मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी जिलों के कलेक्टर-कमिश्नर से वर्चुअल बैठक कर किसानों से संबंधित मुद्दों जैसे खाद उर्वरक और बीज वितरण, धान व सोयाबीन खरीदी संबंधी व्यवस्थाएं, नरवाई प्रबंधन, पराली प्रबंधन, राजस्व महाअभियान 3.0, मिलावटखोरी रोकथाम, जनजातीय योजनाएं, सीएम हेल्पलाइन एवं प्रदेश की कानून व्यवस्था के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
By Vaibhav Shridhar
Publish Date: Sat, 23 Nov 2024 12:28:52 PM (IST)
Updated Date: Sat, 23 Nov 2024 12:28:52 PM (IST)
HighLights
- मुख्यमंत्री ने कहा- उपार्जन और खाद वितरण की व्यवस्थाएं देखने मैदान में उतरें अधिकारी।
- नियम विरुद्ध काम करने वालों पर कार्रवाई के लिए उच्च स्तर से निर्देश की प्रतीक्षा नहीं करें।
- नकली बीज के मामले में दोषियों पर हो कार्रवाई। रैन बसेरों में ठंड से निपटने करें इंतजाम।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। जिले में विकास और कानून व्यवस्था के कामों के लिए कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) जिम्मेदार होंगे। उनकी जिम्मेदारी है कि वे जिले में व्यवस्था बनाएं। यदि कोई नियम विरुद्ध काम करता है तो कार्रवाई करने के लिए उच्च स्तर से निर्देश की प्रतीक्षा नहीं करें। उपार्जन और खाद वितरण का काम ठीक से हो, इसके लिए स्वयं मैदान में उतरें। यह निर्देश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार देर शाम कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में दिए।
मुख्यमंत्री 24 से 30 नवंबर तक इंग्लैंड और जर्मनी के प्रवास पर जा रहे हैं। इसके पहले उन्होंने विभिन्न विषयों पर कलेक्टर-कमिश्नर के साथ वर्चुअल बैठक कर जानकारी ली और निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता कानून व्यवस्था के साथ विकास है।
कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है। जिले में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार अधिकारी हैं। दोनों का दायित्व है कि शांति व्यवस्था बनी रहे और विकास कार्य तेजी के साथ हों। जो भी नियम विरुद्ध काम करे, उस पर कार्रवाई हो और इसके लिए उच्च स्तर से निर्देश की प्रतीक्षा नहीं की जाए।
खाद वितरण व्यवस्था की करें निगरानी
डॉ. यादव ने कहा कि सोयाबीन का उपार्जन चल रहा है और आने वाले दिनों में ज्वार, बाजरा के साथ धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो और किसानों को परेशानी भी नहीं होनी चाहिए। हमारे पास खाद उपलब्ध है और उसके अनुसार सही तरीके से वितरण हो। कलेक्टर स्वयं व्यवस्थाएं देखने मैदान में दिखें। नकली बीज बांटने के मामलों में दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही ऐसा न हो, यह भी सुनिश्चित किया जाए।
पराली संबंधी मामलों में सिवनी का अनुसरण करें
खेतों में पराली (नरवाई) जलाने से पर्यावरण को होने वाली क्षति के बारे में किसानों को बताकर उन्हें जागरूक बनाएं। सिवनी जिले में इस दिशा में अच्छा काम हुआ है, उसका अनुसरण अन्य जिले भी करें। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 30 जिलों के 400 ग्रामों में सुपर सीडर और हैप्पी सीडर के प्रयोग की रणनीति बनाई गई है। इससे नरवाई के नियंत्रण का काम होगा। बैठक में मुख्यमंत्री आवास स्थित कार्यालय में मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
परीक्षा का समय है, ध्वनि विस्तार यंत्रों पर हो नियंत्रण
मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षाओं का समय है। विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में परेशानी न हो, इसलिए तेज ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर नियंत्रण हो। जानलेवा कोलाहल सहन नहीं किया जाएगा। नशे पर रोकथाम आवश्यक है। पुलिस अधीक्षक, पुलिस अमले को निर्देशित कर स्वयं भी नशे की सामग्री लाने वालों पर नजर रखें। सीमावर्ती जिलों में विशेष ध्यान दिया जाए। नशायुक्त सिरप के उपयोग को भी रोका जाए। रैन बसेरों में शीतकाल के मद्देनजर गर्म वस्त्रों की व्यवस्था हो और वहां रहने वालों का स्वास्थ्य परीक्षण भी हो।
ये भी दिए निर्देश
- – राजस्व महाअभियान में एक लाख से अधिक नामांतरण, दस हजार से अधिक बंटवारा, लगभग 20 हजार सीमांकन, एक लाख 39 हजार नक्शा बटांकन और लगभग दो लाख आधार से खसरे लिंक करने के लक्ष्य को पूरा करने पर फोकस करें।
- – हम होंगे कामयाब अभियान 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक चलेगा। इसमें जेंडर आधारित हिंसा को रोकने के लिए जागरूकता की गतिविधियां होंगी।
- – वाहनों में पैनिक बटन के उपयोग से महिलाओं के सम्मान को प्रभावित करने के मामलों पर नियंत्रण किया जाए।
- – गीता जयंती के अवसर पर 11 दिसंबर को राज्यव्यापी कार्यक्रम होंगे। जिलों में सांस्कृतिक और बौद्धिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएं।
- – सीएम हेल्प लाइन में लंबित शिकायतों को समय-सीमा में सुलझाने को प्राथमिकता दी जाए।
- – पीएम स्वनिधि योजना के हितग्राहियों के लिए शिविर लगाने, बैंकर्स के साथ समन्वय और चिन्हित सेवाओं को आन बोर्ड करने का काम किया जाए।
- – धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कृष्ट अभियान को सफल बनाने समान अवसरों का सृजन, सामाजिक-आर्थिक स्तर का विकास, बुनियादी ढांचे के सुधार और स्वास्थ्य, शिक्षा व आजीविका के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर काम हो।
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