सिंधिया ने कहा कि स्टारलिंक के भारत में आने के बाद देश में सैटेलाइट दूरसंचार सेवाएं तेजी से पूरी तरह से चालू हो जाएंगी। इससे देश में ग्राहक आधार काफी हद तक बढ़ेगा। पहले, केवल एक फिक्स्ड हुआ करती लाइन थी, लेकिन आज मोबाइल कनेक्टिविटी, ब्राडबैंड कनेक्टिविटी और ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी भी आ गई है।
By Navodit Saktawat
Publish Date: Thu, 05 Jun 2025 09:44:11 PM (IST)
Updated Date: Thu, 05 Jun 2025 10:01:21 PM (IST)
HighLights
- इस लाइसेंस दिए जाने के बाद स्टारलिंक को स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा।
- अब तक देश की भारती वनवेब, रिलायंस जियो को ही लाइसेंस मिला हुआ है।
- स्टारलिंक के भारत में आने के बाद सैटेलाइट दूरसंचार सेवाएं चालू हो जाएंगी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को ग्वालियर विमानतल पर पत्रकारों को जानकारी दी कि एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में सेवाएं प्रदान करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने वाली तीसरी सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी होगी।
लाइसेंस दिए जाने के बाद स्टारलिंक को स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा। बता दें कि अब तक देश की भारती वनवेब और रिलायंस जियो को ही भारत सरकार के दूरसंचार विभाग से लाइसेंस मिला हुआ है। सिंधिया ने कहा कि स्टारलिंक के भारत में आने के बाद देश में सैटेलाइट दूरसंचार सेवाएं तेजी से पूरी तरह से चालू हो जाएंगी।
इससे देश में ग्राहक आधार काफी हद तक बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि स्टारलिंक की सैटेलाइट कनेक्टिविटी दूरसंचार गुलदस्ते में एक नए फूल की तरह है।
पहले, केवल एक फिक्स्ड हुआ करती लाइन थी, लेकिन आज मोबाइल कनेक्टिविटी, ब्राडबैंड कनेक्टिविटी और ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी भी आ गई है। इसके साथ ही अब सैटेलाइट कनेक्टिविटी भी बहुत महत्वपूर्ण है।
इंटरनेट की पहुंच केवल सैटेलाइट संचार सेवाओं के माध्यम से ही बढ़ाई जा सकती है, खासकर दूरदराज के इलाकों में जहां तार बिछाना और टावर लगाना मुश्किल होगा। ऐसे इलाकों में अब संचार सेवाओं को गति प्रदान की जाएगी।
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