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KKR के सबसे महंगे खिलाड़ी पर प्राइस टैग का दबाव: वेंकटेश बोले- बड़ी रकम मिलना सरप्राइज था, लेकिन मैदान में परफॉर्म करना ही पड़ता है

KKR के सबसे महंगे खिलाड़ी पर प्राइस टैग का दबाव: वेंकटेश बोले- बड़ी रकम मिलना सरप्राइज था, लेकिन मैदान में परफॉर्म करना ही पड़ता है

तिरुवनंतपुरम2 घंटे पहले

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‘अगर कप्तानी मिलेगी तो मैं जरूर करूंगा। मैं पहले भी टीम के लीडरशिप रोल में रहा हूं। जरूरी नहीं है कि लीडर को कैप्टेंसी का टैग मिले।’

यह कहना है KKR के ऑलराउंडर वेंकटेश अय्यर का। वे कोलकाता की कप्तानी के सवाल का जवाब दे रहे थे। 30 साल के वेंकटेश ने IPL-2024 के फाइनल मैच में 26 बॉल पर नाबाद 52 रन की पारी खेलकर टीम को चैंपियन बनाया था। फिर मेगा ऑक्शन में कोलकाता ने उन्हें 23.75 करोड़ रुपए में खरीदा। वे IPL इतिहास चौथे सबसे महंगे खिलाड़ी हैं। इतना ही नहीं तीसरे सबसे महंग भारतीय खिलाड़ी भी बने। वेंकटेश कप्तानी के दावेदारों में शामिल हैं।

फिलहाल, वेंकटेश तिरुवनंतपुरम में केरल के खिलाफ मध्य प्रदेश से रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं। उन्हें अपनी टीम के पूरे-पूरे चांसेस नजर आते हैं। वेंकटेश ने पहली पारी में 80 बॉल पर 42 रन की पारी खेलकर टीम को न केवल संकट से उबारा, बल्कि 160 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।

मुकाबले से पहले वेंकटेश अय्यर ने दैनिक भास्कर से बातचीत की। वेंकटेश भारतीय क्रिकेटर्स के रणजी खेलने के सवाल पर वेंकटेश कहते हैं-

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यह अच्छा प्रयास है। इंडियन क्रिकेटर के रणजी खेलने से युवाओं का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा।

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भास्कर के सवालों पर वेंकटेश अय्यर के जवाब…

सवाल- रणजी के मौजूदा सीजन में मप्र के क्या चांस देखते हैं? वेंकटेश- चांसेस तो पूरे-पूरे हैं। अगर हम दोनों मैच बोनस अंक के साथ जीतते हैं, तो बिल्कुल मौका रहेगा। हम लोग कभी आगे का सोचकर नहीं खेलते हैं। मैच जीतना हमारे हाथ में है, आगे क्वालिफाई देखते हैं क्या होता है…?

सवाल- केरल और यूपी के खिलाफ खुद की क्या रणनीति है? वेंकटेश- हर टीम के खिलाफ एक जैसी रणनीति रहती है कि बैट और बॉल से मैं कैसे कॉन्ट्रीब्यूट करूं। दोनों डिपार्टमेंट में मैं कैसे अच्छा कर सकता हूं। रन बनाकर, विकेट लेकर या फिल्डिंग में कुछ कैच पकड़कर। केरला और यूपी के खिलाफ भी कोई डिफरेंट प्लान नहीं है। उनके बॉलर्स को स्टडी करूंगा। कोशिश करूंगा कि उसी हिसाब से बैटिंग करूं।

सवाल- विजय हजारे खास नहीं रहा, लेकिन मुश्ताक अली में अच्छा प्रदर्शन किया? वेंकटेश– मैं खुद को रन और विकेट से जज नहीं करता हूं। टीम पर मैंने क्या इम्पैक्ट डाला है। मैं खुद को उस हिसाब से जज करता हूं। विजय हजारे में उतरने मौके नहीं मिले। एक ही मैच में मेरी प्रॉपर बैटिंग आई थी। उसमें भी मैं दुर्भाग्य से रनआउट हो गया। मेरे लिए रन और विकेट उतने मैटर नहीं करते हैं, जितना कि इम्पैक्ट एक मैच का मैटर करता है खासकर वाइट बॉल में। कोशिश पूरी करी थी मैंने, लेकिन टीम पर वैसा रिजल्ट नहीं दिख पाया।

सवाल- पंजाब ने अय्यर और लखनऊ ने पंत को कप्तान बनाया है, दोनों को फ्रेंचाइजीज ने बड़ी राशि में खरीदा है। क्या आप भी फ्रेंचाइजी से कप्तानी की उम्मीद करते हैं? वेंकटेश– नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। अगर मिलेगी तो मैं जरूर करूंगा। मैं पहले भी टीम के लीडरशिप रोल में रहा हूं। जरूरी नहीं है कि लीडर को कैप्टेन्सी का टैग मिले। अगर मिलेगी तो बिल्कुल खुशी-खुशी करूंगा। नहीं मिली तो उसके बावजूद भी मैं टीम के लिए कंट्रीब्यूट करने के लिए रेडी हूं।

सवाल- भारत के तीसरे सबसे महंगे खिलाड़ी हैं। क्या इतनी बड़ी राशि की उम्मीद थी? वेंकटेश– नहीं, इतनी उम्मीद तो नहीं थी। थोड़ा-सा सरप्राइजिंग था। लेकिन, हां, खुश हूं कि सारी मेहनत रंग ला रही है। रिजल्ट के लिहाज से भी और फाइनेंशियल के लिहाज से भी। इतनी बड़ी राशि मिलना गर्व की बात है। यह बताता है कि कोलकाता ने मेरे ऊपर कितना भरोसा दिखाया है। मैं बहुत खुश हूं और उम्मीद करता हूं कि उस पर खरा उतर सकूं।

सवाल- टीम का सबसे महंगा खिलाड़ी…क्या इस टैग से दबाव बढ़ता है? वेंकटेश– दबाव तो रहेगा। अगर मैं ये कहूं कि प्राइस टैग का दबाव नहीं रहेगा तो यह सब झूठ है। डेफिनेटली दबाव तो रहता है। हम ऐसी दुनिया में रहते हैं, जिसमें सोशल मीडिया हावी है। लेकिन, जैसे ही IPL शुरू होता है, तो फर्क नहीं पड़ता कि कौन 20 करोड़ का प्लेयर है या 20 लाख का प्लेयर है। मुझे टीम के लिए कॉन्ट्रीब्यूट करना है और टीम को मैचेज जिताना है।

सवाल- खुद के लिए क्या रोल देखते हैं, पिछली बार क्या रोल मिला था? वेंकटेश– हमेशा से रोल रहता है कि जहां भी खेलूं टीम के लिए परफॉर्म करूं। पिछली बार फ्लोटर का रोल था। अलग-अलग पोजिशन पर बैटिंग करनी थी। यदि इस बार भी वह रोल मिलता है, तो मैं तैयार हूं।

सवाल- IPL-2025 में KKR के सामने खिताब बचाने की चुनौती है। खिताब जीतना ज्यादा कठिन मानते हैं या फिर टाइटल को बचाए रखना? वेंकटेश– हर टूर्नामेंट एक अलग टूर्नामेंट होता है। सारी टीमें अलग-अलग कॉम्बिनेशन के साथ खेलती हैं। ये फर्क नहीं पड़ता कि आप पिछली बार कैसा खेले थे। लेकिन, मुझे लगता है कि हमने हमारे कोर को रिटेन किया है। विनिंग टीम से 9 प्लेयर हमारे पास वापस आए हैं। जो हमें कॉन्फिडेंट फील कराएगा।

टूर्नामेंट शुरू होने के बाद ये फर्क नहीं पड़ता कि कौन डिफेंडिंग चैंपियन है। सबके मन में रहता है कि इस बार जीतना है। पास्ट में जो हुआ, वो सब भूल जाते हैं।

सवाल- पिछले फाइनल में सुनील नरेन 11 रन पर आउट हो गए थे। उसके बाद क्या रणनीति थी? वेंकटेश– मैं जिताने का ही ख्याल था। मेरे माइंड में यही था कि मुझे किसी को टेंशन नहीं देना है और जल्दी से मैच खत्म करना है। यही तरीका KKR का था। मैनेजमेंट में यही बात होती थी कि हम बैटिंग में क्राउट को कैसे इंटरटेन करें। कभी-कभी हो सकता है कि विकेट जल्दी गिर जाएं। लेकिन हर बैटर का यही इंटेंट था कि वो क्राउड को कैसे इंटरटेन करे।

कोलकाता को IPL-2024 का फाइनल जिताने के बाद वेंकटेश अय्यर और कप्तान श्रेयस अय्यर।

कोलकाता को IPL-2024 का फाइनल जिताने के बाद वेंकटेश अय्यर और कप्तान श्रेयस अय्यर।

सवाल- BCCI ने बड़े खिलाड़ियों को रणजी जैसे डोमेस्टिक टूर्नामेंट खेलने की सलाह दी है। इसे कैसे देखते हैं। इससे युवाओं को कितना लाभ मिलेगा? वेंकटेश– मुझे लगता है कि बहुत अच्छा प्रयास है। बड़े प्लेयर्स खेलेंगे तो जो टीम में हैं उनमें अच्छा माहौल तैयार होगा। सीनियर भी अपने अनुभव शेयर कर सकेंगे। डोमेस्टिक क्रिकेट का भी उतना ही महत्व है। यह बहुत बड़ा टूर्नामेंट है। यह खेलना अपने आप में बहुत बड़ा अचीवमेंट है। इंडियन प्लेयर के खेलने से डोमेस्टिक प्लेयर्स का भी आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

सवाल- एक्सपर्ट इम्पैक्ट प्लेयर नियम पर सवाल उठा रहे हैं। उनका तर्क है कि इससे ऑलराउंडर की भूमिका कम होगी। बतौर ऑलराउंडर आप इसे कैसे देखते हैं? वेंकटेश– मुझे नहीं लगता है कि ऑलराउंडर्स का रोल कम होगा। ये ऑलराउंडर्स को एक मौका देता है अपनी दोनों स्किल को यूज करने का। इसकी वजह से हार्दिक पंड्या, सुनील नरेन और आंद्रे रसेल ने 4 ओवर डालना बंद नहीं किया है।

इसका मतलब है कि अगर आप एक क्वालिटी ऑलराउंडर है। अगर आप में क्षमता है 4 ओवर डालने की और बैटिंग करने की। तो इस रूल से इतना फर्क नहीं पड़ेगा। यह रणनीति बनाते समय कैप्टंस को एक अतिरिक्त ऑप्शन देता है।

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