यह घटना 11 जुलाई को सामने आई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के एफएए की निगरानी में पूरे मामले की जांच की गई। किसी भी स्पेस लॉन्च के बाद वैज्ञानिकों को रॉकेट से जुड़ा डेटा मिलता है। मौजूदा मामले में पता चला है कि फाल्कन-9 रॉकेट के फर्स्ट स्टेज बूस्टर ने सामान्य प्रदर्शन किया था यानी अपना काम सही से किया।
हालांकि यह पता चला है कि फाल्कन 9 रॉकेट के सेकंड स्टेज इंजन ने जैसे ही फर्स्ट बर्न किया यानी खुद को स्टार्ट किया, अपर स्टेज इंजन के चारों तरफ इन्सुलेशन में लिक्विड ऑक्सीजन का रिसाव हो गया। लीक के बावजूद सेकंड स्टेज इंजन अपना काम करता रहा और सैटेलाइट को लेकर आगे बढ़ता गया।
इसके बाद एक और बर्न किया जाना था ताकि सैटेलाइट को उनकी कक्षा में सही से पहुंचाया जा सके। लेकिन लीक के कारण इंजन के पुर्जे बहुत ज्यादा ठंडे हो गए। इंजन को एक हार्ड स्टार्ट देना पड़ा, जिससे उसके हार्डवेयर डैमेज हो गए और रॉकेट के अपर स्टेज ने अपना कंट्रोल खो दिया।
स्पेसएक्स की टीम तब भी काम करती रही। उसने करीब 10 स्टारलिंक सैटेलाइट्स की ऊंचाई को बढ़ाने की कोशिश की, पर आखिरकार सभी 20 सैटेलाइट दोबारा पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गए और तबाह हो गए। फाल्कन-9 रॉकेट, स्पेसएक्स के सबसे कामयाब रॉकेट्स में से एक है, जिसने कई अंतरिक्ष मिशनों को सफलता के साथ पूरा किया है।
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2024-07-29 09:14:43
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