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SpaceX : स्‍टारशिप रॉकेट में दूसरी बार विस्‍फोट, लेकिन एलन मस्‍क रुकने वाले नहीं! तीसरे लॉन्‍च की तैयारी

SpaceX Starship Mission : एलन मस्‍क की कंपनी स्‍पेसएक्‍स (SpaceX) की दूसरी कोशिश बीते शनिवार को फेल हो गई थी। दुनिया के सबसे भारी रॉकेट ‘स्‍टारशिप’ की सेकंड टेस्‍ट फ्लाइट नाकामयाब रही और मैक्सिको की खाड़ी के ऊपर रॉकेट में विस्‍फोट हो गया। हालांकि इससे कंपनी की योजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है। टेस्‍ट फ्लाइट फेल होने के ठीक एक दिन बाद एलन मस्‍क ने एक पोस्‍ट में उम्‍मीद जताई कि स्‍पेसएक्‍स का तीसरा स्‍टारशिप वीकल 3 से 4 हफ्तों में लॉन्चिंग के लिए तैयार हो जाना चाहिए।  

मस्‍क ने पोस्‍ट से अपने इरादे जाहिर कर दिए। उनकी कंपनी रुकने वाली नहीं है। वह तब तक दुनिया के सबसे भारी रॉकेट को टेस्‍ट करेगी, जब तक कामयाबी नहीं मिल जाती। हालांकि तीसरी टेस्‍ट फ्लाइट के लिए कंपनी को यू.एस. फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) की मंजूरी अभी नहीं मिली है। स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट में बताया गया है कि एफएए इस बात की जांच कर रहा है कि सेकंड टेस्‍ट फ्लाइट के दौरान क्‍या हुआ था। 
 

उस मिशन को अमेरिका के साउथ टेक्‍सास से लॉन्‍च किया गया था। यह 90 मिनट की टेस्‍ट फ्लाइट थी, लेकिन लॉन्चिंग के महज 8 मिनटों बाद ही तेज विस्‍फोट के साथ खत्‍म हो गई। रिपोर्ट कहती है कि सेकंड टेस्‍ट फ्लाइट ने कुछ महत्‍वपूर्ण पहलुओं को छुआ, जिनमें फर्स्‍ट स्‍टेज का सेपरेशन अहम था। अप्रैल में हुए पहले लॉन्‍च टेस्‍ट में यह सेपरेशन नहीं हो पाया था। 

सेकंड टेस्‍ट फ्लाइट में रॉकेट के सभी 33 रैप्टर इंजन पर्याप्‍त समय तक जलते हुए नजर आए। इस टेस्‍ट में लॉन्‍च साइट को भी ज्‍यादा नुकसान नहीं हुआ है। यही वजह है कि स्‍पेसएक्‍स अब स्‍टारशिप प्रोजेक्‍ट पर तेजी से आगे बढ़ना चाहती है। शायद उसे लगता होगा कि तीसरी टेस्‍ट फ्लाइट से कामयाबी और ज्‍यादा मिलेगी। सबकुछ योजना के मुताबिक हुआ तो कंपनी इस साल के खत्‍म होने से पहले स्‍टारशिप का तीसरा लॉन्‍च टेस्‍ट पूरा कर लेगी।
 

क्‍या है स्‍टारशिप रॉकेट 

स्‍टारशिप दुनिया का सबसे बड़ा और वजनी रॉकेट है। यह एक रीयूजेबल रॉकेट भी है। इसमें मुख्‍य रूप से दो भाग हैं। पहला है- पैसेंजर कैरी सेक्‍शन यानी जिसमें यात्री रहेंगे, जबकि दूसरा है- सुपर हैवी रॉकेट बूस्‍टर। स्‍टारशिप और बूस्‍टर को मिलाकर इसकी लंबाई 394 फीट (120 मीटर) है। जबकि वजन 50 लाख किलोग्राम है। जानकारी के अनुसार, स्टारशिप रॉकेट 1.6 करोड़ पाउंड (70 मेगान्यूटन) का थ्रस्ट उत्पन्न करने में सक्षम है। यह नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट से लगभग दोगुना अधिक है।

 

रॉकेट की जरूरत क्‍याें?

स्‍पेसएक्‍स अपने लॉन्‍च में सफल होती है, तो भविष्‍य में इस रॉकेट की मदद से इंसानों को चंद्रमा और मंगल ग्रह तक ले जाया जा सकेगा। इससे इंसान सिर्फ पृथ्‍वी तक सीमित ना होकर म‍ल्‍टीप्‍लैनेटरी प्रजाति बन जाएगा। एलन मस्‍क की योजना भविष्‍य में मंगल ग्रह पर एक शहर को बसाने की है। स्‍टारशिप रॉकेट इसके लिए एक अहम कड़ी साबित होगा। 
 

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2023-11-21 10:55:34
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