मध्यप्रदेश में अक्टूबर माह में 1 लाख 85 हजार 481 वाहन बिके हैं। वहीं परिवहन विभाग में कार्यरत स्मार्ट चिप कंपनी काम बंद कर चुकी है।ऐसे में अब आनलाइन रजिस्ट्रेशन होने के बाद वाहन स्वामी को साफ्ट कापी से काम चलाना पड़ रहा है।
By Vikash Pandey
Publish Date: Fri, 08 Nov 2024 11:40:51 AM (IST)
Updated Date: Sat, 09 Nov 2024 01:12:50 AM (IST)
HighLights
- अक्टूबर माह में बिके 1.85 लाख वाहन, कार्ड नहीं, मोबाइल रखें साथ
- स्मार्ट चिप कंपनी ने अक्टूबर में सेवाएं देना बंद किया, इससे नहीं बन रही आरसी
- परिवहन विभाग के अफसर कंपनी को मनाने में जुटे, ताकि दिसंबर तक संभाल ले काम
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: मध्यप्रदेश में अक्टूबर माह में 1 लाख 85 हजार 481 वाहन बिके हैं। वहीं परिवहन विभाग में कार्यरत स्मार्ट चिप कंपनी काम बंद कर चुकी है। रजिस्ट्रेशन के लिए विभाग के पास कार्ड ही नहीं है। ऐसे में अब आनलाइन रजिस्ट्रेशन होने के बाद वाहन स्वामी को साफ्ट कापी से काम चलाना पड़ रहा है। इसके चलते कुछ वाहन खरीदार तो आनलाइन कापी निकालकर गाड़ी पर नंबर लिखवा रहे हैं, जबकि जो अब तक तकनीक फ्रेंडली नहीं हैं, वह हार्डकापी के इंतजार में बिना नंबर के ही गाड़ी सड़कों पर दौड़ा रहे हैं। अब इनसे यदि कोई हादसा होता है तो वाहन को ट्रैस करना भी आसान नहीं होगा।
दरअसल परिवहन विभाग का अब तक स्मार्ट चिप कंपनी से अनुबंध था। बकाया भुगतान को लेकर बात बिगड़ गई और अक्टूबर में कंपनी ने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद परिवहन विभाग अब तक किसी नई कंपनी से अनुबंध नहीं कर पाया है। हालांकि स्मार्ट चिप को जरुर मनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, इसके लिए उनके बकाया 88 करोड़ में से कुछ भुगतान भी रिलीज किया गया है। जिससे कंपनी दिसंबर तक काम संभाल ले और समस्याएं खत्म हो जाएं। इससे शासन को नई कंपनी फायनल करने के लिए कुछ समय मिल जाएगा।
साफ्ट कापी का मतलब
नया वाहन खरीदने के बाद रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ में आवेदन किया जाता है। आमतौर पर विभाग रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी करता है, लेकिन वर्तमान में विभाग के पास कार्ड ही नहीं है। इसके चलते अब आनलाइन ही रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। इससे वाहन स्वामी कहीं भी कंप्यूटर या मोबाइल के जरिए परिहवन विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने रजिस्ट्रेशन कार्ड की कापी निकाल सकते हैं। साथ ही गाड़ी पर नंबर भी लिखवा सकते हैं।
मोबाइल जरुर रखें साथ
यदि आपने हाल ही में वाहन खरीदा है और रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं निकाला है तो मोबाइल जरुर साथ रखें। जिससे यदि पुलिस चेकिंग में पकड़े जाएं तो आनलाइन रजिस्ट्रेशन की कापी दिखा सकें, अन्यथा चालान भुगतना पड़ सकता है।
कुछ जिलों का रिकार्ड आनलाइन नहीं
प्रदेश परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट परिवहन डाट ओआरजी डाट इन पर जिलों में रजिस्टर्ड वाहनों का डेटा अपलोड होता है। खास बात ये है कि इसमें अंचल के कई शहरों के साथ ही भोपाल और जबलपुर जैसे महानगरों का डेटा भी दिखाई नहीं दे रहा है।
ये है नुकसान
- बिना नंबर के वाहन से सड़क पर हादसा होने पर ट्रैस करना मुश्किल होगा।
- बिना नंबर के वाहन का प्रयोग करके असामाजिक तत्व आसानी से बचकर निकल सकते हैं।
- वाहन पर यदि नंबर नहीं होगा और वह चोरी होता है तो पुलिस के लिए खोजना आसान नहीं होगा।
अंचल में अक्टूबर माह में रजिस्टर्ड वाहनों की स्थिति
- जिला रजिस्टर्ड वाहन
- ग्वालियर 8834
- भिंड 1725
- शिवपुरी 4037
- गुना रिकार्ड आनलाइन नहीं
- मुरैना रिकार्ड आनलाइन नहीं
- श्योपुर रिकार्ड आनलाइन नहीं
- दतिया रिकार्ड आनलाइन नहीं
भोपाल, जबलपुर का रिकार्ड भी नहीं आनलाइन
प्रदेश के चार प्रमुख महानगरों में इंदौर व ग्वालियर का डेटा आनलाइन दिख रहा है। जबकि भोपाल और जबलपुर का वेबसाइट पर कोई रिकार्ड दिखाई नहीं दे रहा है।
स्मार्ट चिप कंपनी के अनुबंध खत्म करने के बाद अब नई कंपनी को लेकर शासन स्तर पर विचार चल रहा है। अभी हम वाहनों का रजिस्ट्रेशन तो कर रहे हैं, लेकिन कार्ड नहीं होने से डीएल की तरह ही लोग आरसी की कापी कहीं से भी निकलवा सकते हैं। स्मार्ट चिप कंपनी से भी बात चल रही है।
विनोद भार्गव, संयुक्त आयुक्त मध्यप्रदेश परिवहन विभाग
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