सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में कई तरह की आशंकाएं व्यक्त करते हुए बताया गया है कि सरकारी की तरह की किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए जरूरी इंतजाम नहीं किए गए हैं।
By Arvind Dubey
Publish Date: Tue, 18 Feb 2025 07:20:38 AM (IST)
Updated Date: Tue, 18 Feb 2025 07:53:20 AM (IST)
HighLights
- याचिका पर सरकार को 24 फरवरी से पहले देना है जवाब
- जहां कचरा जलाया जाएगा, वहां से 250 मीटर दूरी पर है गांव
- याचिकाकर्ता का आरोप- निपटने के लिए अस्पताल तक नहीं
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर : सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन से पूछा है कि धार जिले के पीथमपुर में भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का कचरा जलाने के दौरान अगर कोई घटना होती है तो उसके पास क्या इंतजाम हैं? उसने इसकी आशंका को देखते हुए क्या व्यवस्थाएं की हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने शासन से यह सवाल उस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पूछा है, जिसमें कहा है कि यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे को जलाने से पहले शासन ने कोई इंतजाम नहीं किया है। ऐसे में किसी अनहोनी की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।
जहां कचरा जलेगा, वहां से 250 मीटर दूरी पर है गांव
- याचिका सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने दायर की है। उन्होंने बताया कि हमने याचिका में कहा है कि सरकार बगैर पर्यावरण और स्वास्थ्य के नियमों का पालन किए यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने जा रही है।
- कचरा जलाने की प्रक्रिया नौ माह तक चलेगी। जिस जगह पर कचरा जलाया जाना है, उससे 250 मीटर दूरी पर एक गांव है। एक किमी के दायरे में अन्य गांव हैं। इन गांवों के ग्रामीणों को वैकल्पिक स्थान उपलब्ध नहीं करवाया गया है।
- सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए भी काम नहीं किया है। अगर कोई हादसा होता है तो पीथमपुर में अस्पताल तक नहीं है। किसी अनहोनी की स्थिति में बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। इस तरह के कई मुद्दे हैं, जिन पर बात करना आवश्यक है।
- याचिका में कहा है कि शासन को इस मामले में राज्य, जिला और स्थानीय स्तर पर समितियां गठित करनी थी, लेकिन नहीं की गईं। सोमवार को न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति एजी मसीह ने शासन को नोटिस जारी कर 24 फरवरी से पहले जवाब मांगा है।
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पीथमपुर की वेस्ट मैनेजमेंट इकाई परिसर में भोपाल यूका क्षेत्र जैसा भूजल
यूनियन कार्बाइड का 337 मीट्रिक टन कचरा धार जिले के पीथमपुर की वेस्ट मैनेजमेंट फैक्ट्री में जलाया जाना है। इस फैक्ट्री को 20 दिसंबर 2024 में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक नोटिस दिया गया है। नोटिस में कई कमियां गिनाकर फैक्ट्री प्रबंधन से जवाब-तलब किया गया है, लेकिन इस नोटिस का जवाब अब तक प्रबंधन द्वारा नहीं दिया गया है।
यह खुलासा भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के लिए संघर्ष करने वाले पांच संगठनों ने किया है। संगठन की रचना ढींगरा ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का नोटिस में बता रहा है कि पीथमपुर की वेस्ट मैनेजमेंट इकाई के परिसर में सीवेज का पानी इकट्ठा हो रहा है।
इस पानी में वही केमिकल पाए गए हैं, जो भोपाल में यूका परिसर के आसपास की बस्तियों के भूजल में पाए गए हैं। इससे साफ होता है कि यदि पीथमपुर में 337 मीट्रिक टन कचरा और जलाया गया तो वहां का भूजल अधिक दूषित हो सकता है।
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