मिशन से जुड़े अपडेट दे रही एस्ट्रोबॉटिक (Astrobotic) ने बताया है कि उसका संपर्क पेरेग्रीन लैंडर से टूट गया है। जिसका मतलब है कि लैंडर ने कंट्रोल्ड तरीके से देर रात दक्षिण प्रशांत महासागर में री-एंट्री कर ली है, जोकि नियंत्रित तरीके से हुई है। कंपनी ने कहा है कि वह सरकारी संस्थाओं से मिलने वाली कन्फर्मेशन का इंतजार कर रही है।
क्या गड़बड़ी आई थी मिशन में
मिशन लॉन्च होने के कुछ घंटों बाद ही एक प्रोपल्शन ग्लिच आ गया। इससे पेरेग्रीन लैंडर के सौर पैनलों को सूर्य की ओर फोकस नहीं किया जा सका। इससे स्पेसक्राफ्ट के बाहरी हिस्से को भी नुकसान हुआ।
Nasa ने खर्च की थी मोटी रकम
Nasa ने इस मिशन के लिए 100 मिलियन डॉलर खर्च किए थे। पेरेग्रीन 1 लूनर लैंडर के जरिए नासा चांद की सतह की संरचना और लैंडिंग वाली जगह के वातावरण में रेडिएशन की जानकारी जुटाना चाहती थी। जाहिर तौर पर मिशन फेल होने से नासा की उम्मीदों को झटका लगा होगा।
एक और प्राइवेट मिशन का अंत
यह पहली बार नहीं है, जब किसी प्राइवेट कंपनी ने चांद पर उतरने की कोशिश की और वह फेल हो गई। सबसे पहले अप्रैल 2019 में इस्राइल का बेयरशीट लैंडर चांद की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। पिछले ही साल अप्रैल में जापान की कंपनी आईस्पेस का हुकातो मिशन चांद पर क्रैश कर गया था।
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2024-01-19 07:36:05
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