भोपाल की यूनियन कार्बाइड कंपनी के कचरे को पीथमपुर स्थित री-सस्टेनेबिलिटी कंपनी में जलाने का रास्ता साफ हो गया है। उच्च न्यायालय ने तीन चरणों में ट्रायल के रूप में कचरे को नष्ट करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान पर्यावरण सुरक्षा का ध्यान रखते हुए वायु गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी।
By Prashant Pandey
Publish Date: Wed, 19 Feb 2025 09:47:15 AM (IST)
Updated Date: Wed, 19 Feb 2025 09:51:36 AM (IST)
HighLights
- वायु गुणवत्ता की निगरानी के लिए यंत्र लगाए गए।
- कचरे को 1200 डिग्री सेल्सियस पर जलाया जाएगा।
- धुएं में मौजूद गैसों की सतत निगरानी की जाएगी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Union Carbide Waste)। भोपाल की यूनियन कार्बाइड (यूका) कंपनी के कचरे को पीथमपुर स्थित री-सस्टेनेबिलिटी कंपनी में जलाने का रास्ता साफ हो गया है। उच्च न्यायालय ने तीन चरणों में ट्रायल के रूप में कचरे को नष्ट करने के निर्देश दिए हैं।
इस दौरान पर्यावरण सुरक्षा का ध्यान रखते हुए वायु गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी, जिसका दायित्व मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीपीसीबी) को सौंपा गया है। कचरे को जलाने से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी परिसर के चारों ओर वायु गुणवत्ता मापने के लिए यंत्र लगाए हैं।
इन यंत्रों से हवा में मौजूद धूल कण, जहरीली गैसों और अन्य तत्वों की लगातार जांच की जाएगी। जलाने की प्रक्रिया के दौरान वायु गुणवत्ता पर नजर रखी जाएगी और इसके लिए रियल-टाइम मानीटरिंग की भी व्यवस्था की गई है।
24 घंटे वायु गुणवत्ता के आंकड़े होते हैं दर्ज
बता दें कि जनवरी में ही यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर लाया जा चुका है। वहां पहले से ही एक कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन स्थापित है, जो 24 घंटे वायु गुणवत्ता के आंकड़े दर्ज करता है।
इन आंकड़ों को कंपनी के मुख्य द्वार पर डिजिटल डिस्प्ले पर दिखाया जाता है, जिससे आम लोग भी वास्तविक समय में वायु गुणवत्ता की स्थिति जान सकें। इंसीनरेटर की चिमनी से निकलने वाले धुएं में मौजूद गैसों की सतत निगरानी की जाएगी।
1200 डिग्री पर जलेगा कचरा
27 फरवरी से 27 मार्च के बीच तीन ट्रायल किए जाएंगे, जिनमें प्रत्येक ट्रायल के दौरान 10-10 टन कचरा जलाया जाएगा। इसे 1200 डिग्री सेल्सियस के उच्च तापमान पर नष्ट किया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार इतने ऊंचे तापमान पर जलने से पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले तत्व प्रभावी रूप से नष्ट हो जाएंगे।
बनाए चार लैंडफिल सेल
कचरा जलाने के बाद बचने वाली राख के सुरक्षित निपटान के लिए कंपनी परिसर में विशेष लैंडफिल बनाया है। राख को डबल-लेयर हाई-डेंसिटी पालीथीन में संरक्षित किया जाएगा, ताकि यह वर्षों तक सुरक्षित बनी रहे।
कंपनी के संयंत्र में खतरनाक कचरे की राख को सुरक्षित रखने के लिए चार लैंडफिल सेल बनाए हैं। ये लैंडफिल पठारी क्षेत्र में स्थापित हैं ताकि भूजल या अन्य पर्यावरणीय कारकों पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
ट्रायल के दौरान विभिन्न मात्राओं में होगी जांच
- 135 किलोग्राम प्रति घंटा
- 180 किलोग्राम प्रति घंटा
- 270 किलोग्राम प्रति घंटा
सतत निगरानी रहेगी जारी
यूका के कचरे को जलाने के दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु गुणवत्ता की निरंतर निगरानी करेगा। पहले से ही कंपनी परिसर के आसपास वायु गुणवत्ता मापने के लिए यंत्र स्थापित किए गए हैं। – एसएन द्विवेदी, क्षेत्रीय अधिकारी, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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