सिंगापुर सिटी2 घंटे पहले
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दुनिया भर में कई देश लो फर्टिलिटी रेट से जूझ रहे हैं। सिंगापुर में तो फर्टिलिटी रेट 0.97 पर पहुंच गया है। जो जनसंख्या संतुलन बनाये रखने के लिए जरूरी 2.1 के फर्टिलिटी रेट से काफी कम है। एलन मस्क ने इसे लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि सिंगापुर खत्म हो रहा है।
न्यूजवीक के मुताबिक, सिंगापुर में बढ़ती बुजुर्ग आबादी घटते श्रमिक और कम होते लेबर पावर की वजह से फैक्ट्रियों से लेकर फूड डिस्ट्रीब्यूशन तक में रोबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है। 2030 तक सिंगापुर की 25% आबादी की उम्र 65 साल से ज्यादा होगी।
70 साल में दुनिया की फर्टिलिटी रेट में 50% गिरावट
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रोबोटिक्स के मुताबिक, सिंगापुर में हर 10,000 कर्मचारियों पर रोबोट की संख्या 770 है। इस वजह से यहां हर जगह रोबोकॉप, रोबो-क्लीनर, रोबो-वेटर और रोबो-डॉग की भरमार हो गई है।
1970 के दशक तक, दक्षिण कोरिया, जापान और चीन जैसे देशों में एक महिला के औसतन पांच से ज्यादा बच्चे होते थे। अब इन देशों में औसतन एक महिला पर एक बच्चा भी नहीं है। पिछले 70 सालों में पूरी दुनिया में फर्टिलिटी रेट में 50% की गिरावट देखी गई है।
सिंगापुर में कम आबादी की वजह से रोबोकॉप, रोबो-क्लीनर, रोबो-वेटर तैनात किए जा रहे हैं।
दक्षिण कोरिया में बच्चे पैदा पर नकद कैश देने की स्कीम
दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर में हालात काफी चिंताजनक है। दक्षिण कोरिया में तो फर्टिलिटी रेट कम होकर 0.72 हो गया है। जापान पहले ही दुनिया का सबसे तेजी से बूढ़ा होने वाला देश बन चुका है।
दक्षिण कोरिया ने महिलाओं को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए कैश देने की स्कीम भी शुरू की है। सरकारी योजना के मुताबिक, 2022 के बाद से बच्चे पैदा करने वाली महिला को डिलीवरी से पहले का खर्च पूरा करने के लिए 1,850 अमेरिकी डॉलर (1,57,000 रुपए) का नकद बोनस मिलेगा।
फर्टिलिटी रेट यानी प्रजनन दर का मतलब क्या है?
किसी भी देश, समाज या समूह की एक महिला अपने जीवनकाल में औसतन कितने बच्चों की मां बनती हैं, इसे उस देश, समाज या समूह का फर्टिलिटी रेट कहते हैं। जैसे यदि भारत की एक महिला अपने पूरे जीवनकाल में औसतन तीन बच्चों की मां बनती है तो भारत का फर्टिलिटी रेट 3 होगा। किसी भी देश की जनसंख्या चक्रवृद्धि दर से बढ़ती है यानी आगे चलकर बच्चों के भी बच्चे होते हैं। इस फार्मुले के मुताबिक अगर किसी देश, समाज या समूह की प्रजनन दर 2.1 है तो आने वाले समय में उसकी मौजूदा आबादी नई आबादी से रिप्लेस हो जाएगी।
इमिग्रेशन को बढ़ावा देने की सिफारिश
कई विशेषज्ञ घटती जन्म दर से निपटने के लिए संबंधित क्षेत्रों में बाहरी लोगों के इमिग्रेशन को बढ़ावा देने की सिफारिश करते हैं। लेकिन, यह इलाज कारगर नहीं होगा। अमीर देशों में आज इमिग्रेशन रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है। इस कारण कुछ देशों में वर्करों की कमी दूर हो रही है। लेकिन दुनियाभर में जन्मदर में गिरावट के कारण इस सदी के मध्य तक युवा शिक्षित वर्करों की कमी हो जाएगी। चूंकि लोग ज्यादा बच्चों को जन्म नहीं देना चाहते हैं इसलिए दुनिया को युवाओं की कम संख्या और सिकुड़ती आबादी की समस्या से जूझना ही पड़ेगा।
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