तीन दिन पूर्व भी अरुण की गिरफ्तारी की योजना बनी थी। उस वक्त भी लोकायुक्त वाले थाने के आसपास खड़े हो चुके थे। टीआई ने उसे फटकार लगाकर थाने से भगा दिया और गिरफ्तारी टल गई।
By Mukesh Mangal
Publish Date: Sun, 02 Mar 2025 12:27:20 AM (IST)
Updated Date: Sun, 02 Mar 2025 12:45:27 AM (IST)
HighLights
- प्रधान आरक्षक अरुण शर्मा की गिरफ्तारी का केस।
- घूसखोर प्रधान आरक्षक ने मांगे थे रिश्वत के पैसे।
- वाट्सएप काॅल कर मिलने रात मिलने पहुंचता था।
नईदुनिया प्रतिनिधि,इंदौर। घूसखोरी में गिरफ्तार प्रधान आरक्षक अरुण शर्मा की गिरफ्तारी की सूचना लीक हो चुकी थी। एमआईजी टीआई सीबीसिंह ने आगाह करने के लिए कईं बार काॅल लगाया था। अरुण ने फोन अनदेखा किया और कार में जा बैठा।साथी पुलिसकर्मी अलर्ट करते इसके पूर्व लोकायुक्त दबोच कर ले गई। अरुण शर्मा की अपराध शाखा में पदस्थापना के दौरान भी शिकायतें हुई हैं। एमआईजी थाना में पदस्थ होने के बाद वह सादे वस्त्रों में ही रहता था। तत्कालीन टीआई मनीष लोधा ने तो वर्दी पहनने के लिए बकायदा पत्र लिखा था।
- थाने में ही तोड़बट्टा करने वाला अदना सा पुलिसकर्मी अफसरों से नहीं डरता था। टीआई सीबीसिंह उसको हटाने के लिए डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा को रिपोर्ट दे चुके थे।
- उधर मेघा(शिकायतकर्ता) ने अरूण के खिलाफ बयान दर्ज करवाते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। मेघा के मुताबिक अरूण ने पांच लाख रुपये की मांग थी।
- उसने ढाई लाख का बोला तो अरुण ने कहा एसपी और टीआई को भी हिस्सा देना पड़ता है। अरुण ने एक बार मेघा को अवैध रूप से हिरासत में भी लिया था।
- वह रात 10 बजे बगैर कारण युवती के फ्लैट पर चला जाता था। साथ घूमने और फेवर करने का बोलने लगा था।
कमिश्नोरेट में जितने अफसर उतनी ही अंधेरगर्दी
- कमिश्नोरेट में थानों और वरिष्ठ कार्यालयों एसी दुर्गती पहले कभी नहीं हुई। आमजन को सुनवाई के लिए महीनों तक थानों के चक्कर लगाने पड़ते है।
- थाना प्रभारी खुफिया सेल बनाकर अवैध वसूली करवाते हैं।
- एसीपी कार्यालयों में तो बकायदा प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की सुनवाई के रेट फिक्स हैं।
- वकीलों और दलालों के माध्यम से एसीपी स्तर के अधिकारी भी रुपये लेते हैं।
- धोखाधड़ी के प्रकरणों के लिए प्रधान आरक्षक और एएसआई स्तर के अफसरों की टीम गठित कर ली गई है। आवेदक और अनावेदक से शुभ लाभ करने पर ही जांच प्रतिवेदन तैयार होता है।
पुलिसकर्मियों के कारनामों से बदनाम कमिश्नोरेट
- विजयनगर थाने के सिपाही अमित पर एक युवती ने गंभीर आरोप लगाए। अमित युवती पर दबाव बना रहा था।
- सट्टेबाजी के आरोपित इरफान के साथ एसीपी हिमांशु कार्तिकेय का वीडियो वायरल हुआ।
- खजराना का प्रधान आरक्षक कमलसिंह आवेदक की फाइल दबा कर बैठ गया।
- डीसीपी ने उसका डिमोशन किया।
- निरीक्षक रविंद्र गुर्जर बच्चों से रुपये वसूलने में फंसे। उनका डिमोशन कर एसआई बनाया।
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