डिंडौरी में संरक्षित जनजाति बैगाओं के लिए फोर्टिफाइड चावल पीडीएस दुकानों से गायब हो गया है। यह चावल कुपोषण दूर करने के लिए था, लेकिन एक हजार क्विंटल से अधिक चावल की हेरा-फेरी की गई। प्रशासन अब कार्रवाई की बात कर रहा है।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Mon, 14 Oct 2024 06:08:03 PM (IST)
Updated Date: Mon, 14 Oct 2024 06:08:03 PM (IST)
HighLights
- फोर्टिफाइड चावल PDS दुकानों से गायब
- एक हजार क्विंटल से अधिक चावल गायब
- पांच राशन दुकानों पर गड़बड़ी के आरोप
नईदुनिया प्रतिनिधि, डिंडौरी: आदिवासी बहुल जिले डिंडौरी में संरक्षित जनजाति बैगाओं के साथ आदिवासियों का कुपोषण दूर करने के लिए आया एक खास तरह का चावल पीडीएस की राशन दुकानों से गायब हो गया। गायब चावल फोर्टिफाइड बताया जा रहा है, जिसकी मात्रा एक हजार क्विंटल से अधिक है। यह चावल पोषक तत्वों से भरपूर बताया जा रहा है।
पांच राशन दुकानों से गायब
इस गड़बड़ी के लिए जिले की पांच राशन दुकानों को चिह्नित किया गया है। इस मामले में सेल्समैनों के साथ विभागीय अधिकारियों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि यह मामला वर्ष 2023 का है। तब विभाग के जिम्मेदारों को गड़बड़ी पकड़ में भी आई थी, लेकिन इस मामले को दबा दिया गया था। अब मामला प्रकाश में आने के बाद कलेक्टर की ओर से कार्रवाई की बात कही जा रही।
नहीं हुई कार्रवाई
फोर्टिफाइड चावल की हेरा-फेरी के इस मामले में सितंबर 2023 में ही एसडीएम ने जिम्मेदारों के विरुद्ध एफआईआर कराने के निर्देश खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को दिए थे, लेकिन साल भर बाद भी न तो इस मामले में एफआईआर हुई और न ही संबंधित राशन दुकानों पर कोई कार्रवाई की गई।
कहां से कितना चावल गायब
जिले के पिंडरुखी उचित मूल्य की दुकान से 708 क्विंटल 96 किलो, गीधा सोसायटी से 37.46 क्विंटल, कारोपानी राशन दुकान से 33.90 क्विंटल, कौड़िया राशन दुकान से 97.15 क्विंटल, बिझोरी राशन दुकान से 108.81 क्विंटल सहित अन्य राशन दुकान से भी यह पोषण युक्त चावल गायब किया गया है।
इस चावल को वितरित कर शासन का उद्देश्य था कि आदिवासी और बैगाओं को इससे पोषण मिल सकेगा, लेकिन इस चावल की बंदरबांट कर ली गई। अब मामला संज्ञान में आने के बाद प्रशासन के आला अधिकारी कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
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