केआरएच में आग लगने के बाद प्रसूताओं को शिफ्ट करते हुए स्टाफ।
ग्वालियर-चंबल संभाग के सबसे बड़े अस्पताल समूह जेएएच के कमलाराजा अस्पताल (KRH) में आगजनी कांड की जांच के लिए कलेक्टर ग्वालियर ने 7 सदस्यीय दल गठित किया है।
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जांच दल को 9 बिंदुओं पर पड़ताल कर 5 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट जमा करनी होगी। उसके बाद दोषी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। इन जांच के बिंदुओं में आग कैसे लगी, कब लगी, सबसे पहले कहां लगी से लेकर अग्निशमन यंत्र और कर्मचारियों के प्रशिक्षण तक को शामिल किया गया है।
बता दें, शनिवार-रविवार दरमियानी रात 1.20 बजे KRH के AC में ब्लास्ट के बाद आग लग गई थी। लेबर रूम यूनिट से लेकर आसपास के वार्ड से करीब एक सैकड़ा प्रसूताओं को सुरक्षित बाहर निकाला गया था।
किस्मत से समय रहते बड़ी घटना को टाल दिया था। उसके बाद KRH में सुरक्षा के इंतजाम पर सवार खड़े हुए थे। जिसको लेकर ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने जांच दल गठित किया है।
आगजनी के बाद सड़क पर ही प्रसूताओं को लिटाया गया था।
धुएं से भर गया था प्रसूति वार्ड ग्वालियर के कमलाराजा अस्पताल में 15 मार्च की दरमियानी रात 1.20 बजे AC फटने से आग लग गई थी। हादसा स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के लेबर रूम में हुआ था। लेबर रूम से सटे प्रसूति वार्ड में भी धुआं भर गया था। आसपास एक सैकड़ा प्रसूताएं व नवजात भर्ती थे। आनन-फानन में खिड़कियां तोड़कर 56 से ज्यादा महिला मरीजों को वार्ड से सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया था।
मरीजों की शिफ्टिंग का काम रविवार सुबह 4 बजे तक चलता रहा था। सूचना मिलते ही ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान भी आधी रात को हॉस्पिटल पहुंच गई थीं। कमलाराजा अस्पताल ग्वालियर संभाग के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल समूह का हिस्सा है। इस हादसे के बाद एक बार फिर जेएएच व उससे जुड़े अस्पताल में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए थे।
7 सदस्यीय जांच दल में ये रहेंगे ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान के आदेश में जिन अधिकारियों को जांच दल में रखा है, उनमें SDM झांसी रोड विनोद सिंह, CSP इंदरगंज रॉबिन जैन, अधीक्षक जयारोग्य अस्पताल डॉ. सुधीर सक्सेना, CMHO डॉ. सचिन श्रीवास्तव, फायर ऑफिसर नगर निगम उमंग प्रधान, कार्यपालन यंत्री E&M लोक निर्माण विभाग आयुषि सचान व असिस्टेंट इंजीनियर विद्युत सुरक्षा आर एस वैश्य शामिल हैं।
इन बिंदुओं पर होगी जांच कलेक्टर ग्वालियर चौहान ने घटना की जांच के लिये निम्न बिंदु निर्धारित किए हैं। जिनमें संपूर्ण जांच करने के बाद यह सात सदस्यीय दल अपना जांच प्रतिवेदन उनको सौंपेगा। जांच के 9 बिंदु इस प्रकार हैं।
- आगजनी की घटना का मूल कारण क्या है?
- आगजनी की घटना सबसे पहले कहां से शुरू हुई?
- आगजनी की घटना से कितनी शासकीय-अशासकीय सम्पत्ति प्रभावित हुई?
- हॉस्पिटल में फायर फाइटिंग सिस्टम एवं उससे संबंधित उपकरणों की व्यवस्था थी अथवा नहीं?
- क्या स्टाफ फायर फाइटिंग के लिए प्रशिक्षित है?
- हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा विद्युत सुरक्षा संबंधी प्रमाण-पत्र सक्षम प्राधिकारी लिया था?
- विद्युत सुरक्षा संबंधी इंतजाम किए गए थे या नहीं?
- आगजनी में हुए प्रभावित नुकसान की जानकारी?
- आगजनी की घटना के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है?
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