इंदौर के करदाताओं को भी विभाग ने दिए मैसेज यदि गड़बड़ है तो आईटीआर अपडेट कराकर टैक्स जमा कर दें
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आयकर विभाग फिर एक बार राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों पर अपना शिकंजा कस रहा है। असेसमेंट वर्ष 2022-23 और 2023-24 का अपडेटेड रिटर्न भरने की सुविधा करदाताओं के पास अभी है। इन वर्षों में चंदे की छूट लेने वालों से विभाग कह रहा है कि अगर गलत तरीके से छूट ली हो, तो अपने रिटर्न में संशोधन करके टैक्स भर दो। साथ ही विभाग ये भी बता रहा है कि अब तक देशभर में 90 हजार लोगों ने इस प्रकार से 1075 करोड़ रुपए की क्लेम की हुई छूट वापस की है और अपना रिटर्न अपडेट कर के लगाया है।
इंदौर के करीब डेढ़ हजार सहित देशभर के करदाताओं को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से ऐसे मैसेज आ रहे हैं। असेसमेंट वर्ष 2022-23 के लिए करदाता अपना रिवाइज्ड रिटर्न 31 मार्च 2025 तक भर सकते हैं। वहीं साल 2023-24 के लिए 31 मार्च 2026 तक अपडेटेड रिटर्न भरने कि आखिरी तारीख है। वही इस तारीख के एक साल बाद तक आयकर विभाग करदाताओं को नोटिस भेजकर टैक्स चोरी की जांच उनपर शुरू कर सकते हैं।
3 साल पहले भेजे थे जमकर नोटिस, अब मैसेज भेजकर कर रहे काम
एक्सपर्ट के मुताबिक हर वो करदाता जिसमें 1 लाख रुपए या उससे कम भी दान देकर आयकर में छूट ली है उसके मैसेज भेजे जा रहे हैं। विभाग ने इससे पहले जब कार्रवाई की थी तब वर्ष 2019-20 के चंदे पर साल 2022 में नोटिस भेजे थे। इस मामले में विभाग के पास पुख्ता सबूत भी थे और चन्दा देने वाले करदाताओं की एक लंबी सूची भी।
वहीं जिन पार्टियों को दान दिया गया था वो फर्जी होने के भी सारे सबूत विभाग के पास थे। इस सब के बीच विभाग ने इसपर कार्रवाई करते हुए कई मामलों में असेसमेंट ऑर्डर पारित कर करदाताओं से बड़ी संख्या में इंटरेस्ट और पेनल्टी भी वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
दो वर्षों में बड़ी कार्रवाई नहीं, लेकिन केस खोल सकता है विभाग इसके बाद वर्ष 2020-21 या 2021-22 को लेकर ज्यादा नोटिस नहीं भेजे गए। संभवतः पुख्ता सबूत ना होने पर या विभाग के पास इतने नोटिस भेजने की क्षमता ना होने के चलते, इन दो सालों में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि वर्ष 2021-22 के रिटर्न में ली गई छूट को लेकर विभाग 31 मार्च 2025 तक नोटिस भेजकर केस खोल सकता है। इससे पहले के सालों के नहीं। ऐसे में अब फिर से चंदा देकर छूट लेने वाले करदाता परेशान हैं और अपने चंदे से जुड़े दस्तावेज इकट्ठा कर रहे हैं।
इधर, आयकर विभाग ने इंदौर, उज्जैन, देवास, राजगढ़ में मारे छापे चंदे के इस खुलासे के बीच गुरुवार को आयकर विभाग की इंदौर और उज्जैन की इन्वेस्टिगेशन विंग ने इंदौर, उज्जैन, देवास और राजगढ़ में कई जगह छापे मारे। बताते हैं कि ये वे लोग हैं, जो राजनीतिक चंदा देने और फर्जी रिफंड प्राप्त करने में करदाताओं की मदद कर रहे थे। इस सर्वे की कार्रवाई में उन प्रोफेशनल्स को भी शामिल किया है, जिनके द्वारा यह चंदे क्लेम करने में मदद की जा रही थी।
50% अतिरिक्त पेनल्टी देकर बच सकते हैं कार्रवाई से-अगर किसी करदाता ने अपने साल 2022-23 के रिटर्न में बोगस क्लेम लिया गया है, तो वो 31 मार्च 2025 से पहले सुधार कर सकते हैं। इसके लिए करदाताओं को जो टैक्स और इंटरेस्ट बनता है उसके ऊपर 50% अलग से पेनल्टी का भुगतान करना होगा।
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