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Naming The Road Babulal Baheti Of Indore Is A True Tribute – Amar Ujala Hindi News Live

रविवार को एक समारोह में मेयर पुष्य मित्र भार्गव ने शहर के अग्रणी समाजसेवी रहे स्व. बाबूलाल बाहेती के नाम शहर का एक मुख्य मार्ग बड़े गणपति से महू नाका का नामकरण कर दिया। इंदौर में बाबूलाल जी का नाम आते ही दो बाबूलाल जी के नाम स्मरण पटल पर अंकित हो जाते हैं। एक बाबूलाल जी पाटोदी और दूसरे बाबूलाल जी बाहेती। दोनों अभिन्न मित्र और दोनों का कार्य क्षेत्र भी करीब एक समान था। बाबूलाल बाहेती को काका साहब के नाम से जाना जाता था। वे राजनीति से दूर थे पर राजनीतिज्ञों से दोस्ती रखते थे। काका साहब का कर्म क्षेत्र सेवाभाव का था, जिसे उन्होंने अपने संपूर्ण जीवन में समर्पण भाव से किया। वे शहर के समीप छोटे से गांव पिवड़ाय से आकर इंदौर में बसे और यहां कारोबार कर सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से अनेक  शैक्षणिक, धार्मिक और पारमार्थिक सेवाओं की सौगात देकर अलविदा हुए। 

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बड़ा गणपति से महूनाका की सड़क के नामकरण बाबूलाल बाहेती काकासाहब के नाम पर कर एक उचित निर्णय लिया गया है। इस मार्ग पर बाहेती द्वारा रोपित वैष्णव पॉलिटेक्निक संस्थान, क्लॉथ मार्केट हॉस्पिटल, वैष्णव् स्कूल, बड़ा गणपति पर क्लॉथ मार्केट कन्य महाविद्यालय आदि संस्थानों के स्थित होने के कारण आपके नाम पर यह मार्ग रखना नगर निगम और मेयर भार्गव की सराहनीय पहल है। आपका उद्देश्य आगामी पीढ़ी को शिक्षित बनाने और स्वास्थ्य जैसी सेवाओं के लिए समुचित सुविधा दिलवाना था। इन संस्थानों में पढ़े विद्याथी आज देश-विदेश में कार्यरत हैं।

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क्लॉथ मार्केट व्यापारी संगठन 1932 में बना

क्लॉथ मार्केट मर्चेंट एसोसिएशन की स्थापना 1932 में  गोपीकिशन अग्रवाल और बालकृष्ण मुछाल के नेतृत्व में हुई थी। इसके बाद 1939 में वैष्णव सहायक ट्रस्ट की स्थापना हुई थी। इस ट्रस्ट ने शिक्षा, स्वास्थ्य, मंदिर सेवा के प्रकोष्ठ संचालित किए। नगर के सबसे प्रतिष्ठित व्यावसायिक संगठन महाराजा तुकोजीराव क्लॉथ मार्केट मर्चेंट एसोसिएशन, जो कई संस्थाओं का संचालन करता है, में बाबूलाल बाहेती 10 वर्ष तक मंत्री एवं 25 वर्ष तक सर्वानुमति से अध्यक्ष रहे। 1993 में वे इस पद से मुक्त हुए। वे इंदौर क्लॉथ मार्केट कोऑपरेटिव बैंक के 9 वर्ष तक अध्यक्ष रहे। बाबूलाल बाहेती  38 से भी अधिक संस्थाओं से जुड़े रहे और सेवा कार्य में संलग्न रहे। 

कंपेल के समीप पिवड़ाय में हुआ था जन्म

बाबूलाल बाहेती का जन्म 3 अक्टूबर 1919 को इंदौर के कंपेल के समीप ग्राम पिवड़ाय गांव में हुआ था। 1942 में आप ग्राम पिवड़ाय से इंदौर आ गए थे। मैट्रिक करने के बाद इंदौर के होल्कर कॉलेज में उन्होंने बीए और अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने एलएलबी की परीक्षा पास की और वकालत करने लगे। लेकिन, उन्हें यह सब अधिक दिनों तक रास नहीं आया और कपड़ा मार्केट में  कपड़ों के व्यवसाय में लग गए। गीता भवन ट्रस्ट के संस्थापक बाबा बालमुकुंद और बाद में एनएम व्यास के साथ उन्होंने गीता भवन को नई पहचान दी। नगर की कई सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक, पारमार्थिक और स्वास्थ सेवा के लिए एक मिशन के रूप में कार्य करते रहे। फरवरी 2013 में 94 वर्ष की उम्र में आपका निधन हो गया था। उनके सुपुत्र डॉ. रमेश बाहेती भी शहर की अग्रणी शिक्षा संस्था सत्य साईं विद्यालय के प्रमुख ट्रस्टी और उद्योगपति हैं।

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