मुख्यमंत्री डा. यादव ने मध्यप्रदेश पर केंद्रित टीवी कॉमर्शियल का विमोचन किया। पर्यटन विभाग की ओर से बनाये गये इस फिल्म में प्रदेश के धार्मिक, प्राकृतिक और पुरातात्विक महत्व के स्थानों को दिखाया गया है।
By prashant vyas
Publish Date: Fri, 01 Nov 2024 10:14:15 PM (IST)
Updated Date: Fri, 01 Nov 2024 10:14:15 PM (IST)
HighLights
- आयोजन की शुरुआत मध्य प्रदेश गान से हुई।
- मध्य प्रदेश को प्रकृति का आशीर्वाद मिला हुआ है।
- नदियों के लिये राज्य की सीमाओं की बाधा नहीं होनी चाहिये।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मध्य प्रदेश की स्थापना के 69वें समारोह का उत्साह शुक्रवार को चरम पर रहा। राजधानी के रविंद्र सभागम में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश को प्रकृति का आशीर्वाद मिला हुआ है। हिमालय से गंगा के उद्गम और अन्य नदियों की जल राशि को देखें तो उससे कहीं अधिक जल राशि नर्मदा, सोन ,चंबल ,ताप्ती आदि से प्रवाहित होती है। मध्यप्रदेश नदियों के मायके की तरह है। उन्होंने कहा कि नदियों की जलराशि से लोगों के कल्याण के लिये राज्य की सीमाओं की बाधा नहीं होनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों की बात पर प्रधानमंत्री का भी यही संकल्प है। इस नाते उन्होंने महत्वपूर्ण केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के लिए समाधान का मार्ग प्रशस्त किया। केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना भारत की प्रथम नदी जोड़ो परियोजना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच पिछले 20 वर्ष से पार्वती-चंबल-कालीसिंध परियोजना की गति नहीं बढ़ रही थी, जिसकी अब स्वीकृति हो गई है। केन-बेतवा परियोजना से बुंदेलखंड में सिंचाई और पानी की सुविधा व्यापक स्तर पर नागरिकों और किसानों को मिलेगी।
यह परियोजना एक इतिहास रचने पर कार्य करेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डा. यादव ने मध्यप्रदेश पर केंद्रित टीवी कॉमर्शियल का विमोचन किया। पर्यटन विभाग की ओर से बनाये गये इस फिल्म में प्रदेश के धार्मिक, प्राकृतिक और पुरातात्विक महत्व के स्थानों को दिखाया गया है। आयोजन की शुरुआत मध्य प्रदेश गान से हुई। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग, राज्य मंत्री कृष्णा गौर, लखन पटेल, सांसद वीडी शर्मा और आलोक शर्मा समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
पौराणिक अतीत से वर्तमान विकास यात्रा तक की बात
मुख्मयमंत्री ने कहा कि प्रदेश से 1956 से लेकर अब तक एक लंबी यात्रा तय की है। यहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने चित्रकूट में वनवासकाल का सर्वाधिक समय गुजारा। भगवान श्रीकृष्ण ने भी यहीं के उज्जैन आकर शिक्षा ग्रहण की थी। विकास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2005 में पांच मेडिकल कालेज ही थे, जिनकी संख्या वर्तमान में 20 हो गई है। आगामी दो वर्ष में मेडिकल कालेज की संख्या 28 हो जाएगी।
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