स्पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, अगर सोलर फ्लेयर की दिशा पृथ्वी की ओर हुई तो दुनियाभर में रेडियो ब्लैकआउट हो सकता है। एक्स क्लास सोलर फ्लेयर को सबसे पावरफुल माना जाता है। यह एम क्लास सोलर फ्लेयर के मुकाबले 10 गुना ज्यादा एनर्जी के साथ विस्फोट करते हैं।
सोलर ऑर्बिटर स्पेसक्राफ्ट के डेटा को परखने वाले साइंटिस्ट सैमुअल क्रुकर का कहना है कि यह बहुत बड़ा सोलर फ्लेयर था। इसी तरह के बड़ा फ्लेयर इस साल 20 मई को भी दिखा था। दोनों फ्लेयर सूर्य के सुदूर इलाके से आए हैं।
खास बात है कि मौजूदा सोलर फ्लेयर के साथ एक बहुत बड़ा कोरोनल मास इजेक्शन (CME) भी निकला था, जिसके NASA के सोलर एंड हेलियोस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी ने ट्रैक किया। हालांकि इसका फोकस हमारी पृथ्वी की ओर नहीं था, वरना धरती पर एक और सौर तूफान आ सकता था।
Whai is Coronal Mass ejection
कोरोनल मास इजेक्शन (CME) सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड में फैल जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्वी की ओर होती है, तो यह जियो मैग्नेटिक यानी भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। ये पृथ्वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं।
What is Solar Flare
जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। ये फ्लेयर्स हमारे सौर मंडल में अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है।
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2024-07-29 08:21:40
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