यूनियन कार्बाइड कचरा प्रकरण में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। यह सुनवाई भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड परिसर के रासायनिक कचरे को हटाए जाने संबंधी प्रकरण में हुई। हाई कोर्ट ने पहले ही कचरा हटाने के निर्देश दिए थे।
By Prashant Pandey
Publish Date: Mon, 06 Jan 2025 09:09:22 AM (IST)
Updated Date: Mon, 06 Jan 2025 01:01:06 PM (IST)
HighLights
- पीथमपुर में हो रहा जहरीला कचरे के जलाने का विरोध।
- इसको लेकर हाईकोर्ट में लगाई गई है जनहित याचिका।
- सरकार ने कचरा जलाने को लेकर कोर्ट से मांगा समय।
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड परिसर का रासायनिक कचरा हटाए जाने संबंधी प्रकरण की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई 18 फरवरी तक सुनवाई बढ़ाई। एमजीएम एल्युमिनाई एसोसिएशन, इंदौर की याचिका पर रखा गया पक्ष। सरकार ने कचरा जलाने के लिए 6 सप्ताह का समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
याचिकाकर्ता के वकील अभिनव धनओटकर का पथा रखा कि राज्य सरकार ने इंदौर और पीथमपुर की जनता को भरोसे में लिए बिना ही कचरे को पीथमपुर में जलाने का कदम उठाया। इंदौर शहर से पीथमपुर की दूरी केवल 30 किलोमीटर है। अगर जहरीला कचरा यहां रखा जाता है तो यह जनता के लिए हानिकारक होगा।
कचरा अनलोड करने की अनुमति मांगी
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने हलफनामा प्रस्तुत कर बताया कि मिस पब्लिसिटी और फेक मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर पीथमपुर में हंगामा बरपा। इस पर सरकार कोर्ट में कचरे को नष्ट करने के लिए समय देने और कंटेनर में भरे कचरे को अनलोड करने की अनुमति देने की मांग की। सरकार ने कहा कि इस तरह कंटेनर में जहरीला कचरा नहीं रखा जा सकता।
इस पर हाईकोर्ट ने सरकार को सावधानीपूर्वक और पूर्व निर्देशों के तहत कंटेनर से कचरे को अनलोड करने दिए निर्देश दिए। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने मांग कि मामले में गठित हाई लेवल कमेटी को जांच रिपोर्ट पेश करने दिए जाए निर्देश। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि भोपाल गैस कांड का 11 मिलियन मीट्रिक टन जहरीला कचरा है। अभी सिर्फ 337 टन जहरीला कचरा पीथमपुर गया है।
पहले एक महीने में कचरा हटाने के दिए थे निर्देश
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने दिसंबर माह में हुई सुनवाई के दौरान यूनियन कार्बाइड परिसर का जहरीला कचरा एक माह में हटाने के निर्देश दिए थे। इस सिलसिले में एक सप्ताह में संयुक्त बैठक कर सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने को कहा गया था।
यह चेतावनी भी दी गई थी कि यदि कोई विभाग आदेश का पालन करने में विफल रहता है तो उसके प्रमुख सचिव के विरुद्ध अवमानना कार्रवाई की जाएगी। राज्य के मुख्य सचिव व भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग के प्रमुख सचिव को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर स्पष्टीकरण दिया।
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