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MP में सृष्टि आरंभ दिवस के रूप में मनाया जाएगा गुड़ी पड़वा, कालिदास समारोह में पुरस्कार राशि बढ़ेगी

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कालिदास का गढ़कालिका मंदिर से संबंध और उसके महत्व पर शिलालेख स्थापित किया जाना चाहिए। साथ ही कालिदास से संबंधित अन्य स्थलों पर भी जानकारी के बोर्ड भी लगाए जाएं। समारोह के दौरान दिए जाने वाले पुरस्कारों की राशि में वृद्धि की जाए।

By Kushagra Valuskar

Publish Date: Thu, 10 Oct 2024 09:21:18 PM (IST)

Updated Date: Thu, 10 Oct 2024 09:29:30 PM (IST)

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव। -फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में 30 मार्च को गुडी पड़वा पर्व को उज्जैन के साथ पूरे प्रदेश में विक्रम पर्व सृष्टि आरंभ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगम में विज्ञान और खगोल विषय से जुड़े विशेषज्ञों को विक्रमोत्सव में आमंत्रित किया जाए। इससे आयोजन की गरिमा बढ़ेगी और प्रदेश के युवाओं को भी इससे प्रेरणा मिलेगी।

कालिदास समारोह के लिए मुख्यमंत्री यादव के निर्देश

महोत्सव में होने वाले अखिल भारतीय कवि सम्मेलन को विक्रमादित्य पर केंद्रित किया जाए और कविताओं को लेखबद्ध करें। कालिदास समारोह के दौरान दिए जाने वाले पुरस्कारों की राशि में वृद्धि की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने बुधवार को मंत्रालय में विक्रमोत्सव-2025, अखिल भारतीय कालिदास समारोह और वीर भारत न्यास द्वारा निर्मित किए जा रहे संग्रहालय की समीक्षा करते हुए दिए।

भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा कार्यक्रम

उन्होंने कहा कि विक्रमोत्सव 2025 और अखिल भारतीय कालिदास समारोह को भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा। इसमें अतिथियों और विद्यार्थियों को महाकाल देवदर्शन के साथ उज्जैन के इतिहास, विज्ञान, संस्कृति और मूल्यों से परिचय कराया जाए। कालिदास संस्कृत अकादमी की केंद्रीय समिति की बैठक में बताया कि समारोह की शुरुआत गढ़कालिका मंदिर से दस नवंबर को वागअर्चन के साथ होगी।

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को आमंत्रित करने पर चर्चा

अभी पांच से लेकर दो लाख रुपये अलग-अलग पुरस्कार में दिए जाते हैं। 12 से 18 नवंबर तक होने वाले समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित करने पर चर्चा हुई। चूंकि, उस अवधि में महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं इसलिए उप राष्ट्रपति को आमंत्रित करने पर विचार किया गया। डा.यादव ने कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम को देखते हुए स्थायी अधोसंरचना विकास पर जोर दिया ताकि बार-बार खर्च न हो।

दो चरणों में चलेगा विक्रमोत्सव

विक्रमोत्सव दो चरण में चलेगा। पहले चरण का आयोजन महाशिवरात्रि से गुड़ी पड़वा तक उज्जैन में होगा। इसमें महाकाल शिवज्योति अर्पणम, विक्रम व्यापार मेला, मंदिरों में प्रभु श्रृंगार प्रतियोगिता, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, राष्ट्रीय वैज्ञानिक समागम, पौराणिक फिल्मों का अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव, विक्रम नाट्य समारोह, अंतर्राष्ट्रीय इतिहास समागम, प्रदर्शनी, प्रकाशन, अवार्ड, लोक प्रसिद्ध कलाकार की सांगीतिक प्रस्तुति आदि शामिल है।

वहीं, दूसरे चरण में 30 मार्च से ही 30 जून2025 तक पूरे प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत प्रदेश की नदियों, जल संरचनाओं के संरक्षण और संवर्धन का काम प्रदेश स्तर पर किया जाएगा। इसका समापन गंगा दशहरा पर होगा।विक्रमोत्सव के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम 101 दिन से अधिक समय तक प्रस्तावित है। गुडी पड़वा पूरे प्रदेश में 30 मार्च को विक्रम पर्व सृष्टि आरंभ दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

नवीन तकनीक का उपयोग करके कंटेंट का निर्माण करें

उधर, वीर भारत न्यास की बैठक में कहा गया कि उज्जैन में नव-निर्माणाधीन संग्रहालय को एक साहित्य और पारंपरिक संग्रहालय के स्थान पर एक्सपीरियंशल और एक्टिविटी बेस्ड बनाने के प्रयास हो। नवीन तकनीक का उपयोग कर मनोरंजक तरीके से कंटेंट का निर्माण करें। इसके लिए सुझाव देने के लिए समिति गठित की जाए। संग्रहालय में दीर्घाओं के विषय के आधार पर संग्रहालय के नाम परिवर्तन पर भी विचार किया जाए। बैठक में कुछ सदस्य वर्चुअली तो कुछ मुख्यमंत्री आवास स्थित कार्यालय से जुड़े।

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