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Union Carbide Waste: यूनियन कार्बाइड के 337 टन जहरीले कचरे को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू

भोपाल गैस त्रासदी(Bhopal Gas Tragedy) के 40 वर्ष बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में मौजूद 337 टन जहरीले कचरे को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह कचरा पीथमपुर में निष्पादित किया जाएगा।

By Prashant Pandey

Publish Date: Mon, 30 Dec 2024 08:31:40 AM (IST)

Updated Date: Mon, 30 Dec 2024 08:40:24 AM (IST)

यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में नष्ट करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं।

HighLights

  1. यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से पीथमपुर तक कचरे का सुरक्षित परिवहन।
  2. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में हो रहा कचरे का निष्पादन।
  3. पीथमपुर में कचरे के निष्पादन के विरोध में स्थानीय लोगों का प्रदर्शन।

नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल(Union Carbide Toxic Waste)। भोपाल गैस त्रासदी के 40 वर्ष बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में मौजूद 337 टन जहरीले कचरे को नष्ट करने की प्रक्रिया रविवार से शुरू हो गई। इसके पहले चरण में धार जिले के पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट (रामकी) कंपनी के कर्मचारियों ने कचरे की पैकिंग शुरू कर दी है। सभी कर्मचारियों ने सुरक्षा की दृष्टि से किट पहनी हुई है।

यह कचरा एयरटाइट बैग में रखकर 12 कंटेनरों में भरा जाएगा। ये कंटेनर विशेष रूप से यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से बनाए जाने वाले ग्रीन कारीडोर के जरिए भोपाल से 250 किलोमीटर दूर पीथमपुर ले जाए जाएंगे। पीथमपुर में कचरे का निष्पादन किया जाएगा। यह पूरा काम केंद्रीय व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की निगरानी में हो रहा है।

फैक्ट्री परिसर में की व्यवस्था

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जहरीले कचरे को पीथमपुर ले जाने की तैयारियों के तहत शनिवार रात को रामकी कंपनी के अधिकारियों की टीम पुलिस, प्रशासन, नगर निगम के अधिकारियों के साथ फैक्ट्री पहुंची थी। आधी रात को फैक्ट्री परिसर में जनरेटर और टेंट जैसी व्यवस्था कर ली गई थी।

बड़े पेड़ों की छटाई भी की गई

रविवार सुबह से नगर निगम के अमले द्वारा फैक्ट्री के मुख्य द्वार पर साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया गया था। कंटेनरों को फैक्ट्री से बाहर निकालने के लिए रास्ते में आ रहे बड़े-बड़े पेड़ों की छटाई भी की गई। मुख्य द्वार पर चौकी बनाकर पुलिस टीम लगा दी गई है। फैक्ट्री में सभी तरह के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। फैक्ट्री परिसर की दीवार जहां टूटी है, वहां बेरिकेड्स लगा दिए गए।

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बता दें कि हाईकोर्ट ने तीन दिसंबर को एक महीने के भीतर कचरे को निष्पादित करने का आदेश दिया था। यह प्रक्रिया उसी के पालन में हो रही है। भोपाल गैस त्रासदी राहत-पुनर्वास विभाग के संचालक स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट में तीन जनवरी को कचरे के निष्पादन की जानकारी देनी है तो दो जनवरी तक कचरा कंपनी तक पहुंचा दिया जाएगा।

संचालक सिंह ने बताया कि सन् 2015 में 10 टन कचरे को जलाने का ट्रायल हो चुका है। इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की गई थी। इसके बाद ही यह प्रक्रिया शुरू की गई है। पीथमपुर में इसके लिए अलग से लैंडफिल साइड का निर्माण किया गया है। कंपनी द्वारा सुरक्षित निष्पादन किया जाएगा, इससे किसी तरह की कोई समस्या लोगों व पर्यावरण को नहीं होगी।

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जहरीला हो गया है पानी, संसद में उठा मुद्दा

कीटनाशक बनाने वाले यूनियन कार्बाइड का कचरा 40 साल से बंद फैक्ट्री के परिसर में डंप है। इसका बड़ा हिस्सा तालाब में डंप किया गया था। इसकी वजह से छह किलोमीटर के दायरे में भूमिगत जल दूषित हो गया था। वहां की मिट्टी में भी भारी और खतरनाक धातुओं की अधिकता हो गई थी।

गैस प्रभावितों के संगठन इस कचरे को हटाने के लिए वर्षों से लड़ाई लड़ रहे हैं। जहरीले कचरे को नष्ट करने के लिए पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने 121 करोड़ रुपये जारी किए थे। तकनीकी वजहों से सरकार काम शुरू नहीं करा पाई। इसी बीच भोपाल से भाजपा सांसद आलोक शर्मा ने लोकसभा के शून्य काल में जहरीले कचरे का मुद्दा उठाया। इसके बाद से सरकार कुछ हरकत में आई।

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पीथमपुर में कचरा निष्पादन के विरोध में उतरे लोग, प्रदर्शन किया

भोपाल के यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के कचरे को पीथमपुर में लाकर निष्पादित करने की प्रक्रिया के बीच यहां विरोध किया जाने लगा है। पीथमपुर के लोगों ने सड़क पर उतरकर यहां कचरे के निष्पादन न करने की मांग उठाई। कहा कि इससे पीथमपुर के स्थानीय लोगों को खतरा हो सकता है।

रविवार को जागरूकजनों, रहवासी और स्कूली बच्चों ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया। लोग सड़क घेरकर बैठ गए। पुलिस ने समझाकर उन्हें उठाया। रैली में प्रदर्शनकारी हाथ में काली पट्टी बांधकर, ‘पीथमपुर को भोपाल नहीं बनने देंगे’ और यूनियन कार्बाइड के भोपाल में हुए हादसे की तस्वीरें वाली तख्तियां लेकर लोग साथ चल रहे थे।

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