टेक ट्रांसपेरेंसी प्रोजेक्ट (TTP) की यह स्टडी YouTube के रिकमेंडेशन सिस्टम की सुरक्षा और युवा यूजर्स की भलाई पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चिंता बयां करती है। स्टडी में चार टेस्ट YouTube अकाउंट बनाए गए, जिनमें से दो की पहचान नौ वर्षीय लड़कों के रूप में और दो की पहचान 14 वर्षीय लड़कों के रूप में की गई। इन अकाउंट को असल युवाओं के समान चलाया गया और इनके जरिए गेमिंग प्लेलिस्ट देखकर वीडियो गेम में रुचि दिखाई गई।
रिसर्चर्स ने YouTube के एल्गोरिथम द्वारा इन अवयस्क अकाउंट के लिए सजेस्ट किए गए वीडियो का विश्लेषण किया, जिनमें से कुछ रिकमेंडेशन के हिसाब से गेमिंग टॉपिक पर थे, लेकिन कुछ बिल्कुल अलग और चिंताजनक थे।
YouTube का दावा रहता है कि प्लेटफॉर्म जिम्मेदार रिकमेंडेशन देता है, लेकिन इस रिसर्च ने कुछ और ही दिखाया। इसमें पाया गया कि YouTube ने सभी गेमर अकाउंट में शूटिंग और हथियारों से संबंधित कंटेंट को सजेस्ट किया। हालांकि, जिन अकाउंट ने सजेस्टेड वीडियो पर क्लिक किया, उन्हें बंदूक और शूटिंग से संबंधित काफी कंटेंट सजेस्ट किया गया। इन रिकमेंडेशन में स्कूल की गोलीबारी को दर्शाने वाले वीडियो, हथियारों को ऑटोमेटिक हथियारों में बदलने के तरीके और सीरियल किलर जेफरी डेहमर के बारे में एक फिल्म जैसे वीडियो शामिल थे।
इनमें से कई वीडियो हिंसा, हथियारों और चाइल्ड सेफ्टी पर YouTube की पॉलिसी का उल्लंघन करते हैं। इसके बावजूद, ऐसा प्रतीत होता है कि YouTube आयु-प्रतिबंधित करने या वीडियो को निकालने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करता है।
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2023-05-18 10:10:51
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