एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, जब यह उल्का बौछार अपने पीक पर होती है तो प्रति घंटे 60-200 क्वाड्रेंटिड उल्काएं दिखाई देती हैं। इनका पीक छोटा इसलिए होता है क्योंकि उल्कापिंडों की स्ट्रीम पतली होती है और यह पृथ्वी को लंबवत कोण (perpendicular angle) पर पार करती है।
रिपोर्ट के अनुसार, क्वाड्रेंटिड्स का नाम क्वाड्रेंस मुरलिस तारामंडल के नाम पर रखा गया है। हालांकि अब इस तारामंडल को मान्यता प्राप्त तारामंडलों की लिस्ट से हटा दिया गया है।
क्या भारत में दिखेगी क्वाड्रेंटिड्स उल्का बौछार?
क्वाड्रेंटिड्स उल्का बौछार की शुरुआत 27 दिसंबर से ही हो गई है। यह 16 जनवरी 2025 तक जारी रहेगी। इसका पीक टाइम भारत में 3 और 4 जनवरी की रात दिखाई देगा।
रिपोर्ट में लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी तारामंडल के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव के हवाले से लिखा गया है कि शहर में 3 और 4 जनवरी को ‘क्वाड्रेंटिड्स ‘ दिखाई देंगे। इस दौरान प्रति घंटे 80 से 120 उल्काएं देखी जा सकती हैं। यह सब तड़के सुबह नजर आएगा और आम लोगों को बेहतर विजिबिलिटी के लिए टेलीस्कोप की मदद लेनी होगी। उल्का बौछार तब देखने को मिलती हैं, जब हमारी पृथ्वी किसी धूमकेतु या अन्य खगोलीय पिंडों द्वारा छोड़े गए स्पेस मलबे से गुजरती है।
Source link
#Quadrantids #meteor #shower #नए #सल #पर #अतरकष #म #टटग #तर #इस #दन #दखग #खस #नजर
2025-01-01 03:33:17
[source_url_encoded