मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में नकल प्रकरण सामने आए हैं। इंदौर में 6 अभ्यर्थी स्मार्ट वॉच पहनकर परीक्षा देते पकड़े गए। इसके अलावा एक अभ्यर्थी पेंसिल और रबर लेकर भी पहुंचा था। आयोग ने इन अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की है और केंद्रों से रिपोर्ट मांगी है।
By Prashant Pandey
Publish Date: Mon, 02 Jun 2025 02:33:15 PM (IST)
Updated Date: Mon, 02 Jun 2025 02:38:52 PM (IST)
HighLights
- एमपीपीएससी परीक्षा में कम उपस्थिति, 54 प्रतिशत अभ्यर्थी ही पहुंचे।
- परीक्षा केंद्रों पर दो मर्तबा चेकिंग के बावजूद पहनकर गए स्मार्ट वॉच।
- एमपीपीएससी ने इन मामलों में सभी परीक्षा केंद्रों से रिपोर्ट मांगी है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर (Indore News)। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2024 के पहले चरण की परीक्षा रविवार को आयोजित करवाई। जहां अभ्यर्थियों की उपस्थिति काफी कम रही। इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर संभाग में बनाए केंद्रों पर सिर्फ 54 प्रतिशत अभ्यर्थी परीक्षा देने पहुंचे। कम उपस्थिति के बावजूद नकल प्रकरण सबसे ज्यादा बने। अकेले इंदौर में ही छह नकलची पकड़ गए।
प्रतिबंध होने के बाद भी अभ्यर्थी परीक्षा कक्ष तक स्मार्ट वॉच पहनकर गए, जबकि एक अभ्यर्थी अपने साथ पेंसिल और रबर रखे हुए था। इन प्रकरणों ने केंद्रों की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि अभ्यर्थियों के प्रवेश लेने के बाद अलग-अलग स्तर पर दो मर्तबा चेकिंग होती है। उधर केंद्राध्यक्ष अपनी सफाई देने में लगे हैं। उनके अनुसार अभ्यर्थी छिपाकर स्मार्ट वॉच परीक्षा कक्ष तक लेकर गए। हालांकि आयोग ने इन केंद्रों से भी रिपोर्ट मांगी है।
सबसे कम इंदौर में उपस्थिति
सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा के पहले चरण में 14 विषयों के अंतर्गत कुल 1,618 पदों रखे गए थे। इसके अतिरिक्त 187 खेल अधिकारी एवं 80 ग्रंथपाल पद भी शामिल हैं। परीक्षा के लिए 97 से अधिक परीक्षा केंद्रों पर लगभग 44 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।

मगर परीक्षा देने 23 हजार 760 अभ्यर्थी पहुंचे। अकेले इंदौर में ही 85 केंद्रों पर 31 हजार 839 अभ्यर्थियों की बैठने की व्यवस्था की गई, जिसमें 42 प्रतिशत उपस्थिति रही। महज 13 हजार 440 अभ्यर्थी आए थे।
पंद्रह मिनट तक पहुंचते रहे अभ्यर्थी
परीक्षा देने के लिए केंद्रों पर सुबह 9 बजे से अभ्यर्थी आने लगे थे। केंद्रों पर दो अलग-अलग स्तर पर अभ्यर्थियों की चेकिंग की गई, जिसमें लड़कों से स्मार्ट वाच और लड़कियों से इयररिंग तक उतरवाए गए। बाद में अभ्यर्थियों का बायोमैट्रिक से मिलान किया गया।
साथ ही फोटो आईडी भी जांची गई। कई केंद्रों पर इंदौर के अलावा उज्जैन, देवास, रतलाम, धार से भी अभ्यर्थी परीक्षा देने आए, जो परीक्षा शुरू होने से पंद्रह मिनट पहले पहुंचे। कुछ केंद्रों पर इन्हें रोका गया। तीखी बहस करने के बाद अभ्यर्थियों को अनुमति दी गई।
सामान्य रहा पेपर
दो सत्र में भर्ती परीक्षा रखी गई। प्रथम सत्र में सामान्य ज्ञान का प्रश्न पत्र सुबह 10 से 11 बजे तक तथा द्वितीय सत्र में विषय आधारित प्रश्न पत्र दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक हुई। सामान्य ज्ञान का प्रश्न पत्र काफी सरल रहा, जिसमें मध्य प्रदेश से जुड़े विषयों पर सवाल पूछे गए।
जबकि विषय आधारित प्रश्न पत्र भी रहे, जिसमें केमेस्ट्री, बाटनी, जूलाजी, फिजिक्स, गणित, इकानोमिक, राजनीति शास्त्र, हिन्दी, वाणिज्य, अंग्रेजी, भूगोल, समाज शास्त्र, कम्प्यूटर साइंस, इतिहास शामिल है। अभ्यर्थियों के मुताबिक फिजिक्स, गणित, इकानोमिक, कम्प्यूटर साइंस के पेपर थोड़े कठिन रहे। कई सवालों ने अभ्यर्थियों को उलझा दिया था। प्रश्न के उत्तर देने में काफी समय लगा।

उड़नदस्ते ने रखी नजर
आयोग ने परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने के लिए उड़नदस्ते भी बनाए थे। संभागीय स्तर पर 10 पर्यवेक्षक एवं 10 विशेष पर्यवेक्षकों ने केंद्रों को निरीक्षण किया। इस दौरान कुछ केंद्रों पर नकल प्रकरण बने है। इनके बारे में आयोग को रिपोर्ट भेज दी गई है।
प्रतिबंधित सामग्री लेकर पहुंचे अभ्यर्थी
आयोग के ओएसडी रवींद्र पंचभाई का कहना है कि परीक्षा को लेकर गाइडलाइन जारी की गई थी, जिसमें प्रतिबंधित सामग्री के बारे में पहले ही बताया गया था। बावजूद इसके कुछ अभ्यर्थी स्मार्ट वाच पहनकर परीक्षा देते पकड़ाएं है। इनका नकल प्रकरण बनाया गया है। साथ ही एक अभ्यर्थी पेंसिंल रबर लेकर भी पहुंचा था।
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