क्रू-9 मिशन को पहले अगस्त के मध्य में लॉन्च किया जाना था, लेकिन बोइंग का स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट आईएसएस पर फंस गया था, जिस वजह से क्रू-9 मिशन में एक महीने से ज्यादा की देरी हो गई।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने जब यह फैसला किया कि स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट को बिना क्रू के धरती पर लाया जाएगा, तो सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर आईएसएस पर ही रह गए। इसके बाद क्रू-9 मिशन में भी बदलाव करना पड़ा। मिशन को इस तरह डिजाइन किया गया है कि दो अंतरिक्ष यात्री स्पेस में गए हैं और जब वो वापस लौटेंगे तो उनके साथ सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर भी आएंगे।
स्पेसडॉटकॉम के अनुसार, आमतौर पर स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन कैप्सूल 4 लोगों को स्पेस स्टेशन तक ले जाता है, लेकिन नासा ने क्रू-9 मिशन में सिर्फ दो एस्ट्रोनॉट ही स्पेस में भेजे हैं, ताकि सुनीता और बुच को धरती पर लाने के लिए स्पेसक्राफ्ट में जगह बची रहे।
सुनीता और बुच इस साल जून में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचे थे। दोनों ने बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से उड़ान भरी थी। उनका मिशन 10 दिनों के लिए प्रस्तावित था। बाद में स्टारलाइनर में खराबी के कारण अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन में ही रोकना पड़ गया।
जो फ्रीडम कैप्सूल स्पेस स्टेशन पर पहुंचा है, वह अगले साल फरवरी तक धरती पर लौटेगा, तभी सुनीता और बुच की भी वापसी हो पाएगी। स्पेस स्टेशन पर अभी अंतरिक्ष यात्रियों की संख्या 11 है।
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