गौरतलब है कि नासा ने साल 2030 तक मंगल ग्रह से उन सैंपलों को पृथ्वी पर लाने की योजना बनाई है, जिन्हें अभी लाल ग्रह पर कलेक्ट किया जा रहा है। नासा जेपीएल का कहना है कि हमें छंटनी का कठिन फैसला करना पड़ रहा है क्योंकि नासा से कम बजट मिला है और अपकमिंग बजट को लेकर भी अनिश्चितता है।
नासा जेपीएल ने पिछले महीने ही 100 कॉन्ट्रैक्टर्स को निकाल दिया था। उनमें से कई मार्स सैंपल रिटर्न (MSR) पर काम कर रहे थे। जेपीएल की डायरेक्टर लॉरी लेशिन ने पिछले महीने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने कर्मचारियों को छंटनी की संभावना के बारे में पहले ही बता दिया था।
6 फरवरी को जेपीएल स्टाफ को दिए गए एक मेमो में लेशिन ने कहा कि नई भर्तियों पर रोक, मार्स सैंपल रिटर्न (MSR) में कटौती जैसे उपायों के बाद अब छंटनी पर मजबूर होना पड़ रहा है। उन्हाेंने यह भी कहा कि जो कर्मचारी काम कर रहे हैं, वो वर्क फ्रॉम होम करेंगे, ताकि किसी तनाव में ना आएं।
बीते दिनों, लेशिन ने कर्मचारियों को बताया था कि MSR मिशन इस साल 30 करोड़ डॉलर (लगभग 2,490 करोड़ रुपये) के बजट तक सीमित हो सकता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने कई और मिशनों के बजट पर कैंची चलाई है। सरकार से कम बजट सेंक्शन होने के बाद एजेंसी को यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है।
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2024-02-07 13:20:39
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