सौरभ शर्मा के ग्वालियर स्थित घर पर 27 दिसंबर 2024 को छापा मारा गया था।
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। लोकायुक्त, ईडी और आयकर विभाग पहले ही उससे पूछताछ कर रहे हैं। अब उसकी नई मुश्किल ग्वालियर से शुरू होने वाली है। दरअसल, सौरभ ने परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति लेते समय शपथपत्र मे
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साैरभ की नियुक्ति को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू पहले ही लोकायुक्त में शिकायत कर चुके हैं। अब खबर यह है कि खुद परिवहन विभाग में उसके खिलाफ शिकायत की तैयारी चल रही है। शिकायत के लिए विभाग को मुख्यालय से हरी झंडी भी मिल गई है। जल्द पुलिस को पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा, उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ शिकायत भेजी जा सकती है।
5 और 7 फरवरी को सौरभ से जेल में मिलने मां उमा शर्मा पहुंची थीं।
कार में मिला था 11 करोड़ कैश और 52 किलो गोल्ड परिवहन विभाग का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा दिसंबर 2024 में चर्चा में आया था। तब लोकायुक्त, ईडी और आयकर विभाग ने उसके ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी। छापामारी के दौरान भोपाल के मेंडोरी में इनोवा कार से 11 करोड़ रुपए कैश और 52 किलो गोल्ड जब्त किए गए थे। इसके बाद सौरभ व उसके सहयोगियों की बेशुमार संपत्ति सामने आई थी।
सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों से अब तक तीन एजेंसियों लोकायुक्त, ईडी और आयकर विभाग ने पूछताछ की है। सूत्र बताते हैं कि अब तक हुई पूछताछ में सौरभ शर्मा ने यह स्वीकार नहीं किया है कि मेंडोरी में इनोवा कार में मिला सोना और कैश उसका है।
ऐसे में आयकर अफसरों के सामने यह परेशानी है कि कैश और गोल्ड के मालिक को सामने लाएं और अपनी जांच रिपोर्ट फाइल करें। सोमवार से शुक्रवार तक लगातार चार दिन तक केंद्रीय जेल में पहुंचकर पूछताछ कर रहे अधिकारियों की आगे भी अभी पूछताछ चलते रहने की संभावना है।
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मेंडोरी के जंगल से इनोवा कार में 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश जब्त किया गया था।
ग्वालियर में झूठे शपथ पत्र पर नियुक्ति की शिकायत आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू के मुताबिक सौरभ ने अपने अनुकंपा नियुक्ति आवेदन में तथ्य छिपाए थे। सौरभ ने आवेदन में परिवार के सदस्यों के कॉलम में अपने भाई की जानकारी छिपाई थी। सौरभ का बड़ा भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी में तैनात था, लेकिन सौरभ ने भाई की जानकारी ही छिपा ली।
सौरभ की मां उमा शर्मा ने आवेदन में सहमति कॉलम पर हस्ताक्षर किए थे। तत्कालीन CMHO ने इस आवेदन को वेरिफाई किया था। RTI कार्यकर्ता एडवोकेट संकेत साहू ने इस आवेदन पर सौरभ और तत्कालीन सीएमएचओ सहित अन्य लोगों पर केस दर्ज करने की मांग की थी।
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ईडी ने सौरभ शर्मा के ग्वालियर स्थित घर पर छापेमार कार्रवाई की थी।
झूठे शपथ पत्र पर अनुकंपा नियुक्ति का पेंच परिवहन विभाग में सूत्राें से जानकारी मिली है कि सौरभ शर्मा मामले में अनुकंपा नियुक्ति में लगे शपथ पत्र में बड़े भाई के होने और उसकी सरकारी नौकरी में होने की बात छिपाते हुए नियुक्ति ली थी।
इस पर भोपाल से इजाजत मिल गई है कि परिवहन विभाग ग्वालियर में संबंधित थाना में शिकायत कर कार्रवाई करें। इससे पहले आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू ने भी लोकायुक्त में शिकायत की है। शिकायत में यह दावा किया था…
- साल 2015 में सौरभ शर्मा के पिता राकेश कुमार शर्मा के आकस्मिक निधन के बाद उनकी मां उमा शर्मा ने बड़े बेटे सचिन शर्मा की सरकारी नौकरी की जानकारी छिपाकर झूठा शपथ पत्र पेश किया था। जिसके आधार पर सौरभ को 2017 में परिवहन विभाग में तृतीय श्रेणी के पद पर नियुक्ति मिली थी। जबकि सचिन पहले से ही छत्तीसगढ़ सरकार की सेवा में कार्यरत थे।
- आरटीआई एक्टिविस्ट ने इस नियुक्ति को पूरी तरह गैर-कानूनी बताते हुए सौरभ और उनकी मां के खिलाफ मामला दर्ज कर विस्तृत जांच की मांग की थी।
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ग्वालियर में 27 दिसंबर को ईडी ने छापेमारी की थी
27 दिसंबर 2024 की सुबह 5 बजे ईडी की टीम ने विनय नगर स्थित सौरभ शर्मा के घर पर छापा मारा था। टीम ने दिनभर की कार्रवाई के दौरान कई अहम दस्तावेज जब्त किए थे, जिन्हें बैग में भरकर ले जाया गया था। छापामार कार्रवाई में ईडी को जानकारी मिली थी कि सौरभ शर्मा की मां ने हाल ही में हाईवे पर करोड़ों की जमीन बेची थी।
टीम इस सौदे की सटीक राशि और लेन-देन की प्रक्रिया की जांच कर रही थी। इसके अलावा, सिटी सेंटर में उमा शर्मा के नाम पर कई संपत्तियां मिली थी, जिनमें एक व्यवसायिक बिल्डिंग शामिल थी, जहां थंब, टीबीआर और हैश टैग पब संचालित होते हैं।
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11 फरवरी को सौरभ और चेतन सिंह गौर को कोर्ट में पेश किया था।
भोपाल के मेंडोरी में इनोवा कार से जब्त किए गए 11 करोड़ रुपए कैश और 52 किलो गोल्ड के मामले में सबसे अहम किरदार चेतन सिंह गौर बनेगा। अब तक लोकायुक्त, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और आयकर विभाग सौरभ शर्मा से यह कबूल नहीं करा सके हैं कि यह सोना और कैश उसका है। पढ़ें पूरी खबर…
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