यह सैटेलाइट एक्स-रे सोर्सेज के रहस्यों का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया को स्टडी करने में वैज्ञानिकों की मदद करेगा। इसरो के अनुसार, यह उसका पहला सैटेलाइट है जो एक्स-रे उत्सर्जन का पता लगाएगा और करीब 5 साल तक इसरो को महत्वपूर्ण देगा।
सफल लॉन्च के बाद इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि आप सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं। एक जनवरी 2024 को पीएसएलवी का एक और सफल अभियान पूरा हुआ। पीएसएलवी-सी58 ने सैटेलाइट एक्सपोसैट को उसके तय ऑर्बिट में पहुंचा दिया है।
एस सोमनाथ अंतरिक्ष विभाग के सचिव भी हैं। उन्होंने कहा कि सैटेलाइट को जिस ऑर्बिट में स्थापित किया गया है वह एक्सीलेंट ऑर्बिट है और 650 किलोमीटर के सर्कुलर ऑर्बिट से केवल 3 किलोमीटर दूर है और झुकाव 001 डिग्री है जो अच्छी कंडीशन है। इसके अलावा, सौर पैनल को भी सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है।
मिशन के निदेशक जयकुमार एम. ने कहा कि पीएसएलवी की 60वीं उड़ान की सफलता पर उन्हें बेहद खुशी है। उन्होंने कहा कि आज का सफल लॉन्च इसरो टीम की जबरदस्त कोशिशों से मुमकिन हुआ है। उन्होंने कहा कि नई टेक्नॉलजी इस मिशन को दिलचस्प बनाती है। ‘एक्स-रे पोलरिमीटर’ सैटेलाइट में सिलिकॉन वाली हाई एनर्जी वाली बैटरी लगी है।
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2024-01-01 07:35:08
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