0

वित्त मंत्रालय कर्मचारियों के AI टूल्स इस्तेमाल पर रोक: ChatGPT और डीपसीक नहीं चला पाएंगे, वजह- गोपनीय जानकारी लीक होने का खतरा

नई दिल्ली28 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

चैटजीपीटी और डीपसीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट चैटबॉट है। यह इंटरनेट पर मौजूद जानकारी को पढ़कर जवाब देता है।

वित्त मंत्रालय ने बुधवार को अपने कर्मचारियों पर ChatGPT और डीपसीक जैसे AI टूल्स के इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी। कर्मचारी ऑफिस के डिवाइस यानी मंत्रालय की ओर से दिए गए कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट जैसे डिवाइस में AI टूल्स का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

व्यय विभाग की ओर से 29 जनवरी को जारी आदेश से पता चलता है कि AI टूल्स के इस्तेमाल से गोपनीय सूचनाएं लीक होने का खतरा है। इसके चलते ही यह कदम उठाया गया है। यह आदेश मंत्रालय के सभी विभागों पर लागू होगा।

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देश भी AI टूल्स बैन कर चुके हैं। चैटजीपीटी (चैट जनरेटिव प्री ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर) एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट चैटबॉट है। यह इंटरनेट पर मौजूद जानकारी को पढ़कर जवाब देता है।

एडवाइजरी की रिपोर्ट सोशल मीडिया पर सामने आई सूचनाएं लीक होने के खतरे की जानकारी इंटरनल डिपार्टमेंट एडवाइजरी से मिली है। एडवाइजरी की रिपोर्ट बीते दिन 4 फरवरी को सोशल मीडिया पर सामने आई थी।

बैन की खबर ऐसे समय सामने आई है जब चैटजीपीटी डेवलप करने वाली कंपनी ओपन एआई के CEO सैम ऑल्टमैन भारत दौरे पर हैं। बुधवार सुबह ही उन्होंने कई सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की है।

इस मामले पर अब तक वित्त मंत्रालय, चैटजीपीटी या उसकी पेरेंट कंपनी ओपनएआई और डीपसीक की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।

सैकड़ों आर्टिकल्स पढ़कर चैटजीपीटी अपने जवाब तैयार करता है चैटजीपीटी इंटरनेट पर मौजूद सैकड़ों आर्टिकल्स पढ़कर जवाब तैयार करता है। ओपन एआई की वेबसाइट पर जाकर चैटजीपीटी पर क्लिक करके इसका यूज किया जा सकता है, लेकिन इसके जवाब में फैक्ट्स की गलत हो सकते हैं।

इसे इस्तेमाल के लिए लर्निंग एक्सपीरियंस होना बहुत जरूरी है क्योंकि तब ही आप यह जान पाएंगे कि चैटजीपीटी का जवाब सही है या नहीं। यह गूगल की तरह सर्च इंजन नहीं है। किसी भी सब्जेक्ट पर विस्तार से जानकारी के लिए गूगल बेहतर है। हालांकि तुरंत नोट्स तैयार करने के लिए चैटजीपीटी गूगल से बेहतर है।

स्टूडेंट्स इसके इस्तेमाल में सावधानी बरतें देश में ज्यादातर इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट फील्ड में इसका इस्तेमाल हो रहा है। कोडिंग में कोई दिक्कत होने पर इंजीनियर्स चैटजीपीटी से 2 मिनट में समाधान पा सकते हैं। इससे प्रोफेशनल्स की प्रोडक्टिविटी बढ़ती है, लेकिन स्टूडेंट्स को इसका इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए।

उदाहरण के तौर पर क्वांटम फिजिक्स से जुड़ा कोई छोटा टॉपिक आपको समझना है तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन होमवर्क के लिए इसका उपयोग सही नहीं है क्योंकि इससे आप हमेशा एक सॉफ्टवेयर पर निर्भर हो जाएंगे।

———————————————

AI टूल्स से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से डर; साइकोलॉजिस्ट बता रहे यह कितना वाजिब, दूर करने के 5 टिप्स

पिछले कुछ समय से हम सभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बारे में सुनते आ रहे हैं। टेक फील्ड में मेटा एआई, जेमिनी, चैटजीपीटी जैसे कई सारे AI टूल्स के नाम सुनाई देते हैं। इस चर्चा में निगेटिव और पॉजिटिव दोनों बातें हो रही हैं। पूरी खबर पढ़ें…

अब स्कूलों में क्लास 6 से होगी AI की पढ़ाई, AI इंजीनियर बनने के लिए 1200 घंटे की पढ़ाई-ट्रेनिंग करनी होगी

UGC ने पिछले साल अक्टूबर में यूनिवर्सिटीज और एकेडमिक इंस्टिट्यूशंस में AI की पढ़ाई शुरू कराने को लेकर सर्कुलर जारी किया था। यह फैसला नेशनल प्रोग्राम ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तहत लिया गया था। इसके तहत स्कूलों से लेकर ITI, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों में हर स्तर पर AI की पढ़ाई होगी। पूरी खबर पढे़ं…

खबरें और भी हैं…

Source link
#वतत #मतरलय #करमचरय #क #टलस #इसतमल #पर #रक #ChatGPT #और #डपसक #नह #चल #पएग #वजह #गपनय #जनकर #लक #हन #क #खतर
2025-02-05 12:16:58
[source_url_encoded