मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक भारतीय अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि सैटेलाइट स्टडी में इस जगह के आसपास के इलाकों में मिट्टी के नीचे पुरातात्विक खजाने (Archaeological treasures) की मौजूदगी के सबूत मिले हैं।
सैटेलाइट से जो तस्वीरें मिलीं, उनमें मंदिर के नॉर्थ साइड में स्ट्रक्चरर्स दिखाई देते हैं, जो जमीन के अंदर दफन हैं। इमेजेस से पता चला है कि कई सदी पहले वह मठ एक खाई और बस्ती से घिरा हुआ होगा। यह स्डटी अभी पब्लिश नहीं हुई है। इस पर और काम जारी है।
मौजूदा महाबोधि मंदिर कॉम्प्लेक्स में आज एक मंदिर स्थित है। उसकी ऊंचाई 55 मीटर है। यह बुद्ध के जीवन से जुड़े 6 पवित्र स्थलों में से एक है और यूनेस्को की धरोहरों में शामिल है। स्पेसडॉटकॉम ने यूनेस्को के हवाले से लिखा है कि यह भारत में मौजूद सबसे पुराने ईंट के बने बौद्ध मंदिरों में से एक है, जिसका इतिहास 5वीं या 6वीं शताब्दी ई.का है।
महाबोधि मंदिर पर की जा रही नई रिसर्च में एक भारतीय इंस्ट्यिूट और कार्डिफ यूनिवर्सिटी सहयोगी हैं। जिस सैटेलाइट इमेजरी की बात की जा रही है, वह अभी सामने नहीं आई है। रिसर्च पेपर पब्लिश होने के बाद तस्वीर सामने आएगी। यह भी नहीं बताया गया है कि इमेजरी के लिए किस सैटेलाइट की मदद ली गई है।
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2024-08-08 07:15:39
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