टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता का नाम एकता चतुर्वेदी है। उन्होंने पुलिस कंप्लेंट में बताया है कि 18 अक्टूबर 2024 को एक नंबर से वॉट्सऐप कॉल आई। सामने वाले ने दावा किया कि वह टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी ट्राई से बात कर रहा है। कॉल करने वाले ने एकता से कहा कि उनका आधार कार्ड दो मोबाइल नंबरों से जुड़ा है यानी उनके नाम पर दो सिम हैं। कॉलर ने एक सिम को वैलिड जबकि दूसरे को अनऑथराइज्ड बताया कहा कि दूसरे सिम का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हो रहा है।
इसके बाद एकता की बात मुंबई पुलिस का हेडक्वॉर्टर बताकर किसी से कराई गई। एकता से दो बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। हैरानी की बात है कि एकता ने ऐसा कर भी दिया। उन्होंने एक बार 64 हजार रुपये और दूसरी बार 60 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।
पैसा मिलते ही ठगों ने अपना नंबर स्विच्ड ऑफ कर दिया। एकता ने कॉल करके जानना चाहा कि आगे करना क्या है, तब उन्हें अपने साथ ठगी का एहसास हुआ। इस मामले में अब एफआईआर दर्ज की गई है।
Digital Arrest Scam
डिजिटल अरेस्ट एक ऐसी ठगी है, जिसमें अपराधी खुद को सरकारी अफसर बताकर पेश करते हैं। लोगों से वीडियो कॉल में जुड़ते हैं और उन्हें अपने भरोसे में लेकर पैसों की डिमांड पूरी करने को कहते हैं। पीड़ित को इस तरह से जाल में फंसाया जाता है कि वह मजबूरन पैसे देने को राजी हो जाता है।
टेक्नॉलजी की मदद ले रहे ठग
डिजिटल अरेस्ट स्कैम को अंजाम देने के लिए ठग टेक्नॉलजी की मदद ले रहे हैं। वो फेक दफ्तर, पुलिस स्टेशन बना रहे हैं। सरकारी अफसरों जैसे कपड़े पहन रहे हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। पीड़ितों को कई घंटे वीडियो कॉल में फंसाकर रखा जाता है।
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2024-11-04 11:41:22
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