मध्य प्रदेश में बादल, कोहरा और हल्की वर्षा का दौर जारी है। तापमान में उतार-चढ़ाव के बीच कृषि फसलों को विशेष लाभ हुआ है। चंबल-बुंदेलखंड में रुक-रुककर वर्षा ने गेहूं, सरसों, चना, मसूर जैसी फसलों को अमृत समान पानी दिया। 14 जनवरी से नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण फिर मौसम बदलेगा।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Sun, 12 Jan 2025 10:30:38 PM (IST)
Updated Date: Sun, 12 Jan 2025 10:30:38 PM (IST)
HighLights
- बादल, कोहरा और नमी से अधिकतर शहर प्रभावित।
- रात के तापमान में धीरे-धीरे गिरावट संभावित।
- रातभर रुक-रुककर वर्षा ने फसलों को लाभ पहुंचाया।
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। हवाओं के साथ नमी आने के कारण मध्य प्रदेश के अधिकतर शहरों में बादल बने हुए हैं। शनिवार-रविवार को कुछ क्षेत्रों में वर्षा भी हुई। वातावरण में नमी रहने के कारण कोहरा एवं धुंध भी बनी हुई है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ जाने से अब वर्षा होने की संभावना कम है।
इससे रात के तापमान में भी कुछ कमी आने के आसार हैं। हालांकि अभी दो दिन तक प्रदेश के अधिकतर जिलों में सुबह के समय कोहरा बना रह सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बादल बने रहने के कारण रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई है।
रविवार को प्रदेश में सबसे कम 7.5 डिग्री सेल्सियस तापमान मंडला में दर्ज किया गया। उमरिया में शीतल दिन रहा। उधर रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक दमोह में सात, सतना एवं उमरिया में दो, बैतूल एवं रीवा में एक मिलीमीटर वर्षा हुई।
ये मौसम प्रणालियां हैं सक्रिय
वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ पंजाब और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। इसके प्रभाव से उत्तर-मध्य राजस्थान और उसके आसपास एक प्रेरित चक्रवात बना हुआ है। उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीम बना हुआ है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में वर्षा होने की संभावना नहीं है।
आंशिक बादल एवं कोहरा
हालांकि वातावरण में बड़े पैमाने पर नमी बनी रहने के कारण आंशिक बादल एवं कोहरा बना रह सकता है, लेकिन रात के तापमान में अब कुछ गिरावट होगी। उधर 14 जनवरी से एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से 16 जनवरी से रात के तापमान में फिर बढ़ोतरी होने लगेगी।
चंबल-बुंदेलखंड में रातभर रुक-रुककर वर्षा
ग्वालियर : चंबल अंचल और बुंदेलखंड में शनिवार-रविवार की रात रुक-रुककर वर्षा का दौर जारी रहा। मुरैना जिले में जहां 4.7 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। वहीं भिंड जिले में 3.5 मिलीमीटर, शिवपुरी में 3.8 मिलीमीटर वर्षा हुई। इसी तरह बुंदेलखंड के दतिया जिले में छह मिमी. और छतरपुर व नौगांव में 14 मिमी. औसत वर्षा दर्ज हुई।
गेहूं की फसल को लाभ
आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. संदीप सिंह तोमर ने बताया कि इस समय गेहूं की फसल में दूसरे पानी का सीजन चल रहा है। वर्षा से गेहूं की फसल भरपूर पानी मिल गया है। इतना ही नहीं, जिन किसानों ने सरसों, चना, मसूर, मटर जैसी फसलें बोई हैं, उनके लिए तो वर्षा अमृत जैसी रही।
कृषि जानकारों के अनुसार तिलहनी व दलहनी फसलों में कुल दो बार पानी लगता है। 10 दिन पहले भी जिलेभर में वर्षा हुई थी तब सरसों, चना, मसूर, मटर की पहली सिंचाई हो गई थी। अब इन फसलों को पर्याप्त मात्रा में दूसरा पानी मिल गया है।
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