वह एक शॉर्ट वर्टिकल फ्लाइट थी, जिसे इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) के इंजीनियर साइलेंट पड़ चुके हेलीकॉप्टर के रोटरों को एक्टिव करने की योजना बना रहे हैं, ताकि इमरजेंसी लैंडिंग में हुए नुकसान का पता लगाया जा सके।
बताया जाता है कि आखिरी उड़ान के दौरान हेलीकॉप्टर 12 मीटर की ऊंचाई तक गया था और नीचे उतरने से पहले 4.5 सेकंड तक मंडराता रहा। रिपोर्ट के अनुसार मंगल ग्रह की सतह से एक मीटर ऊपर हेलीकॉप्टर का पर्सवेरेंस रोवर से संपर्क टूट गया और वह लड़खड़ाता हुआ गिर गया।
याद रहे कि पर्सवेरेंस रोवर ही इन्जनूअटी हेलीकॉप्टर के साथ कम्युनिकेशन स्थापित करता है। इमरजेंसी लैंडिंग के बाद जो तस्वीर वैज्ञानिकों को मिली, उससे पता चला कि इन्जनूअटी के चारों ब्लेड को नुकसान पहुंचा है। इससे नासा को कितना नुकसान हुआ, यह अभी नहीं कहा जा सकता क्योंकि इन्जनूअटी हेलीकॉप्टर को लिमिटेड टाइम के लिए मंगल ग्रह पर उड़ान भरने के मकसद से रवाना किया गया था। हेलीकॉप्टर ने अपना लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिया था।
इन्जनूअटी ने फरवरी 2021 में मंगल ग्रह पर लैंड किया था। उसी साल 19 अप्रैल को हेलीकॉप्टर ने ‘एलियंस की दुनिया’ में अपनी पहली उड़ान भरी थी। इन्जनूअटी हेलीकॉप्टर से जो भी डेटा पर्सवेरेंस की टीम को मिला, उसका आकलन आने वाले मंगल मिशनों के लिए मददगार हो सकता है। मंगल ग्रह पर हेलीकॉप्टर का लिए उड़ान भरना काफी मुश्किल है, क्योंकि वहां पृथ्वी से एक तिहाई कम गुरुत्वाकर्षण है।
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2024-02-02 11:13:40
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