भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इंदौर नगराध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी है। सुमित मिश्रा को भाजपा नगराध्यक्ष और श्रवणसिंह चावड़ा को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। यह निर्णय पार्टी के प्रदेश नेतृत्व द्वारा लिया गया है।
By Prashant Pandey
Publish Date: Fri, 31 Jan 2025 08:46:11 AM (IST)
Updated Date: Fri, 31 Jan 2025 08:58:33 AM (IST)
HighLights
- सुमित मिश्रा और श्रवणसिंह चावड़ा को मिली नई जिम्मेदारी।
- विजयवर्गीय गुट की ताकत बढ़ी, पार्टी में नए नेतृत्व की शुरुआत।
- भाजपा कार्यालय में नवनिर्वाचित नेताओं ने किया माल्यार्पण।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार भाजपा ने इंदौर नगराध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा कर ही दी। सुमित मिश्रा भाजपा नगराध्यक्ष और श्रवणसिंह चावड़ा जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं। श्रवण इसके पहले भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
गुरुवार दोपहर इंदौर नगर के लिए चुनाव अधिकारी बनाए गए रणवीरसिंह रावत और इंदौर ग्रामीण के चुनाव अधिकारी यशपाल सिंह सिसोदिया ने नगराध्यक्ष और जिलाध्यक्ष पद पर निर्वाचन की घोषणा की। दिसंबर के अंत में भाजपा नगराध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के लिए रायशुमारी हुई थी।
आम सहमति नहीं बनी तो समझौते से निकाला रास्ता
भाजपा नगराध्यक्ष और जिलाध्यक्ष पद पर गुरुवार नियुक्तियों के साथ ही पिछले एक माह से चला आ रहा असमंजस खत्म हो गया। भाजपा संगठन ने प्रदेश के अन्य शहरों के नाम तो घोषित कर दिए थे, लेकिन इंदौर की स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही थी।
इन नियुक्तियों के जरिये विजयवर्गीय गुट ने एक बार फिर अपनी राजनीतिक ताकत दिखाई है। नगराध्यक्ष बनाए गए सुमित मिश्रा और जिलाध्यक्ष बनाए गए श्रवणसिंह चावड़ा दोनों विजयवर्गीय के करीबी माने जाते हैं।
रायशुमारी के बाद तक विजयवर्गीय नगराध्यक्ष के लिए टीनू जैन और जिलाध्यक्ष के लिए चिंटू वर्मा के नाम पर अड़े थे। वर्मा विजयवर्गीय के कट्टर समर्थक माने जाते हैं, जबकि जैन पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय की पसंद थे।
सुमित मिश्रा का नाम आगे बढ़ा रहे थे
विधायक रमेश मेंदोला और गोलू शुक्ला नगराध्यक्ष के लिए सुमित मिश्रा का नाम आगे बढ़ा रहे थे। जिलाध्यक्ष के लिए वर्मा का नाम रिपिट होने की प्रबल संभावना जताई जा रही थी, लेकिन रायशुमारी में कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने अपने समर्थक अंतरसिंह दयाल का नाम आगे बढ़ाकर पशोपेश बढ़ा दिया था।
यही वजह थी कि न तो नगराध्यक्ष की घोषणा हो रही थी, न ही जिलाध्यक्ष की। रायशुमारी में आम सहमति नहीं बनने से भाजपा ने इंदौर को छोड़ बाकी जगह अध्यक्ष के नाम घोषित कर दिए थे। विजयवर्गीय ने रायशुमारी में नगराध्यक्ष के लिए जैन व जिलाध्यक्ष के लिए वर्मा का नाम आगे बढ़ाया था।
दोनों की ताजपोशी नहीं हुई, फिर भी विजयवर्गीय का पलड़ा भारी रहा। मिश्रा विधायक मेंदोला के करीबी हैं और मेंदोला विजयवर्गीय के। उनका नाम समझौता वार्ता में सामने आया तो विजयवर्गीय ने मौन स्वीकृति दे दी थी।
छह दशक बाद राजपूत समाज को मिली जिम्मेदारी
जिलाध्यक्ष चुने गए चावड़ा राजपूत समाज से आते हैं। करीब छह दशक बाद इस पद पर इस समाज को जिम्मेदारी मिली है। दशकों पहले इसी समाज के सेमल्या चाउ के रामसिंह चौहान ने प्रभारी जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई थी।
भाजपा कार्यालय पहुंचे मिश्रा और चावड़ा
नवनिर्वाचित भाजपा नगराध्यक्ष मिश्रा और जिलाध्यक्ष चावड़ा दोनों गुरुवार देर शाम जावरा कंपाउंड स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचे और भाजपा के पितृ पुरुष डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। दोनों ने कार्यकर्ताओं से भेंट की। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कार्यालय के बाहर जमकर आतिशबाजी भी की।
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