12 वित्त वर्षों के टीडीएस रिटर्न में सुधार करने का आखिरी मौका जल्द ही समाप्त होने वाला है। 2007-2008 से 2018-2019 तक के रिटर्न में 31 मार्च 2025 के बाद कोई सुधार नहीं किया जा सकेगा। पेंशनर और ब्याज से आय अर्जित करने वाले करदाताओं के लिए यह मौका बहुत महत्वपूर्ण है।
By Lokesh Solanki
Publish Date: Fri, 21 Mar 2025 07:40:17 AM (IST)
Updated Date: Fri, 21 Mar 2025 07:48:51 AM (IST)
HighLights
- टीडीएस रिटर्न में सुधार करने का अभी आखिरी मौका है, 31 मार्च 2025 तक करें।
- पेंशनर और ब्याज से आय अर्जित करने वाले करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण मौका।
- नए नियम के तहत छह साल तक ही टीडीएस रिटर्न संशोधित किया जा सकेगा।
लोकेश सोलंकी, नईदुनिया, इंदौर (TDS Revision Time Limit)। बारह वित्त वर्षों के टीडीएस रिटर्न को संशोधित करने का अवसर इस वित्तीय वर्ष के खत्म होने के साथ ही हाथ से निकल जाएगा। 2007-2008 से 2018-2019 तक के किसी भी वित्त वर्ष के टीडीएस रिटर्न में 31 मार्च 2025 के बाद किसी तरह का सुधार नहीं हो सकेगा।
पहले टीडीएस रिटर्न को संशोधित करने की कोई समय सीमा नहीं थी। बदलने नियमों के तहत अब न केवल समय सीमा तय कर दी गई है, बल्कि बीते वर्षों के लिए अंतिम अवसर दे दिया गया है। टीडीएस रिटर्न को संशोधित करने का अंतिम अवसर पेंशनर, ब्याज से आय अर्जित करने वाले आम करदाताओं के लिए अहम माना जा रहा है।
सामान्य पेंशनर को मौका नहीं मिलता
दरअसल, किसी कंपनी और फर्म को चलाने वाले व्यवसायी करदाता तो अपने वार्षिक फार्म 26-ए में टीडीएस रिटर्न फाइल कर देते हैं और गड़बड़ियों को उसी दौरान सुधार भी लेते हैं, जबकि सामान्य पेंशनर और ब्याज से आय प्राप्त करने वाले करदाताओं को ऐसा मौका नहीं मिलता। इनके रिटर्न, गलत क्लेम और डिमांड निकलने के मामले बहुत सामान्य होते हैं।
रिफंड का क्रेडिट दूसरे व्यक्ति के अकाउंट में चला जाता है
टीडीएस रिटर्न में हुई गलती से रिफंड का क्रेडिट दूसरे व्यक्ति के खाते में चला जाता है और संबंधित व्यक्ति पर आयकर विभाग कर की मांग निकाल देता है। इसी तरह स्थायी खाता संख्या (पैन) गलत भरने से भी ऐसी स्थिति बनती है।
कई करदाता जो पेंशनर होते हैं, उनके निष्क्रिय पैन रिटर्न में दाखिल करने से 20 प्रतिशत की कटौती विभाग निकाल देता है। ऐसे करदाताओं को भी कर जमा करने के नोटिस मिल जाते हैं। इन सभी मामलों में निकली टैक्स की मांग रिटर्न को दुरुस्त कर समाप्त की जा सकती है।
नए नियम से बनी स्थिति
चार्टर्ड अकाउंटेंट जय नागपाल के अनुसार जुलाई 2024 में सरकार ने आयकर एक्ट में नया सेक्शन 200(3) जोड़कर यह प्रविधान लागू कर दिया है कि किसी भी वित्त वर्ष के बीतने के बाद छह साल तक ही टीडीएस रिटर्न संशोधित कर सकेगा। एक अप्रैल से यह प्रविधान लागू हो जाएंगे।
इससे पहले 2007-2008 से 2018-2019 तक के सभी मामलों में एक बार रिवाइज करने का अंतिम मौका दिया गया है। ज्यादातर करदाता अब भी अनभिज्ञ नजर आ रहे हैं। इसी तरह टीडीएस एक्ट में धारा 194(टी) भी जोड़ दी गई है।
इससे अब पार्टनरशिप फर्मों के लिए भी अनिवार्य कर दिया गया है कि एक अप्रैल से वे अपनी फर्म के भागीदार को भी बोनस, भत्ता, कमीशन, ब्याज आदि का भुगतान करते हैं। भुगतान की राशि वित्त वर्ष में 20 हजार से ज्यादा है तो उस भुगतान पर 10 प्रतिशत टीडीएस कटौती करनी होगी।
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