0

Panchkoshi Yatra 2024: त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि एक साथ, नर्मदा पंचकोसी यात्रा की तारीखों को लेकर दूर हुआ असमंजस

देश के विभिन्न स्थानों पर पंचकोसी यात्रा निकाली जाती है, जिसमें देश भर के श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। मध्य प्रदेश में नर्मदा पंचकोसी यात्रा निकाली जाती है। इस बार तिथि की घट-बढ़ के कारण पंचकोसी यात्रा की तारीखों को लेकर असमंजस की स्थिति थी, जिसे दूर कर लिया गया है।

By Arvind Dubey

Publish Date: Fri, 01 Nov 2024 02:49:23 PM (IST)

Updated Date: Fri, 01 Nov 2024 02:54:14 PM (IST)

पंचकोसी यात्रा में हर साल हजारों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं।

HighLights

  1. देवउठनी ग्यारस से कार्तिक पूर्णिमा तक हो रहे 4 दिन
  2. नियमानुसार पंचकोसी यात्रा पांच दिवस में पूर्ण होती है
  3. संचालक मंडल की बैठक में तय हुआ यात्रा कार्यक्रम

नईदुनिया न्यूज, ओंकारेश्वर। नर्मदा पंचकोसी यात्रा 11 से 15 नवंबर तक आयोजित की जाएगी। यात्रा में मप्र और आसपास के राज्यों के हजारों श्रद्धालु उत्साह के साथ भाग लेंगे। पंचकोसी यात्रा की तैयारी को लेकर संचालक मंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

संचालक मंडल के आचार्य विवेक राजगुरु ने बताया कि इस वर्ष त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि एक साथ आने के कारण देवउठनी ग्यारस से कार्तिक पूर्णिमा तक चार दिन ही हो रहे हैं। नियमानुसार पंचकोसी यात्रा पांच दिवस में पूर्ण होती है।

naidunia_image

पूर्व में भी इस प्रकार की स्थिति बनी थी। उस समय पंचकोसी यात्रा के जनक दिवंगत नीलकंठ राव भावे, वीवी वाकणकर, प्रेम नारायण परमार, रवींद्र चौरे भारती, मुरलीधर दुबे ने तत्कालीन समय में कहा था कि पंचकोसी यात्रा दशमी से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक पांच दिन में पूर्ण होकर समापन होना चाहिए।

naidunia_image

बैठक में समाजसेवी ललित दुबे, घनश्याम माहिल्या, मयाचंद राठौर अंजरुद, अनिल दुबे (सनावद), मनीष जोशी, धनगीर गोस्वामी (टोकसर), कालू सिंह सोलंकी (सेमरला), विजय व्यास (बड़वाह), रघुनंनदन शर्मा, दीपक अत्रे, दुर्गेश मुदगल (मोरघड़ी), भागीरथ मिस्त्री उपस्थित थे। इसकी सूचना जिम्मेदार अधिकारियों को भी प्रेषित की है।

नर्मदा से गंभीर की रा-वाटर पाइपलाइन जोड़ने काे काम सालभर से बंद पड़ा

उज्जैन नर्मदा से गंभीर की रा-वाटर पाइपलाइन जोड़ने का काम पिछले वर्ष दो महीने में पूरा हो जाना था मगर काम अधूरा है और सालभर से बंद भी है। नियमानुसार नगर निगम आयुक्त को संबंधित फर्म से ठेका निरस्त कर नई फर्म से काम करवा लेना था मगर नहीं कराया। प्रकरण में जिम्मेदार नेता-जनप्रतिनिधियों की भी कुछ न चली।

भूमिगत सीवरेज पाइपलाइन और हाउसिंग प्रोजेक्ट की भी यही कहानी है। लोगों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के ऐसे ही लापरवाह और उदासीन रवैये से नगर निगम का हर प्रोजेक्ट समय से पिछड़ा है। वजह भी साफ है, क्योंकि प्रोजेक्ट के पिछड़ने पर वित्तीय भार किसी अफसर या जनप्रतिनिधि की जेब पर नहीं पड़ता है।

मालूम हो कि उज्जैन में जल संकट के समय नर्मदा का पानी पाइपलाइन के जरिये प्रदाय करने के लिए नगर निगम से संबद्ध पीएचई ने सालभर पहले नर्मदा पाइपलाइन से गंभीर की रा-वाटर पाइपलाइन जोड़ने की योजना स्वीकृत की थी। इस कार्य का भूमिपूजन जून- 2023 में तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री (अब मुख्यमंत्री) डा. मोहन यादव से कराया था। तब कहा गया था कि भोपाल की आदि एक्वा प्रोजेक्ट्स कंपनी एक करोड़ 88 लाख रुपये से अगले दो महीनों में पाइपलाइन जोड़ने का काम पूरा करेगी।

Source link
#Panchkoshi #Yatra #तरयदश #और #चतरदश #तथ #एक #सथ #नरमद #पचकस #यतर #क #तरख #क #लकर #दर #हआ #असमजस
https://www.naidunia.com/madhya-pradesh/ujjain-panchkoshi-yatra-2024-trayodashi-and-chaturdashi-date-together-know-when-narmada-panchkoshi-yatra-will-be-organized-this-year-8357587