इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के होस्टल में रैगिंग का मामला सामने आया था। प्लीज हेल्प मी नाम से बनाए गए एक्स अकाउंट पर किसी ने रैगिंग को लेकर मदद मांगी थी। इसके बाद हड़कंप मच गया। यहां पर इस साल रैगिंग की अब तक पांच शिकायतें मिली हैं।
By Prashant Pandey
Publish Date: Thu, 19 Dec 2024 09:11:15 AM (IST)
Updated Date: Thu, 19 Dec 2024 09:23:59 AM (IST)
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Ragging in Boys Hostel)। एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग से लंबे समय से विद्यार्थी परेशान हैं, लेकिन डर से बोल नहीं पाते हैं। सितंबर में वर्ष 2024 बैच के 109 विद्यार्थी होस्टल में रहने के लिए आए थे, लेकिन रैगिंग से परेशान होने के बाद 50 विद्यार्थी होस्टल छोड़कर चले गए। 10 और विद्यार्थी भी तैयारी में हैं।
‘प्लीज हेल्प मी’ नाम से बनाए गए एक्स अकाउंट पर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के होस्टल में रैगिंग का मामला उजागर होने के बाद बुधवार को एंटी रैगिंग कमेटी ने विद्यार्थियों से चर्चा की। इस वर्ष रैगिंग को लेकर अब तक पांच शिकायतें की जा चुकी हैं। इनमें पहचान छुपाते हुए भी शिकायत की गई है।
रैगिंग होने से इन्कार कर दिया
होस्टल में वर्ष 2024 बैच के कुल 59 विद्यार्थी होस्टल में रहते हैं। इनमें से 54 विद्यार्थियों को कमेटी ने बुलाया था, लेकिन सभी ने रैगिंग होने से इन्कार कर दिया। शेष पांच विद्यार्थी घर गए हैं। हर बार शिकायत के बाद जब विद्यार्थियों को एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा बुलाया जाता है तो सीनियर के डर से लिखित में देते हैं कि हमारे साथ कुछ नहीं हुआ है।
फोटो हमारे होस्टल के नहीं
कमेटी भी इसके बाद रैगिंग करने वालों का पता लगाने का प्रयास नहीं करती है। विद्यार्थियों ने मीडिया को बताया कि हमें होस्टल में रहते हुए दो माह हो गए हैं। हमें कोई परेशानी नहीं है। डर का माहौल भी नहीं है। हमें जो फोटो दिखाए गए हैं, वे हमारे होस्टल के नहीं हैं। हमने कमेटी के सामने भी यही कहा है।
रैगिंग के बारे में डीन, फैकल्टी, वार्डन सभी को पता, नाम बताने पर फेल करने का डर
वर्ष 2024 बैच के विद्यार्थी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि हमारे साथ वर्ष 2021, 2022, 2023 किसी भी बैच से सीनियर आ जाते हैं और मारपीट करने लगते हैं। हमें रातभर सोने तक नहीं देते हैं। छत पर या कमरे के अंदर आकर मारपीट करते हैं। हमारे कपड़े उतरवा लेते हैं।
हमसे डांस करवाते हैं, हमारे सामने शराब पीते हैं। इस बारे में कालेज के डीन, फैकल्टी, होस्टल वार्डन सभी को पता है। हम एंटी रैगिंग कमेटी के सामने इसलिए कुछ नहीं बोल पाते हैं, क्योंकि इसमें हमारी फैकल्टी भी है। हम सच बताएंगे तो हमें फेल कर देंगे, क्योंकि यह कैमरे के सामने हमारे बयान लेते हैं। यदि अकेले पूछेंगे तो हम सच बताएंगे।
तीन महीने में तीसरी बार घटना
वर्ष 2024 बैच के विद्यार्थियों के साथ अब तक तीन बार रैगिंग की घटना हो चुकी है। पहली घटना अक्टूबर में, दूसरी नवंबर में और तीसरी घटना चार दिन पुरानी बताई जा रही है। पीड़ित विद्यार्थी ने इसे लेकर शिकायत भी की थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। यह कहकर भेज दिया कि होस्टल में होता है। एमजीएम कॉलेज के होस्टलों में शराबखोरी होती है। परिसर में खाली बोतलें पड़ी हैं।
जांच चल रही है
सुबह रैगिंग की जानकारी मिली। होस्टल के वार्डन और एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्यों को बुलाया। हमने वर्ष 2024 बैच के विद्यार्थियों को भी बुलाया, लेकिन उन्होंने घटना से मना कर दिया। जांच चल रही है। – डॉ. नीलेश दलाल प्रभारी डीन, एमजीएम मेडिकल कॉलेज
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