0

MP में तहसील और जिलों की बदल जाएंगी सीमाएं, संभागीय मुख्यालयों से परिसीमन शुरू

मध्य प्रदेश में संभाग, जिला, तहसील और विकासखंड की सीमाओं में परिवर्तन का कार्य शुरू हो गया है। प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग ने भोपाल, सागर और ग्वालियर संभाग से इसकी शुरुआत की है। नवंबर में सभी संभागों में बैठकें होंगी, जहां जनप्रतिनिधियों के साथ सीमा परिवर्तन की आवश्यकताओं पर चर्चा की जाएगी।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Sun, 03 Nov 2024 05:52:57 PM (IST)

Updated Date: Sun, 03 Nov 2024 05:52:57 PM (IST)

चार से छह माह में आयोग की तैयारी पूरी करने का लक्ष्य।

HighLights

  1. सीमाओं के परिवर्तन का कार्य संभागीय मुख्यालयों से शुरू
  2. भौगोलिक स्थिति और जनसंख्या पर आधारित होगा पुनर्गठन
  3. दिसंबर के बाद जनगणना तक कोई परिवर्तन नहीं होगा

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल: मध्य प्रदेश में संभाग, जिला, तहसील और विकासखंड की सीमाओं में परिवर्तन का काम संभागीय मुख्यालयों से प्रारंभ होगा। प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग ने इसकी शुरुआत भोपाल, सागर और ग्वालियर संभाग से कर दी है। नवंबर में सभी संभागों में प्रशासनिक स्तर पर एक दौर की बैठक कर ली जाएगी। इसके बाद जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी, जिसमें सीमा परिवर्तन की आवश्यकता को लेकर चर्चा होगी।

आयोग दावे-आपत्ति आमंत्रित करेगा और फिर अपनी रिपोर्ट शासन को देगा। इसमें प्रक्रिया में एक वर्ष से अधिक का समय लगेगा। बता दें, प्रदेश सरकार ने मार्च, 2024 में प्रशासनिक इकाइयों की सीमा में परिवर्तन के लिए आयोग बनाने का निर्णय लिया था। सेवानिवृत्त आईएएस मनोज कुमार श्रीवास्तव और मुकेश कुमार शक्ला को इसका सदस्य बनाया गया है।

4 माह का समय

मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने लक्ष्य दिया है कि चार से छह माह के भीतर आयोग अपनी तैयारी पूरी कर ले। इसे देखते हुए आयोग ने संभागीय मुख्यालयों से दौरे प्रारंभ किए हैं। अभी तक भोपाल, सागर और ग्वालियर संभाग के दौरे किए जा चुके हैं। नवंबर में ही सभी संभागीय मुख्यालयों का दौरा करने के बाद जिला स्तर पर संवाद का कार्यक्रम प्रारंभ होगा।

लोगों से भी लिए जाएंगे सुझाव

आयोग को काम करने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के विकास भवन में स्थान और संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। सदस्य मनोज कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि हमने अपना काम प्रारंभ कर दिया है। तीन संभागों में अभी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठकें की हैं। सभी संभागों में इस तरह की बैठक करने के बाद जनप्रतिनिधियों से संवाद होगा। सार्वजनिक सूचना जारी करके लोगों से सुझाव लिए जाएंगे और फिर व्यावहारिक पहलुओं को देखते हुए अनुशंसा की जाएगी।

भौगोलिक स्थिति और जनसंख्या बनेगी आधार

सूत्रों का कहना है कि प्रशासनिक इकाइयों की सीमा में परिवर्तन का मुख्य आधार भौगोलिक स्थिति और जनसंख्या को बनाया जाएगा। कुछ तहसीलें ऐसी हैं, जो जिला मुख्यालय से काफी दूर हैं, जबकि दूसरे जिले की सीमा से वे लगी हुई हैं। ऐसी तहसीलों को दूसरे जिले में शामिल करने के साथ नए जिले के निर्माण की आवश्यकता का भी आयोग परीक्षण करेगा। जिले की जनसंख्या के हिसाब से नई तहसीलें भी बनाई जाएंगी। नए विकासखंड बनाने के प्रस्ताव भी भारत सरकार को भेजे जाएंगे।

दिसंबर के बाद नहीं होगा कोई परिवर्तन

वर्ष 2025 में जनगणना होनी है। इसे लेकर जनगणना महानिदेशालय ने दिसंबर तक प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं को फ्रीज करने के निर्देश दिए हैं यानी इसके बाद जब तक जनगणना का काम पूरा नहीं हो जाएगा कोई नई प्रशासनिक इकाई नहीं बनेगी। यही कारण है कि प्रदेश में सीमा परिवर्तन का काम जनगणना की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही होगा।

Source link
#म #तहसल #और #जल #क #बदल #जएग #समए #सभगय #मखयलय #स #परसमन #शर
https://www.naidunia.com/madhya-pradesh/bhopal-boundaries-of-tehsils-and-districts-will-change-in-mp-delimitation-starts-from-divisional-headquarters-8357834