आयुर्वेद, यूनानी, और सिद्धा कालेजों में 2025-26 से आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली लागू होगी। उपस्थिति एनसीआईएसएम में स्वतः दर्ज होगी और मान्यता के लिए आवश्यक होगी। अनुपस्थित पाए जाने पर टीचर कोड निलंबित होगा और कॉलेज पर 25 लाख का जुर्माना लगेगा। यह कदम शिक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Tue, 14 Jan 2025 08:48:37 PM (IST)
Updated Date: Tue, 14 Jan 2025 10:37:10 PM (IST)
HighLights
- 2025-26 से आयुर्वेद कॉलेजों में आधार आधारित उपस्थिति जरूरी।
- फैकल्टी की उपस्थिति एनसीआईएसएम पोर्टल पर स्वतः दर्ज होगी।
- चिकित्सा शिक्षकों के देशभर में एक समान वेतन पर नीति का विचार।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया.भोपाल। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से आयुर्वेद, यूनानी और सिद्धा कॉलेजों की मान्यता के लिए फैकल्टी की आधार के माध्यम से उपस्थिति ही मान्य की जाएगी। कॉलेज में उपस्थिति दर्ज करते ही भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएम) में उपस्थिति लग जाएगी।
टीचर कोड एक वर्ष के लिए
कॉलेजों की मान्यता के दौरान यही उपस्थिति मान्य की जाएगी। चाहे वह नया कॉलेज प्रारंभ करने के लिए हो या फिर सीटों में वृद्धि के लिए। ऐसे फैकल्टी जो सिर्फ निरीक्षण के समय दिखते हैं, बाकी दिनों में उनकी उपस्थिति के प्रमाण नहीं मिले तो उसका टीचर कोड एक वर्ष के लिए वापस ले लिया जाएगा।
यानी, वह एक वर्ष तक किसी कॉलेज में सेवा नहीं दे पाएंगे। जिस कॉलेज में ऐसे फैकल्टी पाए जाएंगे उस पर 25 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया जाएगा। बता दें, एलोपैथी मेडिकल कॉलेजों में पहले से आधार बेस्ड बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू है।
देशभर में एक समान वेतन
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. राकेश पांडेय ने कहा कि एनसीआइएसएम ने विद्यार्थियों के हित में ठोस कदम उठाया है। चिकित्सा शिक्षा में लापरवाही का कोई स्थान नहीं है। चिकित्सा शिक्षकों के देशभर में एक समान वेतन पर भी आयोग को नीति बनानी चाहिए।
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