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MPPSC में सिलेक्ट अस्थि बाधित का डांस वीडियो: मेंस टॉपर को 63/175, 155 नंबर वाला इंटरव्यू टॉपर पूर्व विधायक का बेटा, सिलेक्शन पर सवाल – Madhya Pradesh News

श्रवणबाधित शख्स कोचिंग में पढ़ा रहा है और अस्थिबाधित युवती डांस कर रही है। ऐसे वीडियो हैरान करने वाले हैं, लेकिन उससे भी ज्यादा हैरान करने वाला है एमपी-पीएससी की दिव्यांग कैटेगरी में इनका सिलेक्शन।

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मुख्य परीक्षा में 1400 में 798 नंबर लाकर टॉप करने वाले को इंटरव्यू में 175 में 63 नंबर मिले हैं। ये पहली बार हो रहा है जब मेंस का टॉपर न डिप्टी कलेक्टर बन पाया न डीएसपी। जबकि मेंस में 734 नंबर लाने वाला इंटरव्यू के नंबरों से डिप्टी कलेक्टर बन रहा है।

सिलेक्ट हुए कई उम्मीदवारों के रिश्तेदार नेता हैं। एमपी-पीएससी का रिजल्ट इन्हीं मामलों को लेकर सवालों के घेरे में आ गया है।

एक फंक्शन में डांस करती हुईं प्रियंका कदम का वीडियो वायरल हो रहा है।

क्या है पूरा मामला पढ़िए ये रिपोर्ट-

मामले में दैनिक भास्कर ने सबसे पहले प्रियंका कदम से बात की। उन्होंने स्वीकार किया कि वो डांस करती हैं, लेकिन ऐसा कभी-कभी ही होता है। इसके लिए भी उन्हें पेनकिलर का सहारा लेना पड़ता है।

भास्कर से प्रियंका की बातचीत उनकी ही जुबानी…

मेरे दोनों पैरों की टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई है। उसके बाद डॉक्टर ने बहुत सारे रिस्ट्रिक्शन बताए। दस-पंद्रह मिनट तो अच्छे से चल लेती हूं उसके बाद पैरों में सूजन आ जाती है। पैर दर्द होने लगते है। पेनकिलर खानी पड़ती है। दस-पंद्रह मिनट से ज्यादा बैठ नहीं सकती हूं। रिस्ट्रिक्टेड लाइफ है। लोगों को दिखती हूं कि नॉर्मल हूं। दर्द होता है तो दर्द सहने की आदत पड़ गई है। ज्यादा होता है तो पेनकिलर खा लेती हूं।

डॉक्टर ने डांस करने के लिए मना किया है। पेनकिलर खाकर डांस कर सकती हूं। इन्जॉयमेंट के लिए थोड़ा बहुत 5-10 मिनट डांस कर लेती हूं। मेरे डांस के जो वीडियो सामने आए हैं, उससे कोई दिक्कत नहीं है। व्यक्ति जब ऊपर बढ़ता है तो ये सब चीजें होती ही हैं। मैं मेंटली पूरी तरह से प्रिपेयर्ड हूं, कोई दिक्कत नहीं है।

पापा-मम्मी भी हिम्मत देते हैं। कहते हैं कि डरने की कोई बात नहीं है।

प्रियंका कदम ने ऑपरेशन से पहले और बाद का एक्स-रे भी साझा किया। इसमें कूल्हे में विकलांगता नजर आ रही है।

प्रियंका कदम ने ऑपरेशन से पहले और बाद का एक्स-रे भी साझा किया। इसमें कूल्हे में विकलांगता नजर आ रही है।

प्रियंका आगे कहती हैं-

वीडियो आ रहा है तो मुझे डरने की जरूरत नहीं है। मेरे साथ-साथ दूसरे लोगों के भी वीडियो आ रहे हैं। जिसने गलत किया है और वो एक्सपोज होते हैं तो ये अच्छी बात है। गलत किया है तो हाईलाइट होना चाहिए। 12 नवंबर 2024 को इंटरव्यू के दौरान मेरी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। तब मैं स्टीक (बैसाखी) का सहारा लेकर गई थी।

पटनी बाजार क्षेत्र में पापा की नाश्ते की शॉप है। मम्मी ने भी सिलाई कर हमें बड़ा किया। पेरेंट्स ने तो मेरा सब कुछ देखा है। घर की स्थिति ठीक नहीं थी। किराए के घर में रहते थे। मेडिकल इंश्योरेंस नहीं था तो सीएम से 1 लाख रुपए की मदद मिली थी। सर्जरी में दोस्तों ने भी मदद की थी।

मेंस टॉपर को कम नंबर, इसलिए भी इंटरव्यू को लेकर उठ रहे सवाल

विवेक पटेल को मेंस में 1400 में से सबसे ज्यादा 797.50 अंक मिले, लेकिन उन्हें इंटरव्यू के 175 अंकों में से केवल 63 अंक दिए गए, इसके चलते टोटल नंबर 843.25 हुए। उनका डिप्टी कलेक्टर की लिस्ट में वेटिंग में नाम रहा और अंतिम चयन में सहायक संचालक स्कूल शिक्षा के पद पर सिलेक्ट हुए।

नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा गया है कि विवेक पटेल जैसे अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में सबसे अधिक नंबर लाने के बावजूद भी इसलिए डिप्टी कलेक्टर नहीं बन पाए, क्योंकि वे एक सामान्य घर से संबंध रखते होंगे। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन ने 175 मार्क्स के इंटरव्यू को अधिकतम 100 नंबर तक रखने की बात कही है।

इंटरव्यू में 44 नंबर, बोले- पारदर्शिता के लिए इंटरव्यू की वीडियोग्राफी हो

राहुल मंडलोई को मेंस में 691.50 और इंटरव्यू में 44 नंबर मिले हैं। इस तरह कुल 735.50 नंबर हासिल किए। राहुल का कहना है कि इंटरव्यू की प्रोसेस पर सवाल उठाना ठीक नहीं, क्योंकि हो सकता है वो जो चाहते हो, मैं नहीं बता सका। सवाल तो मुझ से नॉर्मल ही पूछे गए थे। न्यू एजुकेशन पॉलिसी के बारे में पूछा गया था।

सहायक संचालक पद पर हैं। परिवहन एसआई पद पर सिलेक्शन हुआ है। इंटरव्यू 175 नंबर से कम का किया जाए, इस पर मेरे कहने से क्या फर्क पड़ता है। मैं जरूर सोचता हूं कि कम होने चाहिए लेकिन जिसे ज्यादा नंबर मिले वो तो चाहेगा कि ज्यादा रहे। इंटरव्यू के नंबर कम करना आयोग के हाथ में है, लेकिन पारदर्शिता के लिए इंटरव्यू की वीडियोग्राफी होनी चाहिए। उसे सार्वजनिक किया जाए ताकि पता चले इंटरव्यू में 155 नंबर लाने वाले से क्या पूछा गया था, उसने क्या जवाब दिया।

कम होने चाहिए इंटरव्यू के नंबर

एक्सपर्ट सचिन यादव का कहना है कि कोई व्यक्ति अस्थिबाधित है, श्रवणबाधित है या अन्य श्रेणी में है, सर्टिफिकेट लगा रहा है तो देखना चाहिए की बाय बर्थ है या बाद में हुआ है। बारीकि से इसकी जांच होनी चाहिए। 40 परसेंट से अधिक विकलांगता है या नहीं। परमानेंट डिसएबल है या नहीं। यदि सवाल उठ रहे हैं तो मेडिकल बोर्ड दोबारा से परीक्षण करे।

मेंस टॉपर बोला – इंटरव्यू में 3 नंबर से डिप्टी कलेक्टर बनने से रह गया

26 साल के विवेक पटेल का कहना है कि मेरा इंटरव्यू करीब 20 मिनट चला था। इंटरव्यू में 63 नंबर मिले हैं। 3 नंबर और मिल जाते तो मैं डिप्टी कलेक्टर होता। हो सकता है कि मैं पैरामीटर पर खरा नहीं उतरा। इंटरव्यू तो ठीक रहा था। मंदिर बनाना क्यों जरूरी है? 5 मंदिर के नाम बताओ। इस तरह के सवाल भी इंटरव्यू में पूछे गए थे।

ये भी पूछा था कि इमरजेंसी लगाई गई थी, उसे कितना गलत मानते हैं। अभी लगा देनी चाहिए क्या? मुझे लगता है कि इंटरव्यू में मिलने वाले नंबर की रेंज थोड़ी कम होनी चाहिए।

किसी को 150 तो किसी को 40 नंबर ऐसा नहीं होना चाहिए। इंटरव्यू की वीडियोग्राफी का अधिकार तो आयोग का ही है। प्रोसेस पर मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा।

पापा मिडिल स्कूल में पढ़ाते हैं। एजुकेशन सेक्टर से जुड़ा रहा, इसलिए डिप्टी कलेक्टर के बाद शिक्षा विभाग को सिलेक्ट किया था। पेरेंट्स का मिक्स रिएक्शन रहा है। 2023 के इंटरव्यू में भी सिलेक्ट हो गया हूं। उम्मीद है वो बेहतर रहेगा।

155 नंबर लाने वाले संस्कार बोले – पिता 12 साल पहले विधायक थे, आरोप गलत

इंटरव्यू में सबसे ज्यादा 155 नंबर हासिल करने वाले संस्कार बावरिया से भी भास्कर ने बात की। संस्कार ने कहा कि आप मेरी कंसिस्टेंसी देख सकते हैं। मैं 2018 से लगातार प्रयास कर रहा हूं। 2018 में मैं जनपद सीईओ के पद पर चयनित हुआ। 2019 में असफल रहा। 2020 में मेरा चयन जिला जेल अधीक्षक के पद पर हुआ और 2022 में फिर मेरा चयन हुआ।

मेरी एकेडमिक पृष्ठभूमि हमेशा से बहुत अच्छी रही है। मेरे हर बार अंक समान नहीं रहे हैं। इस बार पिछले प्रयास से कम अंक हैं, लेकिन इससे पहले भी कुछ लोगों को इससे अधिक अंक मिले हैं, तब यह बातें नहीं उठीं। इस बार ही सब बातें कर रहे हैं।

इंटरव्यू में 75 नंबर मिले तो लिखी कविता-योग्यता मर गई, सत्ता जीत गई

राम सोलंकी को मेंस में 768.25 नंबर मिले और इंटरव्यू में 75 नंबर मिले हैं। उनका चयन स्कूल शिक्षा विभाग के सहायक संचालक पद पर हुआ है।

उन्होंने एक कविता लिखकर सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। कविता कुछ यूं है-

जब आया इंटरव्यू का पहर,

सपनों पर लगा दिया भ्रष्टाचार का जहर,

मेरी आंखों में उम्मीदों की लौ थी,

पर उन कुर्सीवालों की नीयत में खोट थी,

75 अंक देकर किया किनारा,

मेरी मेहनत को कर दिया बेसहारा,

योग्यता मर गई,

सत्ता जीत गई,

ईमानदारी भ्रष्टाचार से पीट गई।

श्रवणबाधित श्रेणी में सिलेक्ट उम्मीदवार बाबूलाल बोले – मुझे इंटरव्यू में कम नंबर मिले

श्रवणबाधित श्रेणी में सिलेक्ट बाबूलाल मंसूरिया ने उनके सिलेक्शन को लेकर उठ रहे सवाल पर हाल ही में एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें कहा है कि दिसंबर 2019 में एक माइनर अटैक आया था। सेकेंड अटैक मुझे कोविड में हुआ था। ब्लैक फंगल इन्फेक्शन की स्थिति बनी।

ये चेहरे से कान की तरफ नर्व को डैमेज करता है। फंगल इन्फेक्शन की वजह से पहली बार ऐसा लगा कि मुझे सुनने में दिक्कत हो रही है। मैं खुद पीएससी की परीक्षा दे रहा था। एक परिचित आए उन्होंने कहा कि अगर आपका सिलेक्शन हो जाता है तो भी मेडिकल ग्राउंड पर आप रिजेक्ट हो जाओगे। जांच करवाया तो कन्फर्म हुआ कि मुझे सुनने में दिक्कत है।

मैं श्रवणबाधित हूं। मुझे इंटरव्यू में 140 नंबर की उम्मीद थी। इंटरव्यू में 51 नंबर आए हैं। मेंस में 582 नंबर आए हैं। ये भी कम है। मैं लिखकर दे सकता हूं एक 30-35 साल का व्यक्ति सामान्यत: 30 परसेंट बहरा है। अगर 40 परसेंट कम सुनाई दे रहा है तो आप दिव्यांग हैं। उनका कोचिंग में पढ़ाते हुए वीडियो वायरल हो रहा है।

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