं हूं सर।
कर्मचारी : गाड़ी का क्या लोड है?
ड्राइवर: अंडर लोड है।
कर्मचारी : गाड़ी की हाइट भी (ज्यादा) है यार।
ड्राइवर : सर हाइट ज्यादा नहीं है। 12 फीट ही है। नपवा लो?
( कर्मचारी ने साथी को इशारा करते हुए फीता देते हुए कहा- ले अर्जुन नापकर आ जा)
कर्मचारी : अगर गाड़ी नपेगी तो फिर चालान बनेगा। देख लो क्या करना? अगर रसीद कटवाना है तो अभी मैं पेन चला देता हूं रसीद बन जाएगी।
रिपोर्टर : साहब चालान नहीं बनाना है आप डॉक्यूमेंट देख लो?
सहयोगी अर्जुन : आपकी ऊपर वाली जेब में जो मोबाइल है उसे नीचे रखो। यहां मोबाइल रखना अलाऊ नहीं है।
कर्मचारी : जल्दी बताओ क्या करना है? रसीद बनवाना है या ऐसे ही सैटल करना है।
ड्राइवर : सिंगल गाड़ी है सर। चालान मत बनाइए। मेरी कोई गलती नहीं है।
कर्मचारी : (दूसरी तरफ इशारा करते हुए) वो नीली शर्ट वाला हमारा आदमी है, उनसे जाकर मिलो। कागज मुझे दो और हां, एक ही आदमी जाइए?
(रिपोर्टर फोरलेन के डिवाइडर पर झाड़ियों बीच खड़े व्यक्ति से मिलने उसके पास पहुंच गया।)
आरटीओ कर्मचारी ने नीली शर्ट वाले इसी आदमी के पास डील करने भेजा। उसके हाथ में एक डायरी और पेन था।
रिपोर्टर : सर, एक गाड़ी है साहब ने भेजा है।
कर्मचारी : अगर आपकी गाड़ी की हाइट ज्यादा है तो 5 या 10 हजार का चालान बनवा लो।
रिपोर्टर : सर ऐसा मत करो, सिंगल मोटर मालिक गाड़ी है। टायर भी फट गए हैं। इतना पैसा नहीं है। सर गाड़ी की हाइट ज्यादा नहीं है आप नाप लीजिए।
कर्मचारी : अगर 10 का नहीं बनवाना है तो 5 हजार का बनवा लीजिए?
रिपोर्टर: सर गाड़ी की बिल्कुल भी हाइट नहीं है। इसके बावजूद सर ने बोला कि आपसे मिल लीजिए, इसलिए मैं आपसे मिलने आया हूं। गरीब हूं सर मारे जाएंगे। आप देख लो?
ड्राइवर : आरटीओ साहब बोल रहे हैं 1 हजार रुपए लगेंगे।
कर्मचारी ड्राइवर की जेब में मोबाइल देखकर भड़क उठा और बोला- ऐसा काम क्यों करते हो? दोनों के पास मोबाइल ऊपर वाली जेब में है। इन दोनों को नीचे वाली जेब में डालो।
रिपोर्टर का मोबाइल छीनकर नीचे वाली जेब में डालते हुए कर्मचारी ने कहा- ऐसा काम क्यों करना? नीचे वाली जेब में ही रखो।
कर्मचारी : जब बात करने के लिए आते हैं तो ऐसा काम क्यों करते हो? मोबाइल को नीचे ही रखा करो।
जब रिपोर्टर में पैसे देते हुए फिर मोबाइल बाहर निकाला तो बोला- चले जाओ। ऐसे काम नहीं करना है। आपका चालान बनेगा।
रिपोर्टर : कितने रुपए देने हैं?
ड्राइवर: सर मेरी गाड़ी अंडर लोड है और न ही गाड़ी की हाइट ज्यादा है। गरीब हूं।
कर्मचारी : 1 हजार दे दो, तुम काम भी अपनी मर्जी का करना चाहते हो।
रिपोर्टर ने अपनी जेब से 500- 500 रुपए के दो नोट निकाले और ड्राइवर के जरिए …नीली शर्ट वाले आरटीओ कर्मचारियों को दे दिए।
कर्मचारी ने रिश्वत की राशि अपनी जेब में डालकर डायरी और पेन निकाला। पूछा- गाड़ी नंबर बोलो?
डील होने के बाद नीले शर्ट वाले कर्मचारी ने एक हजार रुपए वसूले और अपने डायरी में गाड़ी नंबर नोट किया।
दूसरे दिन आरटीओ केपी अग्निहोत्री को शक हुआ, दो कर्मचारियों को बुलाने भेजा भास्कर रिपोर्टर ने वसूली का स्टिंग करने के बाद दूसरे दिन पैदल घूमकर इस सिस्टम को और करीब से समझा। इस दौरान पता चला कि आरटीओ के लोग जगह-जगह जासूस की तरह खड़े रहते हैं। इन्हीं में से एक नयागांव का रहने वाला राहुल है। राहुल पुराने चेक पोस्ट की जगह खड़ा था। राहुल ने रिपोर्टर को रोका।
राहुल : आप पहले यहां से गुजरे थे, अब वापस जा रहे हैं। क्या रास्ता भटक गए हो?
रिपोर्टर : क्या सड़क पर चलने के लिए आपसे परमिशन लेनी पड़ेगी?
ये कहकर रिपोर्टर आगे एमपी की तरफ जाने वाले रोड पर चलने लगा। राहुल भी पीछे-पीछे आया।
राहुल : क्या गाड़ी पास करानी है ?
रिपोर्टर : तुम क्या करते हो?
राहुल: मैं ओवरलोडिंग गाड़ियों को पास कराने का काम करता हूं। इसके बदले 100- 200 रुपए मिल जाते हैं।
रिपोर्टर : तुम अपना नंबर दो।
राहुल : कल नयागांव आ जाना, तब मैं दूंगा।
राहुल को रिपोर्टर पर शक हो गया था, उसने आरटीओ को फोन लगाया। कुछ देर बाद बाइक पर सवार होकर आरटीओ के दो कर्मचारी रिपोर्टर के पास पहुंच गए।
कर्मचारी : आप कौन हैं?
रिपोर्टर : मैं नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHI) से हूं।
कर्मचारी : आप ट्रक ड्राइवर को रोक कर बात क्यों कर रहे हैं?
रिपोर्टर : ट्रक ड्राइवर से बातचीत कर रोड के बारे में पूछ रहा हूं।
कर्मचारी : हमारे साहब आपको बुला रहे हैं? साहब को शक है कि आप मीडिया से हैं या फिर भोपाल (परिवहन विभाग) से आए हैं? एक बार आप उनसे आप मिल लीजिए।
रिपोर्टर: आप लोग आगे चलिए, मैं ट्रक ड्राइवरों से बात कर आपके साहब से मिलता हूं।
चेक पॉइंट से कुछ दूरी पर आरटीओ का एवजी राहुल मिला। उसने रिपोर्टर से पूछा कि सड़क पर पैदल क्यों घूम रहे हो।
तमिलनाडु के ड्राइवर से 800 रुपए की रिश्वत ली भास्कर रिपोर्टर जब पैदल सड़क पर घूम रहा था, उसी दौरान तमिलनाडु के ट्रक TN52M6979 को आरटीओ की टीम ने रोका और ड्राइवर से पैसे लिए। रिपोर्टर ने आगे चलकर इस ट्रक के ड्राइवर जयपाल से बात की।
कितने पैसे लिए? जयपाल ने जवाब दिया- 800 रुपए। क्या पेपर में कोई कमी थी? वो बोला- नहीं सारे कागज सही थे।
नयागांव चेक पोस्ट के पास तमिलनाडु के ट्रक ड्राइवर जयपाल से पैसा वसूल करते आरटीओ कर्मचारी।
तेलंगाना का ड्राइवर बोला- बुरहानपुर में एक हजार वसूलकर पर्ची दी, कहा- अब कहीं नहीं लगेंगे नयागांव टोल नाके के पास भास्कर रिपोर्टर की मुलाकात TS28 T9269 ट्रक के ड्राइवर लिंगराज से हुई। लिंगराज ने बताया कि वह राजस्थान जा रहा है। उससे पूछा कि रास्ते में किसी ने पैसा लिया तो बोला कि बुरहानपुर आरटीओ ने एक हजार रुपए वसूले।
पिछली बार 2 हजार लिए थे। वह बोला कि बुरहानपुर में मुझे एक पर्ची दी थी और बोला कि अगले एक महीने तक कोई पैसा नहीं लेगा, लेकिन नयागांव में मुझसे 1 हजार रुवण् देने पड़े। अभी भी पैसा लेंगे ही।
नयागांव चेक पॉइंट पर एक घंटे में डेढ़ लाख की अवैध वसूली भास्कर रिपोर्टर ने एक घंटे नयागांव चेक पॉइंट पर खड़े होकर समझा कि आरटीओ के कर्मचारी कितने ट्रकों से पैसा वसूल करते हैं। फोरलेन टोल नाके के रिकॉर्ड के मुताबिक इस रोड से हर घंटे 600 वाहन गुजरते हैं। इनमें से से 60 फीसदी ट्रक दूसरे राज्यों के रहते हैं।
आरटीओ कर्मचारी दूसरे राज्यों के हर दूसरे ट्रक को रोकते दिखे। यानी एक घंटे में 150 से ज्यादा ट्रकों से डेढ़ लाख रुपए की वसूली।
पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा भी चेक पोस्ट की अवैध वसूली से करोड़पति बना
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के यहां लोकायुक्त ने छापे में 1.15 करोड़ नकद मिले थे। दूसरे मकान से 1.71 करोड़ नकद और 235 किलो चांदी मिली थी। दूसरे मकान में सौरभ का मित्र चेतन गौर रहता था। दूसरे मकान में मिली चांदी और नकदी भी सौरभ की थी।
आयकर विभाग की कार्रवाई में चेतन की कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ नकद मिले। चेतन से हुई पूछताछ के आधार पर आयकर विभाग ने कार में मिले सोने और नकदी को सौरभ की ही माना है।
सौरभ ने यह काली कमाई चेकपोस्ट से होने वाली अवैध वसूली से ही जुटाई थी। उसके पास प्रदेश के 47 चेकपोस्ट में से 23 चेकपोस्ट की जिम्मेदारी थी। परिवहन विभाग के सूत्र बताते हैं कि वह खुद चेकपोस्ट से वसूली गई रकम को आगे तक पहुंचाता था।
परिवहन मंत्री और आयुक्त से नहीं हुआ संपर्क दैनिक भास्कर ने मध्यप्रदेश के नयागांव पॉइंट पर चल रही अवैध वसूली को लेकर परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह से संपर्क करने का प्रयास। तीन बार कॉल किया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। परिवहन आयुक्त डीपी गुप्ता से भी उनका पक्ष जानने के लिए कई बार संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं हो पाई।
चेक पोस्ट और चेक पॉइंट में अंतर समझिए चेक पोस्ट: 1 जुलाई से पहले मप्र की सीमाओं पर 47 चेक पोस्ट थे। इन चेक पोस्ट से गुजरने वाले हर ट्रक को अपने कागज चेक कराने होते थे। साल 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद चेक पोस्ट की अहमियत खत्म हो गई। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने राज्यों को चेक पोस्ट हटाने के लिए कहा था।
चेक पॉइंट: 1 जुलाई के बाद मप्र में 45 चेक पॉइंट बनाए गए हैं। परिवहन विभाग के निर्देश के मुताबिक परिवहन अमले को मोबाइल यूनिट्स के जरिए राज्य में दाखिल होने वाले अवैध संचालित वाहनों की जांच करने। मोटर व्हीकल टैक्स और शमन शुल्क की वसूली का काम सौंपा गया है। अमले को हिदायत दी गई है कि वह वर्दी में ही चेक पॉइंट पर राज्य में दाखिल हो रहे अवैध वाहनों की जांच करें।
कल पढ़िए एमपी-महाराष्ट्र बॉर्डर पर सेंधवा के पुराने चेकपोस्ट पर कैसे हो रही वसूली…
पार्ट 2 में देखिए सेंधवा चेक पोस्ट पर वसूली का खेल।
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