रिपोर्ट्स के अनुसार, रिंग ऑफ फायर को 7 मिनट 25 सेकंड तक देखा जा सकेगा। हालांकि यह ग्रहण भी भारत में प्रभावी नहीं है। 2 अक्टूबर को लग रहे ग्रहण की शुरुआत उत्तरी प्रशांत महासागर में हवाई के दक्षिण से होगी और यह दक्षिणी अटलांटिक महासागर में साउथ जॉर्जिया में खत्म होगा।
धरती पर सूर्यग्रहण का दायरा करीब 14 हजार 163 किलोमीटर का होगा। इसका पथ 265 से 331 किलोमीटर चौड़ा होगा। वहीं, रिंग ऑफ फायर को साउथ अमेरिका में चिली और अर्जेंटीना के दक्षिणी इलाकों में देखा जा सकेगा। खास बात है कि ग्रहण का ज्यादातर पथ समुद्र में है।
स्पेसडॉटकॉम के अनुसार, ‘रिंग ऑफ फायर’ का बेस्ट नजारा रापा नुई नाम के एक सुदूर ज्वालामुखी द्वीप से दिखेगा। यह जगह दक्षिणी प्रशांत महासागर में है। खास बात है कि 11 जुलाई 2010 को भी वहां पूर्ण सूर्यग्रहण दिखाई दिया था।
भारत में अगले कुछ साल एक अच्छा सूर्यग्रहण दिखने की उम्मीद कम है। टाइम एंड डेट के अनुसार, 21 मई 2031 को भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण (annular solar eclipse) दिखाई देगा, जिसमें सूर्य का लगभग 28.87% हिस्सा दिखाई नहीं देगा। उस ग्रहण का सबसे बेस्ट व्यू केरल और तमिलनाडु के शहरों में रहेगा।
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